ADVERTISEMENTREMOVE AD
मेंबर्स के लिए
lock close icon

ऐश्वर्या रेड्डी सुसाइड केस और चरमराते एजुकेशन सिस्टम पर उठते सवाल

जब देश में इतनी सामाजिक असमानता और डिजिटल डिवाइड हैं, तो ऐसे में भारत आत्मनिर्भर कैसे बन पायेगा?

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

रिपोर्ट: फबेहा सय्यद
सीनियर डेस्क राइटर: वैभव पलनीटकर
म्यूजिक: बिग बैंग फज

(अगर आपके मन में भी सुसाइड का ख्याल आ रहा है या आपके जानने वालों में कोई इस तरह की बातें कर रहा हो, तो लोकल इमरजेंसी सेवाओं, हेल्पलाइन और मेंटल हेल्थ NGOs के इन नंबरों पर कॉल करें.)

अब तक नवंबर महीने में भारत में बिहार चुनाव ने और दुनिया भर में अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव की खबरों ने हेडलाइन बनाई हैं. लेकिन इन ख़बरों के बीच एक खबर है जो दब गई है. ये खबर है तेलंगाना में दिल्ली के LSR कॉलेज स्टूडेंट की सुसाइड से मौत. 19 साल की होनहार  छात्रा ऐश्वर्या रेड्डी ने एक सुसाइड नोट छोड़ा था जिसमें उसने अपने परिवार के ऊपर पड़े आर्थिक संकट को ही अपने कदम के लिए ज़िम्मेदार ठहराया. ऐश्वर्या  को स्कालरशिप मिला करती थी, लेकिन महामारी की वजह से स्कालरशिप के पैसे भी नहीं आ रहे थे, यहां तक कि ऑनलाइन क्लासेस के लिए सेकंड हैंड लैपटॉप तक लेने के भी पैसे ऐश्वर्या के परिवार के पास नहीं थे. और इन तमाम परिस्थितियों ने आखिरकार एक सेकेंड ईयर स्टूडेंट की जान ले ली.

महामारी की वजह से आए आर्थिक संकट और बढ़ते जा रहे मानसिक तनाव की ये दास्तान सिर्फ ऐश्वर्या की ही नहीं बल्कि भारत के सैंकड़ो छात्रों की है. आज पॉडकास्ट में बात, इसी पर.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×