ADVERTISEMENTREMOVE AD

'लड़की हो वो भी मुस्लिम, बॉक्सिंग में क्या कर लोगी?' निकहत फिर से वर्ल्ड चैंपियन

Nikhat Zareen विश्व चैंपियनशिप में दो स्वर्ण पदक अपने नाम करने वाली केवल दूसरी भारतीय महिला मुक्केबाज बन गई हैं

छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

साल 2022 और वक्त था टोक्यो ओलंपिक था. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एमसी मैरीकॉम ने कहा था कि "निकहत जरीन कौन है?" अब वर्ल्ड चैम्पियनशिप जीतने के बाद निकहत जरीन ने उन्हें एक बार फिर बिना कुछ बोले जवाब दे दिया है और बताया है कि निकहत जरीन एक वर्ल्ड चैम्पियन है.

मेडल जीतने के बाद निकहत ने प्रेस से पूछा कि "क्या मेरा नाम ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है?"

निकहत जरीन (Nikhat Zareen) ने IBA महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप (World Boxing Championship) 2023 में स्वर्ण पदक जीतने के लिए 50 किलोग्राम लाइट फ्लाईवेट वर्ग के फाइनल में वियतनाम की दो बार की एशियाई चैंपियन गुयेन थी टैम को हराया है.

25 साल की निकहत जरीन 5वीं भारतीय महिला बॉक्सर हैं, जिन्होंने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है.

50 किग्रा वर्ग में खिताब जीतने वाली निकहत ने कहा, "मैं दूसरी बार विश्व चैंपियन बनकर खुश हूं, खासकर ओलंपिक वर्ग और घरेलू स्तर पर." उन्होंने कहा, "यह पदक सभी समर्थकों के लिए है."

जब मैरीकॉम के साथ हुआ था विवाद 

भारतीय बॉक्सिंग फेडरेशन ने मैरीकॉम को टोक्यो ओलंपिक में बगैर ट्रायल के 51 किग्रा कैटेगरी के लिए सेलेक्ट किया था. तब के चेयरमैन राजेश भंडारी ने कहा था कि "निकहत को भविष्य के लिए सेव कर रहे हैं". ऐसे में निकहत ने इसके खिलाफ आवाज उठाते हुए खेल मंत्री किरण रिजिजू को पत्र लिखा था. इस पूरे विवाद के बाद मैरीकॉम का ट्रायल हुआ था. उनका मुकाबला निकहत से कराया गया, जिसमें मैरीकॉम ने जीत दर्ज की थी. इन दोनों बॉक्सर के बीच सरगर्मी इतनी थी कि जीत के बाद मैरीकॉम ने निकहत से हाथ भी नहीं मिलाया था. इसी वक्त जब निकहत ने टोक्यो ओलंपिक के लिए ट्रायल की मांग की थी, तब मैरीकॉम ने प्रेस के सामने पूछा था, 'निकहत जरीन कौन है?'

अब भारतीय महिला बॉक्सर निकहत जरीन ने गुरुवार को इतिहास रच दिया. उन्होंने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है. 52 किग्रा. कैटेगरी में निकहत ने थाईलैंड की जिटपॉन्ग जुटामस को 5-0 से करारी शिकस्त दी. 25 साल की निकहत जरीन 5वीं भारतीय महिला बॉक्सर हैं, जिन्होंने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है. बॉक्सिंग लीजेंड मैरीकॉम ने इस चैम्पियनशिप में 6 बार गोल्ड जीतकर रिकॉर्ड बनाया है. इस चैम्पियनशिप में मैरीकॉम, निखत के अलावा सरिता देवी, जेनी आरएल और लेखा सी भी गोल्ड जीत चुकी हैं.

स्नैपशॉट
  • 2011 में महिला जूनियर युवा विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीती

  • 2014 में युवा विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में रजत पदक जीता

  • 2014 में नेशन कप अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग टूर्नामेंट जीता

  • 2015 में सीनियर महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीती

  • 2019 में थाईलैंड ओपन में रजत और स्त्रांजा बॉक्सिंग टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता

  • 2022 में स्त्रांजा बॉक्सिंग टूर्नामेंट और महिला विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता

  • 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता

  • 2023 महिला विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता

निकहत का तेलंगाना में जन्म हुआ

निकहत ने करियर का पहला मेडल 2010 में नेशनल सब जूनियर मीट में जीता था. इसके अगले साल ही 15 साल की उम्र में निकहत ने देश को इंटरनेशनल गोल्ड मेडल दिलाया था. उन्होंने तुर्की में 2011 महिला जूनियर और यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फ्लाइवेट में स्वर्ण जीता था. निकहत का जन्म 14 जून 1996 को तेलंगाना के निजामाबाद में हुआ था. उनके पिता मुहम्मद जमील अहमद और माता परवीन सुल्ताना हैं. निकहत के परिवार में उनसे बड़ी दो बहनें और एक छोटी बहन है. चार बेटियों के पिता जमील अहमद सेल्समैन का काम करते हैं और मां गृहणी हैं.

13 साल की उम्र में शुरू की बॉक्सिंग

निकहत ने महज 13 साल की उम्र में बॉक्सिंग शुरू कर दी थी, लेकिन उनके लिए यह आसान नहीं था. समाज की तरफ से उन पर हिजाब पहनने का दबाव डाला गया. उनके शॉर्ट्स पहनने पर भी आपत्ति जताई गई. लेकिन, निकहत के पास उनके परिवार का समर्थन था और वह इन सब चीजों से लड़ते हुए कड़ी प्रैक्टिस पर लगी रहीं. निकहत के पिता जमील अहमद खुद पूर्व फुटबॉलर और क्रिकेटर रह चुके हैं. ऐसे में उन्होंने बेटी को खेल में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया.

लड़कों के साथ की प्रैक्टिस

निकहत ने अपनी शुरुआती शिक्षा निजामाबाद के निर्मला हृदय गर्ल्स हाई स्कूल से ही पूरी की. बाद में हैदराबाद के एवी कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की. इस बीच निकहत बॉक्सिंग भी सीखती रहीं. निकहत के चाचा शमशामुद्दीन एक बॉक्सिंग कोच हैं और उनका बेटा भी मुक्केबाज है. ऐसे में निकहत ने उनसे बॉक्सिंग सीखना शुरू किया. निकहत लड़कों के साथ प्रैक्टिस करती थीं और इस पर कई तरह की बातें की जाती थीं, लेकिन वह सब कुछ अनसुना करते हुए लगी रहीं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×