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शेयर बाजार की इस भारी गिरावट में म्यूचुअल फंड निवेशक क्या करें?

2008 की आर्थिक मंदी के बाद बाजार अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है

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बाजार में बीता हफ्ता खौफनाक रहा है. बाजार में 12 साल पहले 2008 में आई मंदी के दौरान भी इतनी भयानक कमजोरी देखने को नहीं मिली थी. अगर पिछले 1 महीने के बाजार के आंकड़ों पर नजर डालें तो स्टॉक मार्केट करीब 18-20% टूट चुका है. मतलब अगर आपने अपने म्यूचुअल फंड, SIP या रिटेल निवेश के जरिए शेयर बाजार में 100 रुपये लगाए थे, तो ये बढ़ने की बजाए उल्टे घटकर 80 रुपये ही रह गए हैं. सोचिए जिन्होंने लाखों-करोड़ों रुपये स्टॉक मार्केट में लगाए होंगे उनके ये लाखों करोड़ों रुपये कुछ ही घंटों में स्वाहा हो गए. डॉलर के मुकाबले रुपया भी कमजोर हो रहा है और रुपया 13 मार्च को अपने नए निचले स्तर पर पहुंच गया.

अभी तक हमने बाजार और इकनॉमी की जो डरावनी कहानी सुनाई इस कहानी का सबसे बड़ा विलेन है कोरोनावायरस. इस महामारी ने पूरी दुनिया के बाजारों को झटका दे दिया है और इसका आगे क्या होगा किसी को कोई आइडिया नहीं है.

2008 की आर्थिक मंदी के बाद बाजार अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है और ये सब हो रहा है कोरोनावायरस के प्रकोप की वजह से. दुनियाभर में इस खतरनाक वायरस ने एक लाख दस हजार से ज्यादा लोगों को अपनी जद में ले लिया है और इससे मरने वालों की संख्या 5 हजार के पार पहुंच गई है. अगर भारत की बात करें तो भारत में कोरोनावायरस के अब तक 80 से ज्यादा पॉजिटिव केस आ चुके हैं. और कर्नाटक के कलबुर्गी से पहली मौत का मामला सामने आया है. यहां 76 साल के एक बुजुर्ग की कोरोनावायरस के चलते मौत हो गई. बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत सरकार ने कुछ को छोड़कर बाकी सभी वीजा 15 अप्रैल तक सस्पेंड कर दिए हैं. कई राज्यों में स्कूल-कॉलेज, थिएटर 31 मार्च तक बंद कर दिए गए हैं.

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