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विराट हैं कोहली लेकिन अभी अग्निपरीक्षा बाकी है

विराट की सेना ने कई मैच जीते हैं. लेकिन इनको बेस्ट एवर इंडियन टीम बताने में इतनी जल्दबाजी क्यों?

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भावुकता में बहना पुरानी बात है. और अभी-अभी तो सबसे बड़ी वाली आदत भी नई नहीं है. मेरे हिसाब से विराट कोहली की टीम को अब तक की भारत की सबसे बेहतर टीम घोषित करने के पीछे यही भावनाएं काम कर रही होंगी. लेकिन इस तरह के कमेंट करने से पहले एक दूरी जरूरी होती है. इतिहास के कुछ पन्नों को पलटने की जरूरत होती है.

सबसे बेहतर टीम घोषित करने से पहले किन बातों का खयाल रखना चाहिए? विरोधी टीम की क्वालिटी क्या रही है, किस तरह के पिचों पर जीत हासिल की गई है, खेल के नियम किस तरह के रहे हैं, टीम में कितने मैच विनर रहे हैं और उनका विरोधी टीम पर कैसा खौफ रहा है.

आंकड़े बताते हैं कि विराट की टीम ने वो किया है, जैसा इससे पहले की टीम नहीं कर पाई. लगातार 6 सीरीज में जीत. लेकिन लेकिन जहां तक याद आ रहा है, इनमें से अधिकांश अपने देश की बेजान पिचों पर. पर्थ की पिच का बाउंस, मेलबॉर्न की स्पिन, हेडिंग्ले की स्विंग और दक्षिण अफ्रीका की पिचों में छुपा डेविल- इन सभी पिचों पर विराट की सेना का इम्तिहान अभी बाकी है.

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लेकिन बात सिर्फ पिच की नहीं है. अभी क्रिकेट की दुनिया में नजर डालिए. कहां हैं इमरान खान, वसीम अकरम, ग्लेन मैक्‍ग्रा, मेलकम मार्शल, जोएल गार्नर, माइकल होल्डिंग, एलेन डोनल्ड और रिचर्ड हेडली जैसी स्किल वाले गेंदबाज, जिनका पिच पर खौफ होता था. कहां हैं क्लाइव लॉयड, स्टिव वॉ और इमरान खान वाली टीम, जिससे लोहा लेने से विरोधी टीमों को घबराहट होती थी. या फिर महेंद्र सिंह धोनी की टीम का अपने ऊपर भरोसा और सौरव गांगुली की टीम का एग्रेशन. क्या विराट कोहली की टीम में यह सब है?

सबसे बेहतर टीम घोषित करने से पहले यह जान लीजिए कि इस कैटेगरी में फिट होने वाली टीम में क्या-क्या होना चाहिए. इस कैटेगरी में बिना विवाद के किसी टीम को अगर रखा जा सकता है, तो वो है क्लाइव लॉयड की वेस्टइंडीज की टीम. उस टीम के गेंदबाजों की लिस्ट देखिए- माइकल होल्डिंग, एंडी रॉबर्ड्स ओपनिंग बॉलर. वन चेंज- जोएल गार्नर और मेलकम मार्शल.

बात नहीं बनी, तो जोएल गार्नर और कॉलिन क्रॉफ्ट तैयार. विकेटकीपर जेफ डुजॉन. और बल्लेबाजों की लिस्ट में गॉर्डन ग्रिनि‍च, डेसमंड हेन्स, विव रिचर्ड्स, लैरी गोम्स और क्लाइव लॉयड. मैंने 12 की लिस्ट दी है. इनमें से कोई भी किसी मैच को अकेले पलट सकता था. इन नामों का खौफ और इनकी कंसिस्टेंसी. विरोधियों को मसल देने का इनका जुनून. क्या इस तरह की क्वालिटी विराट कोहली की टीम ने हासिल कर ली है?

इसके अलावा विराट को सचिन तेंदुलकर से बेहतर बता देना और रविचंद्रन अश्विन को बॉलिंग का ब्रेडमैन? दोनों ही वाकई बेहतरीन हैं. शायद बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक. लेकिन सबसे बेहतर? अभी फैसला सुना देना उन दोनों के साथ मजाक जैसा ही होगा.

इसके अलावा चेतेश्वर पुजारा को राहुल द्रविड़ जैसा बता देना और अजिंक्य रहाणे की तुलना वीवीएस लक्ष्मण से? सुनकर भी अजीब लगता है. पुजारा और रहाणे बहुत अच्छे हैं. और उससे भी ज्यादा अच्छे दिखते हैं, क्योकि क्रिकेट के नियमों में इस तरह के बदलाव कर दिए गए हैं कि गेंदबाजों के लिए इसमें कुछ नहीं बचा है. इसी वजह से टेलएंडर से थोड़ा बेहतर बल्लेबाज अश्विन और रवींद्र जडेजा ऑलराउंडर की लिस्ट में आ गए हैं. इनको कुशल ऑलराउंडर बता देना हजम नहीं होता है.

विराट की सेना ने कई मैच जीते हैं. इनकी उपलब्धियां वाकई तारीफ के काबिल हैं. लेकिन इनको बेस्ट एवर इंडियन टीम बनने में कई मुश्किल राहें पार करनी होंगी. फैसला सुनाने में इतनी जल्दबाजी क्यों?

अब इस लेख का काउंटर व्यू पढ़िए- विराट हैं कोहली: टीम इंडिया करेगी वर्ल्ड क्रिकेट पर राज

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