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Tulika Maan: बचपन में हुआ पिता का मर्डर, मां ने खास वजह से जूडो में एडमिशन कराया

CWG 2022: Tulika Maan ने महिला 78+ किलोग्राम वर्ग में भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता है.

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Tulika Maan: बचपन में हुआ पिता का मर्डर, मां ने खास वजह से जूडो में एडमिशन कराया
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कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 (CWG 2022) में भारतीय खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन जारी है. भारत ने अब तक कुल 20 मेडल जीत लिए हैं, जिसमें एक मेडल तूलिका मान ने जूडो में दिलाया. 23 वर्षीय तूलिका ने महिला 78 प्लस किलोग्राम भार वर्ग में भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता.

तूलिका गोल्ड जीत सकती थीं मगर फाइनल में स्कॉटलैंड की सारा एडलिंगटन के हाथों हारने के बाद उन्हें सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा. चार बार की नेशनल चैंपियन तूलिका ने सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड की सिडनी एंड्रयूज को हराकर फाइनल में जगह बनाई थी.

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पिता का साया उठने के बाद मां ने पाला

सिल्वर मेडल जीतकर भारत का नाम रौशन करने वाली तूलिका का जीवन संघर्ष से भरा रहा है. उनका जन्म 9 सितंबर 1998 को दिल्ली में हुआ था. तूलिका सिर्फ 14 साल की थी जब उनके सिर से पिता का साया उठ गया था. द ब्रिज की एक रिपोर्ट की मानें तो उनके पिता सतबीर मान की किसी कारोबारी रंजिश के चक्कर में हत्या कर दी गई थी. इसके बाद तो उनकी मां और पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा.

तूलिका का पूरा पालन पोषण उनकी मां अमृता सिंह ने ही किया. तूलिका की मां दिल्ली पुलिस में सब इंस्पेक्टर हैं. एक सिंगल पैरेंट होने के नाते उन्होंने नौकरी के साथ अपनी बेटी का भी भरपूर ख्याल रखा. अमृता ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि

“मुझे सुबह 9 बजे राजौरी पुलिस स्टेशन में ड्यूटी के लिए रिपोर्ट करना होता था, उस समय तूलिका स्कूल में थी. हम झड़ोदा में सरकारी क्वार्टर में रहते थे. मैं उसे 7.20 स्कूल छोड़ देती और इसके बाद ड्राइव करके काम पर आ जाती. एक ऑटो-रिक्शा उसे स्कूल के बाद पुलिस स्टेशन ले आता था. वह बाकी दिन वहीं बिताती थी, पढ़ाई करती थी और खेलती थी."
अमृता, तूलिका की मां
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जूडो क्लास में ऐसे हुआ था एडमिशन

दिलचस्प बात है कि तूलिका ने जूडो खेलना इसलिए नहीं शुरू किया था कि उन्हें विश्व स्तरीय प्रतियोगिताओं में खेलना था बल्कि इसके पीछे कुछ और कहानी है. तूलिका को स्कूल के बाद घंटों मां के पुलिस स्टेशन में बिताना पड़ता था, क्योंकि उनकी देखभाल के लिए घर पर कोई नहीं था. इसी के चलते उनकी मां ने जूडो क्लास ज्वाइन करवा दिया, ताकि बेटी को पुलिस और अपराधियों वाले माहौल में समय न बिताना पड़े. इसके बाद तुलिका ने जूडो में ही अपना करियर बनाने का फैसला किया.

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उन्होंने साल 2017 में पहली बार विश्व चैंपियनशिप में भाग लिया था. उन्होंने 2018 में जयपुर में कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप जीता. 2019 में उन्होंने एशियाई ओपन में ब्रोन्ज मेडल अपने नाम किया. जूनियर स्तर में तुलिका ने यूरोपियन कप में गोल्ड मेडल और नेशनल चैंपियनशिप में एक गोल्ड और एक सिल्वर मेडल जीत चुकी है. वहीं, सीनियर स्तर पर उन्होंने राष्ट्रीय चैंपियनशिप में दो स्वर्ण पदक जीते हैं.

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