एक सीनियर महिला साइकिलिस्ट (Female Cyclist) ने नेशनल चीफ कोच (Sprint) आर.के शर्मा के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई है. साइकिलिस्ट (Cyclist) का आरोप है कि स्लोवेनिया (Slovenia) में टीम के ट्रेनिंग कैंप के दौरान कोच ने उनसे अपना कमरा शेयर करने को कहा, और फिर एक दिन उनके कमरे में जबरदस्ती घुस आया और गैरवाजिब हरकतें करने लगा.
इसके बाद भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) ने महिला साइकिलिस्ट को 4 जून को भारत लौटने को कहा, और कोच को भी पूरे दल के साथ वापस लौटने को कह दिया गया.
मामले की जांच के लिए भारतीय साइकिलिंग परिसंघ (CIF) ने चार सदस्यों वाली समिति का गठन किया है और 7 जून से उसकी जांच जारी है. SAI ने भी पांच सदस्यों वाला जांच पैनल बनाया है जिसकी अध्यक्षता उसकी सेक्सुअल हैरेसमेंट कमिटी का प्रमुख कर रहा है.
SAI ने क्विंट के साथ पूरे घटनाक्रम को साझा किया
महिला साइकिलिस्ट उन 6 साइकिलिस्ट्स में से एक थी, जिन्हें जून में स्लोवेनिया में ट्रेनिंग-कम-कंपीटीशन फॉरेन एक्सपोजर ट्रिप के लिए भेजा गया था. टीम में वह अकेली महिला थी.
यह कैंप इसलिए लगाया गया था ताकि टीम को एशियन ट्रैक साइकिलिंग चैंपियनशिप के लिए तैयार किया जा सके. यह चैंपियनशिप 18 से 22 जून के दौरान दिल्ली में होने वाली है. टीम 16 मई को स्लोवेनिया पहुंची थी.
16 मई: साइकिलिस्ट को कोच के साथ कमरा ‘एलॉट’ किया गया, लेकिन शिकायत करने पर अलग कमरा दिया गया
कैंप के लिए 6 साइकिलिस्ट्स और सपोर्ट स्टाफ स्लोवेनिया पहुंचा. होटल में चेक इन करने के बाद महिला साइकिलिस्ट को यह बताया गया कि टीम को डबल शेयरिंग बेसिस पर कमरे दिए जा रहे हैं और उसे अपना कमरा कोच आर.के शर्मा के साथ शेयर करना होगा.
एक रिटायर्ड सीनियर एथलीट के जरिए रात 9 बजे साई के सीनियर डेवलपमेंट ऑफिसर (SDO) फॉर साइकिलिंग को यह खबर भेजी गई. तब एसडीओ ने भारतीय साइकिलिंग परिसंघ (SFI) के अध्यक्ष ओंकार सिंह से बात की क्योंकि एथलीट्स की रवानगी को मंजूरी देते समय साई ने यह साफ संकेत दिया था कि वह टीम में अकेली महिला एथलीट थी तो उसे अलग कमरा दिया जाएगा और बाकियों को कमरे शेयर करने होंगे.” जैसे कि साई ने द क्विंट को बताया.
फिर साई एसडीओ ने एथलीट से बात की, जो 'इस बात से काफी परेशान थी कि उसे कमरा शेयर करने को कहा गया है और उसे भरोसा दिलाया गया कि उसे तुरंत सिंगल कमरा मिल जाएगा'.
इस बात के बाद साई एसडीओ और सीएफआई के चेयरपर्सन ने महिला साइकिलिस्ट के लिए होटल में अलग कमरे का बंदोबस्त किया.
22 मई: साइकिलिस्ट ने शिकायत की कि कोच उन पर फब्तियां कस रहा
22 मई को एथलीट ने SAI एसडीओ को सूचित किया कि 'कोच उन पर फब्तियां कस रहा था और यहां तक कि ट्रेनिंग इंस्ट्रक्शंस देने के लिए भी तैयार नहीं था. उन्होंने कहा कि वह कोच के इस व्यवहार से बहुत परेशान थीं'. साई के डॉक्यूमेंट में यह लिखा है.
आगे लिखा है कि SDO ने उन्हें साइकोलॉजिस्ट के साथ कुछ काउंसिलिंग सेशंस करने को कहा जिससे वह अपनी ट्रेनिंग पर ज्यादा ध्यान दे सकें'.
30 मई को एक महिला अधिकारी और दूसरे कोच को उस ट्रेनिंग कैंप के लिए स्लोवेनिया भेजना था, 'जोकि कैंप पर नजर रखतीं और कोच ट्रेनिंग में मदद करता और चीफ कोच को वापस बुलाए जाने की स्थिति में उसका विकल्प बनता. लेकिन उनका वीजा नहीं आया इसलिए वे वहां जा नहीं पाए'.
29 मई
सूत्रों के अनुसार, 29 मई को कोच जबरन एथलीट के कमरे में घुस आया और उसके बिस्तर पर लेट गया. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अपनी शिकायत में एथलीट ने कहा कि फिर वह बिस्तर पर आकर लेट गया. मैंने उससे कहा कि वह वहां से चला जाए लेकिन उसने जबरदस्ती मुझे अपनी तरफ खींचा और मुझसे बोला कि मैं उसके साथ सोऊं.
इसके अलावा उसने कुछ टिप्पणियां भी कीं, जैसे मुझे उसकी बीवी की तरह बर्ताव करना चाहिए क्योंकि वह मुझे बहुत पसंद करता है और चाहता है कि मैं उसकी बीवी बन जाऊं. साइकिलिस्ट ने अपनी शिकायत में कहा.
क्विंट को एक सूत्र ने बताया कि महिला साइकिलिस्ट ने तुरंत इस मामले को रिपोर्ट नहीं किया लेकिन एक पुरुष साइकिलिस्ट ने कुछ बदलाव महसूस किया और उसने दखल देने की कोशिश की.
1 जून: यह तय किया गया कि साइकिलिस्ट को भारत लौट आना चाहिए
1 जून को रात साढ़े आठ बजे के करीब कमोडोर पी.के. गर्ग को पता चला कि महिला एथलीट और कोच के बीच में कुछ तो हुआ है. कमोडोर पी.के गर्ग टार्गेट ओलंपिक्स पोडियम स्कीम (TOPS) के सीईओ हैं. उन्होंने एथलीट को तुरंत बुलाया और उनसे बातचीत की. एथलीट विस्तार से बताना नहीं चाहती थीं कि वास्तव में क्या हुआ था, लेकिन उसने यह भी कहा कि वह ट्रेनिंग कैंप (SIC) नहीं छोड़ना चाहती थी (शब्दश:), 'SAI के दस्तावेज में कहा गया है.
डॉक्यूमेंट में आगे लिखा है कि 'हालांकि TOPS के CEO ने उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी सुरक्षा सर्वोपरि है और SAI उन्हें तुरंत वापस लाने की व्यवस्था करेगा. टीम के अन्य सदस्यों को निर्देश दिया गया था कि वे उन्हें साइकिल को डिस्मैंटल और पैक करने में मदद करें क्योंकि इसमें काफी समय लगता है और कोशिश की जा रही थी कि महिला एथलीट को जल्द से जल्द वापस भेजा जा सके.
अगली उड़ान 2 जून को स्थानीय समयानुसार सुबह 7 बजे थी और हवाई अड्डे की दूरी 70 किलोमीटर थी. इसलिए यह तय किया गया कि वह 3 जून को सुबह 7 बजे की फ्लाइट लेंगी. उन्हें 1 जून की रात को ही टिकट भेज दिया गया था. वह तड़के 4 बजे दिल्ली पहुंचीं और हवाई अड्डे पर एक साई डेवलपमेंट ऑफिसर (डीओ) और टॉप्स के एआरएम (एथलीट रिलेशनशिप मैनेजर) ने उनकी अगवानी की'.
4-5 जून: साइकिलिस्ट की वापसी, साई ने आंतरिक शिकायत कमिटी बनाई
साइकिलिस्ट के भारत लौटने के बाद TOPS के सीईओ, एसडीओ (साइकिलिंग) के साथ साइकोलॉजिस्ट की मौजूदगी में एथलीट से मिले. एथलीट ट्रिप के दौरान उस साइकोलॉजिस्ट से बराबर बात कर रही थीं.
भारतीय खेल प्राधिकरण ने क्विंट को बताया-साइकिलिस्ट ने "उनसे अपनी आपबीती साझा की और 5 जून को ईमेल के माध्यम से अपनी लिखित शिकायत दी. इस सिलसिले में साई ने कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (निवारण, निषेध और रोकथाम) एक्ट, 2013 के प्रावधानों के तहत मामले को आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) को भेज दिया
6 जून: साई ने मामले पर आधिकारिक बयान जारी किया
6 जून को साई ने मामले पर बयान जारी किया और कहा, “भारतीय खेल प्राधिकरण को स्लोवेनिया में एक फॉरेन एक्सपोजर कैंप के दौरान एक कोच द्वारा एक साइकिल चालक के साथ अनुचित व्यवहार करने की शिकायत प्राप्त हुई है. भारतीय साइकिलिंग परिसंघ की सिफारिश पर कोच की नियुक्ति की गई थी.”
बयान में कहा गया है, "एथलीट की शिकायत के बाद साई ने उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्हें तुरंत भारत वापस बुलाया है और मामले की जांच के लिए एक समिति भी गठित की है. मामले को वरीयता देकर निपटाया जा रहा है और जल्द ही इसे सुलझा लिया जाएगा."
8 जून: कोच और बाकी के साइकिलिस्ट्स को वापस बुलाया गया
सीएफआई की जांच समिति ने 7 जून को अपनी जांच शुरू की, और एक दिन बाद, भारतीय खेल प्राधिकरण ने स्लोवेनिया में ट्रेनिंग कैंप से पूरे साइकिल दल को वापस बुलाने के अपने फैसले की घोषणा की. 14 जून को इसकी वापसी होनी है.
सीएफआई के अध्यक्ष ओंकार सिंह ने समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से कहा, "साई के अधिकारी ने आज सुबह सीएफआई को फोन किया और कहा कि कोच आर.के. शर्मा सहित सभी दल को स्लोवेनिया से तुरंत वापस बुलाया जाएगा."
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)