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FIFA क्लब वर्ल्ड कपः फ्लैमेंगो को हराकर लिवरपूल ने जीता खिताब

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इंग्लैंड के फुटबॉल क्लब लिवरपूल ने फीफा क्लब वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम कर लिया है. लिवरपूल ने फाइनल ब्राजील के क्लब फ्लैमेंगो को 1-0 से हराकर खिताब अपने नाम किया. लिवरपूल ने पहली बार ये ट्रॉफी जीती है. टीम के स्ट्राइकर रॉबर्टो फर्मिनियो ने एक्स्ट्रा टाइम में गोल कर जीत दिलाई.

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दोहा में हुए इस फाइनल मुकाबले में दोनों टीमें निर्धारित 90 मिनट में कोई गोल नहीं कर पाई थी. इसके बाद एक्स्ट्रा टाइम के 9वें मिनट (99वें मिनट) में फर्मिनियो ने सादियो माने के पास पर गोल दाग दिया. इससे पहले सेमीफाइनल में मोंटेरी के खिलाफ भी फर्मिनियो ने ही इंजरी टाइम में गोल करके लिवरपूल को फाइनल में पहुंचाने में मदद की थी.

रॉबर्टो फर्मिनियो ने एक्स्ट्रा टाइम में गोल कर लिवरपूल को जीत दिलाई.
(फोटोः AP)

मौजूदा यूरोपियन चैंपियन लिवरपूल क्लब वर्ल्ड कप जीतने वाली सिर्फ दूसरी इंग्लिश टीम है. उससे पहले मैनचेस्टर यूनाइटेड ने 2008 में यह खिताब अपने नाम किया था. इतना ही नहीं लिवरपूरल एक ही सीजन में चैंपियंस लीग, सुपर कप और क्लब वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली इंग्लिश टीम भी है.

शनिवार 21 दिसंबर की रात खलीफा इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में लिवरपूल और फ्लेमेंगो के पास गोल करने के कई मौके आए, लेकिन निर्धारित समय तक भी गोल नहीं हुआ. इस बीच कई बार रेफरी के खराब फैसलों पर भी सवाल उठे.

लिवरपूल के मोहम्मद सालाह को गोल्डन बॉल दी गई
(फोटोः AP)

इसके बाद मुकाबला इंजरी टाइम में चला गया, जहां फर्मिनियो ने एक बार फिर से गोल दागकर अपनी टीम को जीत दिला दी.

लिवरपूरल के फॉरवर्ड मोहम्मद सालाह को टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया और गोल्डन बॉल अवॉर्ड दिया गया.

इससे पहले, मेक्सिकन क्लब मोंटेरी ने सऊदी अरब के क्लब अल हिलाल को पेनाल्टी में 4-3 से हराकर टूर्नामेंट में तीसरा स्थान हासिल किया.

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