रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह (Brijbhushan Singh) के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को उठाने वाले पहलवानों के विरोध (Wrestler Protest) को आम जनता के बीच समर्थन मिलता दिख रहा है.
सीवोटर द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, सर्वे में शामिल 66.5 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनका मानना है कि विरोध करने वाले पहलवान सच बोल रहे हैं. केवल 17.3 फीसदी ने कहा कि वे बृजभूषण शरण सिंह को सही मानते हैं.
सर्वे में बीजेपी वोटरों से इस पर राय मांगी गई तो पता चला कि 54.1 प्रतिशत एनडीए मतदाता भी पहलवानों का विश्वास करते हैं, जबकि बृजभूणृषण सिंह बीजेपी सांसद हैं.
यौन उत्पीड़न की जांच के मामले में दिल्ली पुलिस की अब तक की कार्रवाई को लेकर सर्वे में हिस्सा लेने वाले काफी हद तक असंतोष हैं. 40.1 फीसदी लोगों ने कहा कि वे दिल्ली पुलिस की अब तक की गई कार्रवाई से 'पूरी तरह से असंतुष्ट' हैं, जबकि 18.6 फीसदी ने कहा कि वे 'कुछ हद तक असंतुष्ट' हैं.
इसका मतलब ये हुआ कि, कुल मिलाकर सर्वे में हिस्सा लेने वाले लगभग 59 प्रतिशत लोग असंतुष्ट हैं. केवल 16.4 प्रतिशत ने कहा कि वे पूरी तरह से संतुष्ट हैं और 13.2 प्रतिशत ने कहा कि वे कुछ हद तक संतुष्ट हैं. यह कुल 30 प्रतिशत से थोड़ा कम है.
इस मामले में कौन दोषी: पुलिस, खेल मंत्रालय या पहलवान?
इस सवाल पर भी लोगों की राय बंटी है. जहां 36.6 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इस मसले का कोई समाधान इसलिए नहीं निकल पाया क्योंकि 'पुलिस जांच धीमी गति' से हो रही है. इसके लिए पुलिस जांच जिम्मेदार है, वहीं 32 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इसके लिए केंद्रीय खेल मंत्रालय और खेल मंत्री जिम्मेदार हैं.
यहां तक की एनडीए के मतदाताओं ने भी पुलिस या खेल मंत्रालय को ही दोष दिया है. एनडीए के मतदाताओं के रूप में पहचाने जाने वाले 34.5 प्रतिशत लोगों ने पुलिस को दोषी ठहराया जबकि 27 प्रतिशत ने खेल मंत्री और मंत्रालय को दोषी ठहराया.
खेल मंत्रालय और दिल्ली पुलिस दोनों ही केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के नियंत्रण में हैं.
बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग
एनडीए के 43.3 फीसदी वोटरों ने कहा कि जांच पूरी होने से पहले ही बृजभूषण को गिरफ्तार कर लिया जाना चाहिए जबकि उनमें से 36.6 फीसदी का कहना है कि उन्हें अभी गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए.
विपक्षी दलों के मतदाताओं में 64.1 फीसदी लोगों ने गिरफ्तारी के पक्ष में बात रखी और विरोध में 20.5 फीसदी ने अपनी बात रखी. कुल मिलाकर देखें तो गिरफ्तारी के पक्ष में 55.8 प्रतिशत और विरोध में 26.8 प्रतिशत लोग हैं.
क्या इससे बीजेपी को कोई नुकसान होगा?
सर्वे में शामिल 46.7 प्रतिशत लोगों ने कहा कि, इस विवाद से 'बीजेपी को बहुत नुकसान' होगा, 17.6 प्रतिशत ने कहा कि यह 'कुछ हद तक' बीजेपी को नुकसान पहुंचाएगा, जबकि 22.5 प्रतिशत ने कहा कि इससे कोई नुकसान नहीं होगा.
वहीं एनडीए समर्थक इस पर बंटे हुए हैं- उनमें से 33.2 फीसदी ने कहा कि विवाद से बीजेपी को बहुत नुकसान होगा और 33.5 फीसदी ने कहा कि इससे पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा.
क्या प्रधानमंत्री मोदी को को कुछ करना चाहिए?
एनडीए समर्थकों, विपक्षी समर्थकों और सर्वे में शामिल सभी लोगों ने कहा कि पीएम मोदी को इस विवाद में हस्तक्षेप करना चाहिए. कुल मिलाकर 68.3 प्रतिशत उत्तरदाताओं, 75.5 विपक्षी मतदाताओं और 57.5 एनडीए मतदाताओं ने कहा कि पीएम मोदी को इस विवाद में हस्तक्षेप करना चाहिए.
क्या पहलवानों का राजनीतिक दलों और खापों से मदद लेना सही है?
सर्वे में शामिल 64.2 प्रतिशत विपक्षी मतदाताओं ने खापों की मदद लेने वाले पहलवानों का समर्थन किया जबकि 54.3 प्रतिशत ने कहा कि उनके लिए राजनीतिक दलों का समर्थन लेना ठीक है.
एनडीए के वोटरों में 42 फीसदी ने खापों के समर्थन को सही बताया जबकि 44.2 फीसदी ने इसका विरोध किया. एनडीए के 50.5 फीसदी मतदाताओं का कहना है कि पहलवानों का राजनीतिक दलों की मदद लेना गलत है जबकि 32 फीसदी का कहना है कि यह सही है.
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