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UN दस्तावेज का दावा, तालिबान ने स्टाफ को धमकाया, मारपीट की: रिपोर्ट

Taliban के कब्जे से कई अफगानों में नाराजगी: UN मानवाधिकार प्रमुख

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अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जा करने के बाद तालिबान (Taliban) अपने बयानों में खुद की एक अलग तस्वीर पेश करने की कोशिश कर रहा है. दो प्रेस कॉन्फ्रेंस में तालिबान कह चुका है कि वो हर किसी को 'माफ' कर चुका है और संगठन सबकी सुरक्षा का ध्यान रखेगा. हालांकि, अफगानिस्तान से हर दिन आ रही खबरें इस उलट स्थिति बयां कर रही हैं. अब संयुक्त राष्ट्र (UN) के एक दस्तावेज में उसके कर्मचारियों के साथ मारपीट की भी बात सामने आई है.

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न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने UN का एक आंतरिक सुरक्षा दस्तावेज देखा है, जिसमें तालिबान के UN कर्मचारियों को पीटने और उत्पीड़न करने की कई घटनाओं का जिक्र है.

रॉयटर्स के मुताबिक, 22 अगस्त को तालिबान ने एक अफगान संयुक्त राष्ट्र सदस्य को काबुल एयरपोर्ट पहुंचने से रोक दिया था. UN सदस्य के वाहन को खंगाला गया और UN का पहचान पत्र मिलने के बाद सदस्य की पिटाई की गई.

वहीं, 23 अगस्त को तीन अज्ञात लोग एक अन्य UN स्टाफ सदस्य के घर पहुंचे. उन लोगों ने UN सदस्य के बेटे से उनके बारे में पूछा और धमकाने वाले अंदाज में कहा, "हम उसकी लोकेशन और वो क्या करता है, जानते हैं."

UN के आंतरिक सुरक्षा दस्तावेज में ऐसी कई घटनाओं का जिक्र है, जिन्हें रॉयटर्स ने 'छुपी हुई धमकी' बताया है. 10 अगस्त से ही UN दफ्तरों में लूट और स्टाफ सदस्यों के साथ मारपीट की घटनाएं होती रही हैं.

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तालिबान के दावे से उलट है सच्चाई

तालिबान कई मौकों पर अफगान और पश्चिमी देशों को आश्वासन दे चुका है कि वो लोगों के अधिकारों की रक्षा करेगा, लेकिन UN सदस्यों और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की खबरें लगातार आ रही हैं.

तालिबान ने कहा है कि वो दुर्व्यवहार की खबरों की जांच करेगा और मदद करने वाले संगठनों से अपना काम जारी रखने की अपील भी की है. साथ ही तालिबान ने कहा कि विदेश से मदद का स्वागत है लेकिन उसका इस्तेमाल अफगानिस्तान में राजनीतिक प्रभाव के लिए न हो.

UN प्रवक्ता स्टेफनी दुजार्रिक ने कहा, "काबुल की अथॉरिटीज की जिम्मेदारी है कि वो UN परिसरों और स्टाफ की रक्षा करें. हम इस संबंध में उनके संपर्क में हैं."

संयुक्त राष्ट्र ने अफगानिस्तान में अपने 300 विदेशी स्टाफ को कजाखस्तान शिफ्ट कर दिया है. अभी भी देश में 3000 अफगान UN स्टाफ मौजूद हैं.

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तालिबान के कब्जे से कई अफगानों में नाराजगी: UN मानवाधिकार प्रमुख

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैचेलेट ने कहा कि तालिबान के कब्जे ने मानवाधिकारों के उल्लंघन के पिछले पैटर्न की वापसी की गंभीर आशंका पैदा कर दी है और कई अफगानों में हताशा पैदा कर दी है. उन्होंने कहा कि हाल के हफ्तों में, उनके कार्यालय को अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून के उल्लंघन के नागरिकों पर प्रभाव के साथ-साथ संघर्ष के पक्षों द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन और मानवाधिकारों के हनन की कठोर और विश्वसनीय रिपोर्ट मिली है.

"खासकर, हमें अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून के गंभीर उल्लंघन और मानवाधिकारों के हनन की विश्वसनीय रिपोर्टें भी मिली हैं, जो प्रभावी तालिबान नियंत्रण के तहत कई क्षेत्रों में हो रही हैं. इसके अलावा, अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा बल, महिलाओं के अधिकारों पर प्रतिबंध, जिसमें उनके स्वतंत्र रूप से घूमने का अधिकार और लड़कियों के स्कूलों में जाने का अधिकार शामिल है, बाल सैनिकों की भर्ती और शांतिपूर्ण विरोध का दमन शामिल है."
मिशेल बैचेलेट

बैचेलेट ने कहा कि कई लोग अब सरकार या अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करने वालों के खिलाफ तालिबान द्वारा प्रतिशोध से डरते हैं. वो लोग जिन्होंने मानव अधिकारों और न्याय को आगे बढ़ाने के लिए काम किया है या जिनकी जीवनशैली और विचारों को तालिबान की विचारधारा के खिलाफ माना जाता है.

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