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अमेरिका में भारतीयों की नौकरी पर खतरा, H-1B वीजा परमिट में बदलाव

एच-1बी वीजा में बदलाव होने से भारतीय-अमेरिकन को होगा सबसे ज्यादा नुकसान

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अमेरिका में काम कर रहे हजारों भारतीयों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है. डोनाल्ड ट्रंप सरकार एच1-बी वीजाधारकों के जीवनसाथियों के काम के परमिट को खत्म करने की योजना बना रही है. इन गर्मियों में इस बारे में औपचारिक घोषणा हो सकती है. ऐसा होने पर 70,000 से अधिक लोग प्रभावित होंगे.

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पति-पत्नी को एक साथ नहीं मिलेगा वर्क परमिट

अमेरिकी सरकार की इस योजना के मुताबिक, अगर पति के पास एच-1 बी वीजा है, तो पत्नी को भी काम करने की अनुमति नहीं होगी. इसी तरह पत्नी के पास वीजा होने पर पति को काम करने का परमिट नहीं मिलेगा. फेडेरल एजेंसी के एक टॉप अधिकारी ने यह जानकारी दी.

बराक ओबामा के सत्ता में रहने के दौरान जीवनसाथी को काम परमिट देने का फैसला किया गया था. इस फैसले को खत्म करने से 70,000 से अधिक एच-4 वीजा धारक प्रभावित होंगे जिनके पास काम परमिट है.
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भारतीय-अमेरिकन को सबसे ज्यादा नुकसान

एच-4 वीजा एच -1 बी वीजाधारक के जीवनसाथी को जारी किया जाता है. इनमें से बड़ी संख्या में भारतीय स्किल्ड प्रोफेशनल हैं. उन्हें यह वर्क या काम परमिट ओबामा प्रशासन के कार्यकाल में जारी विशेष आदेश के जरिये मिला था. इस प्रावधान का सबसे अधिक फायदा भारतीय-अमेरिकियों को मिला था.

यूएस सिटीजनशिप और इमिग्रेशन सर्विसेस के स्टडी के मुताबिक, अमेरिका ने एच -1 बी वीजा धारकों के 71,000 जीवनसाथियों को रोजगार की अनुमति दी है. इनमें से 90 प्रतिशत से अधिक भारतीय हैं. अब अगर इस प्रावधान में बदलाव किए जाते हैं तो इसका सबसे ज्यादा नुकसान भारतीय अमेरिकन को ही होगा.

ओबामा प्रशासन के 2015 के नियम के मुताबिक, एच-1 बी वीजा धारकों के जीवनसाथियों को काम परमिट की अनुमति दी गई थी, अन्यथा वो कोई नौकरी नहीं कर सकते. वहीं इसका दूसरा रास्ता यह है कि एच-1 बी वीजाधारक स्थानीय निवासी का दर्जा हासिल करें. इस प्रक्रिया में एक दशक या अधिक का समय लगता है. ऐसे में ओबामा प्रशासन के इस नियम से उन एच-1 बी वीजाधारकों को फायदा हुआ था, जिनके जीवनसाथी भी अमेरिका में नौकरी करना चाहते हैं.

(इनपुटः PTI)

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