अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच धमकी का सिलसिला फिर से शुरू हो गया है. इसबार उत्तर कोरिया नहीं बल्कि अमेरिका ने उत्तर कोरिया को चेतावनी दी है. 12 जून को सिंगापुर में दोनों देशों के हेड किम जोंग और डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात होनी है. अमेरिका ने मुलाकात से पहले किसी भी तरह की साजिश को लेकर उत्तर कोरिया को चेताया है.
अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने उत्तर कोरिया के चीफ किम जोंग उन को अगले महीने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के दौरान किसी भी तरह के षडयंत्र रचने की कोशिश को लेकर चेतावनी दी है.
'फॉक्स न्यूज' को दिए अपने इंटरव्यू के दौरान पेंस ने कहा,
अगर डोनाल्ड ट्रंप के साथ कोई षडयंत्र होता है तो किम जोंग उन के लिए बड़ी गलती होगी. अगर दोनों की मुलाकात में कुछ भी गड़बड़ होने की आशंका हुई तो ट्रंप 12 जून को होने वाले सम्मेलन को छोड़ भी सकते हैं.
उत्तर कोरिया ने भी दी थी धमकी
इससे पहले उत्तर कोरिया ने अमेरिका को धमकी दी थी कि वो परमाणु कार्यक्रम छोड़ने के लिए उत्तर कोरिया पर एकतरफा दबाव ना बनाए. और अगर अमेरिका ऐसा करता है तो दोनों के बीच सिंगापुर में 12 जून को होने वाली मीटिंग कैंसिल कर दी जाएगी.
"उत्तर कोरिया को 'लीबिया मॉडल' का पालन चाहिए"
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने उत्तर कोरिया को सुझाव दिया था कि उत्तर कोरिया को परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए 'लीबिया मॉडल' का पालन करना चाहिए.
लीबिया के पूर्व नेता मुअम्मर गद्दाफी ने 2003 में पश्चिमी शक्तियों के साथ एक समझौता किया था, जिसके तहत देश पर लगे प्रतिबंधों को हटाने के बदले उसने अपने परमाणु कार्यक्रम को खत्म करने पर सहमति जताई थी. लीबिया के इसी सहमति को ‘लीबिया मॉडल’ कहा जाता है.
वहीं उत्तर कोरिया ने भी जॉन बोल्टन की टिप्पणियों के बाद बैठक से अलग होने की धमकी दे दी है.
बता दें कि कोल्ड वॉर के समय से दुश्मन रहे अमेरिका और उत्तर के टॉप नेता के बीच ये पहली शिखर वार्ता होने वाली है. लेकिन इस घटनाक्रम के बाद अब यह मुलाकात संदेह के घेरे में है.
ये भी पढ़ें-
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)