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यशवंत सिन्हा विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार, ममता बनर्जी-जयराम रमेश ने की तारीफ

Yashwant Sinha: हम चाहते हैं कि ऐसा प्रत्याशी सामने रखा जाए जो लोकतंत्र की रक्षा कर सके- मल्लिकार्जुन खड़गे

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राष्ट्रपति चुनाव (Indian Presidential Election) के लिए विपक्ष ने राष्ट्रपति पद के लिए यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को अपना साझा उम्मीदवार बनाया है. सिन्हा, जिन्होंने पहले बीजेपी सरकार में मंत्री के रूप में काम किया था, पिछले साल 2018 में बीजेपी से इस्तीफा देने के बाद वे तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हुए थे. बाद में उन्हें टीएमसी के उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने कहा कि यशवंत सिन्हा के कैंपेन को आगे बढ़ाने के लिए एक कमेटी का गठन भी किया गया है.

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वरिष्ठ कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम चाहते हैं कि ऐसा प्रत्याशी सामने रखा जाए जो लोकतंत्र की रक्षा कर सके. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए आम सहमति बनाने का कोई गंभीर प्रयास नहीं किया.

विपक्ष द्वारा यशवंत सिन्हा के नाम पर मुहर लगाए जाने के बाद उन्होंने ट्वीट किया कि, "टीएमसी में उन्होंने मुझे जो सम्मान और प्रतिष्ठा दी इसके लिए मैं ममता जी का आभारी हूं, अब समय आ गया है जब एक बड़े राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए मुझे पार्टी से हटकर अधिक विपक्षी एकता के लिए काम करना होगा. मुझे यकीन है कि वह इस कदम को स्वीकार करेगी."

टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने ट्वीट किया कि, "मैं यशवंत सिन्हा को सभी प्रगतिशील विपक्षी दलों द्वारा समर्थित सर्वसम्मत उम्मीदवार बनने पर बधाई देना चाहती हूं. आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए महान सम्मान और कुशाग्र बुद्धि के व्यक्ति, जो निश्चित रूप से हमारे महान राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने वाले मूल्यों को बनाए रखेंगे!"

जयराम रमेश ने साझा बयान में कहा कि, "सार्वजनिक जीवन में अपने लंबे और प्रतिष्ठित करियर में, यशवंत सिन्हा ने विभिन्न क्षमताओं में देश की सेवा की है - एक सक्षम प्रशासक, कुशल सांसद और प्रशंसित केंद्रीय वित्त और विदेश मंत्री के रूप में. वह भारतीय गणराज्य और उसके संवैधानिक मूल्य, देश के धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक चरित्र को बनाए रखने के लिए विशिष्ट रूप से योग्य हैं."

इस बैठक में 13 दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत तमाम दल के प्रतिनिधि थे. इससे पहले यशवंत सिन्हा को तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, इसके बाद से अटकलें लगाई जा रही थीं कि उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष का प्रत्याशी घोषित किया जा सकता है.

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