तुर्की (Turkey) के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdogan) ने 10 पश्चिमी देशों के राजदूतों को निष्कासित करने का आदेश दे दिया है. अमेरिका, जर्मनी और फ्रांस सहित इन 10 देशों के राजदूतों ने तुर्की के जेल में बंद नागरिक समाज के नेता की रिहाई की अपील की थी.
इनमें से सात राजदूत तुर्की की सदस्यता वाले NATO सहयोगी देशों का प्रतिनिधित्व करते हैं और यदि उन्हें राष्ट्रपति के आदेश के बाद तुर्की से बाहर किया जाता है तो एर्दोगन के लिए अपने 19 वर्षों की सत्ता में पश्चिम के साथ सबसे बड़े विवाद का रास्ता खुल जाएगा.
अमेरिका, जर्मनी, कनाडा, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे और स्वीडन के दूतों ने नागरिक समाज के नेता, व्यवसायी और फिलांथ्रोपिस्ट उस्मान कवला को रिहा करने के लिए ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी किया था.
राष्ट्रपति एर्दोगन ने क्या कहा ?
राष्ट्रपति एर्दोगन ने शनिवार, 23 अक्टूबर को कहा कि , "मैंने अपने विदेश मंत्री को इन 10 राजदूतों को जल्द से जल्द Persona non grata (व्यक्ति जिसका स्वागत नहीं है) घोषित करने का आदेश दिया है." गौरतलब है कि ‘Persona non grata’ एक कूटनीतिक शब्द है जिसका इस्तेमाल किसी राजदूत को निकालने से पहले करते हैं.
हालांकि राष्ट्रपति एर्दोगन ने इसके लिए एक निश्चित तिथि निर्धारित नहीं की.
राष्ट्रपति एर्दोगन ने राजदूतों पर "अभद्रता" का आरोप लगाते हुए कहा, "उन्हें तुर्की को जानना और समझना चाहिए… उन्हें उस दिन यहां से चले जाना चाहिए जिस दिन वे तुर्की को नहीं जानते"
कौन है उस्मान कवाला ?
उस्मान कवाला 2017 के अंत से ही जेल में बंद हैं. उन पर 2013 में देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के फाइनेंस और 2016 के असफल तख्तापलट में शामिल होने का आरोप लगाया गया है. हालांकि वह आरोपों से इनकार करते हैं.
इस महाद्वीप की शीर्ष मानवाधिकार वाचडॉग कॉउंसिल ऑफ यूरोप ने कवला के लंबित मुकदमे को जारी करने को लेकर 2019 यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय के आदेश का पालन करने के लिए तुर्की को अंतिम चेतावनी दी थी.
यदि तुर्की 30 नवंबर से 2 दिसंबर तक अगली बैठक में ऐसा करने में विफल रहता है तो स्ट्रासबर्ग स्थित ‘कॉउंसिल ऑफ यूरोप’ उसके खिलाफ अपनी पहली अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने के लिए वोट कर सकती है.
मालूम हो कि पाकिस्तान के बाद फाइनैंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने तुर्की को भी झटका दिया. तुर्की को एफएटीएफ ने 22 अक्टूबर को ग्रे लिस्ट में डाल दिया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)