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यूएन ने कहा, कोरोना के दौर में जैविक हथियारों से हो सकता है हमला 

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के महासचिव ने कहा है कि कोरोनावायरस के इस दौर का आतंकवादी फायदा उठा सकते हैं

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संयुक्त राष्ट्र सिक्योरिटी काउंसिल के सेक्रेट्री जनरल एंटोनियो गुटेरेस ने दुनिया भर में फैली COVID-19 महामारी की बीच जैव आतंकवाद के खतरों से आगाह किया है. गुटेरेस ने कहा है कि दुनिया जिस वक्त इस महामारी से लड़ने में लगी हो, उस वक्त आतंकी मौका देख कर हमला कर सकते हैं.

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कोरोना के दौर में बायो टेररिज्म का खतरा

गुटेरेस ने कहा कि COVID-19 जैसी महामारी ने ऐसे खतरों से लड़ने की दुनिया की तैयारियों और कमजोरियों को उजागर कर दिया है. ऐसे हालात से जैव आतंकवादियों को हमले का मौका मिल सकता है. इससे इस बीमारी के जोखिम और खतरे कई गुना बढ़ जाएंगे.

गुटेरेस ने कहा आतंकी महामारी फैलाने के लिए वायरस की और खतरनाक प्रजाति के जरिये हमला कर सकते हैं. इससे कोरोनावायरस की तरह और अधिक खतरा और जोखिम पैदा हो सकता है. कोरोनावायरस संक्रमण की वजह से फैली बीमारी मुख्य तौर पर एक हेल्थ क्राइसिस है लेकिन इसका असर कहीं ज्यादा व्यापक है. इस तरह के हालात जैव आतंकवादियों को कहर बरपाने का मौका मुहैया करा सकते हैं.

दुनिया पर बढ़ा दबाव, मुश्किल दौर

उन्होंने कहा कि दुनिया का हर देश इस वक्त कोरोना वायरस के कहर से जूझ रहा है. हजारों लोगों की मौत हो चुकी है. परिवार बिखर गए हैं. अस्पतालों पर दबाव बढ़ गया है. उनके स्टाफ रात-दिन काम कर रहे हैं.

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दुनिया भर में 1,603,719 लोग कोरोनावायरस से संक्रमित हैं. 95,722 लोगों की मौत हो चुकी है. सबसे ज्यादा मौतें इटली, अमेरिका, स्पेन और फ्रांस में हुई है. समाचार एजेंसी एएफपी ने जॉन्स हॉपकिन्स के हवाले से बताया है कि अमेरिका में पिछले 24 घंटों में 1,783 मौतें कोरोनोवायरस की वजह से हुई हैं. भारत में 5800 के पार केस, अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन का ऐलान किया गया है. देश के कई राज्यों में कोरोनावायरस संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं.

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