अमेरिका में टेक्सास (Texas School Shooting) स्टेट के एक एलिमेंट्री स्कूल में 18 साल के एक बंदूकधारी ने अंधाधुंध गोलीबारी करके 18 बच्चों समेत 21 लोगों की हत्या कर दी. जबकि इस घटना में कई मासूम घायल हुए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस कार्रवाई में हमलावर मारा जा चुका है. इस खूनी मंजर को देख कर पूरी दुनिया स्तब्ध है. अमेरिका में लगातार बढ़ रही गोलीबारी की घटनाओं के बाद गन कल्चर (Gun Culture) पर सवाल उठने लगे हैं. इसके साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने लगातार हो रही गोलीबारी की घटनाओं को लिए गन लॉबी (Gun Lobby) को जिम्मेदार ठहराया है.
चलिए समझने की कोशिश करते हैं कि अमेरिका में Gun Lobby कितना हावी है. इसके साथ ही जानने की कोशिश करेंगे कैसे Gun Culture मासूमों की जान ले रहा है? क्या है जो बाइडेन के सामने ताजा चुनौतियां? और क्या है बंदूक खरीदने का कानून?
हत्याकांड के लिए 'गन लॉबी' जिम्मेदार- बाइडेन
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने टेक्सास हत्याकांड के लिए 'गन लॉबी' को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि अब इसके खिलाफ कदम उठाने का समय आ गया है. उन्होंने कहा कि,
"गन मार्केट काफी तेजी से बढ़ रहा है. एक राष्ट्र के तौर पर हमें ये पूछना होगा कि भगवान के नाम पर हम कब बंदूकों की लॉबी के खिलाफ खड़े होंगे और हमें क्या करने की जरूरत है? माता-पिता अपने बच्चों को फिर कभी नहीं देखे पाएंगे. यह आत्मा को चीर देने जैसा है."
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि "मैं ये सब कुछ देखकर थक चुका हूं. मैं सभी पेरेंट्स और लोगों से अपील करना चाहता हूं कि ये समय कुछ करने का है. हम इसे ऐसे ही भूल नहीं सकते हैं. हमें इसके लिए कुछ ज्यादा करना होगा. इस दर्द को एक्शन में बदलने का वक्त है."
बाइडेन चाहे जो भी दावा करें लेकिन अमेरिका में गन लॉबी इतनी ज्यादा ताकतवर है कि कोई उसका विरोध करने की हिम्मत नहीं कर पाता है. यही वजह है कि अमेरिका में गन कल्चर एक 'महामारी' में तब्दील हो गया है.
साल 2020 में 1 करोड़ से ज्यादा बंदूकों का निर्माण
BATFE की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 20 साल में अमेरिका में बंदूकों की खपत में 3 गुना की वृद्धि हुई है. अमेरिका के बंदूक निर्माताओं ने साल 2020 में 1.1 करोड़ से भी ज्यादा बंदूकें बनाई हैं, जो 2000 में बनाई गई कुल बंदूकों का 10 गुना है.
वहीं बाइडेन प्रशासन ने संदेह जताया है कि साल 2016 से 2021 के बीच 45000 से ज्यादा बंदूकें अमेरिका में अवैध तरीके से बनाई गई है. इन बंदूकों को आमतौर पर 'घोस्ट गन' के रूप में जाना जाता है.
साल 2021 में 20,000 'घोस्ट गन' को बरामद किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक साल 2000 में 39 लाख 32 हजार 734 बंदूकों का निर्माण हुआ था, जो साल 2020 में बढ़कर 1 करोड़ 10 लाख 63 हजार 910 हो गई है.
बंदूक ने एक साल में ली 45 हजार लोगों की जान
PEW रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में साल 2020 में 45,222 लोगों की मौत बंदूक से घायल होने की वजह से हुई. जिसमें से 54 फीसदी लोगों की मौत बंदूक से आत्महत्या करने के कारण और 43 फीसदी की मौत हत्या की वजह से हुई. जबकि 3 फीसदी की मौत अन्य वजहों से हुई. वहीं 2020 में सड़क हादसे में केवल 40,698 लोग मारे गए.
अगर इन आकड़ों की तुलना पिछले 5-10 साल से की जाए तो पिछले 5 साल में बंदूक की वजह से हुई मौतों में 54 फीसदी और 10 साल में बंदूक की वजह से हुई मौतों में 75 फीसदी का इजाफा हुआ है. आंकड़ों से साफ है कि अमेरिका में बंदूक से लोगों की मौत में बहुत तेजी से इजाफा हो रहा है.
अमेरिका में हथियार खरीदना बेहद आसान
अमेरिका में हथियार खरीदना बेहद आसान है. साल 1791 में अमेरिका के संविधान में दूसरा संशोधन लागू किया गया. इसके तहत अमेरिकी नागरिकों को हथियार रखने के अधिकार दिए गए थे. जिस तरह भारत में लोग आसानी से मोबाइल और सिम खरीदते हैं, उसी तरह अमेरिका में लोग हथियार खरीद लेते हैं. लेकिन इस गन कच्लर की कीमत अमेरिका अब भुगत रहा है. अमेरिका अपनी आजादी के 231 साल बाद भी इस कानून को नहीं बदल पाया है.
PEW की रिपोर्ट के मुताबिक 44 फीसदी रिपब्लिकन नेताओं और 20 फीसदी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं के पास बंदूक है. वहीं अमेरिका में 39 फीसदी पुरूषों और 29 फीसदी महिलाओं के पास बंदूक है. ग्रामीण इलाकों में रहने वाले 41 फीसदी और शहरी इलाकों में 29 फीसदी लोगों के पास बंदूकें हैं.
18 साल की उम्र से पहले बंदूक खरीदने की छूट
अमेरिका में भले ही 21 साल से पहले शराब खरीदना गैरकानूनी हो, लेकिन 18 साल की उम्र से पहले हथियार खरीदने की छूट है. द गन कंट्रोल एक्ट 1968 (GCA) कहता है कि राइफल या कोई भी छोटा हथियार खरीदने के लिए उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए. वहीं दूसरे हथियार मसलन हैंडगन खरीदने के लिए 21 साल की उम्र होनी चाहिए.
इससे अमेरिका के युवा मनमाने ढंग से इन खतरनाक हथियारों को आसानी से खरीदते हैं और बाद में पर्सनल दुश्मनी या मानसिक अवसाद के चलते यही हथियार लोगों की जान ले लेते हैं.
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