भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष और बीजेपी सासंद बृज भूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) सवालों के घेरे में हैं. देश के नामी पहलवान जो ओलंपिक से लेकर कॉमनवेल्थ खेलों में मेडल लेकर आए हैं, वे भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) में कई गड़बड़ियों को लेकर आरोप लगा रहे हैं. इस मामले ने एक बार फिर राजनीति और नेताओं के स्पोर्ट्स में हस्तक्षेप को सामने ला दिया है.
भारत में स्पोर्ट्स और राजनीति का अजब कॉकटेल चलता आ रहा है. या कहें खेल में राजनीतिक हस्तक्षेप पुरानी कहानी है. कई बार खेल और खिलाड़ी राजनीति की बलि भी चढ़ जाते हैं.
आइए आपको भारत में खेल में राजनीति के हस्तक्षेप की कहानी बताते हैं.
क्रिकेट- जय शाह, अनुराग ठाकुर, राजीव शुक्ला
भले ही 2019 में पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और अब पूर्व भारतीय क्रिकेटर रोजर बिन्नी (Roger Binny) बीसीसीआई के अध्यक्ष चुने गए हों, लेकिन दुनिया के सबसे ताकतवर और अमीर क्रिकेट बोर्ड यानी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) पर राजनीति का साया हमेशा ही रहा है.
इसकी एक बानगी सचिव जय शाह और उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला हैं.
जय शाह: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह (Jay Shah) को साल 2022 में दोबारा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) का सचिव चुना गया. इसके लिए बीसीसीआई के संविधान में संशोधन तक किया गया है. वो 2019 से इस पद पर बने हुए हैं. इसके साथ ही जय शाह एशियन क्रिकेट काउंसिंल के भी अध्यक्ष हैं.
बता दें कि, जय शाह 2013 में गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन (GCA) के संयुक्त सचिव नियुक्त किए गए थे. वह इस पद पर 6 साल तक रहे.
राजीव शुक्ला: कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला (Rajeev Shukla) भी बीसीसीआई में अहम पदों पर रह चुके हैं. वर्तमान में वो BCCI के उपाध्यक्ष हैं. इससे पहले वो IPL के चेयरमैन भी रह चुके हैं.
अनुराग ठाकुर: 22 मई 2016 को अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) को BCCI की एसजीएम (स्पेशल जनरल मीटिंग) में सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया था. शशांक मनोहर के आईसीसी अध्यक्ष बन जाने के बाद ठाकुर को BCCI की कमान सौंपी गई थी.
2017 में लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को नहीं मानने पर सुप्रीम कोर्ट ने अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को उनके पद से हटा दिया था. इसके साथ ही SC ने ठाकुर से पूछा था कि उनके खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला क्यों न चलाया जाए?
चेतन शर्मा: BCCI ने शनिवार, 7 जनवरी को चेतन शर्मा (Chetan Sharma) को भारतीय क्रिकेट टीम की चयन समिति का दोबारा अध्यक्ष नियुक्त किया है. इससे पहले दिसंबर, 2020 में उन्हें चयन समिति का अध्यक्ष चुना गया था. हालांकि, T-20 वर्ल्ड कप 2022 में मिली हार के बाद BCCI ने चयन समिति को बर्खास्त कर दिया था.
बता दें कि, चेतन शर्मा ने 2009 में बीएसपी के टिकट पर फरीदाबाद से लोकसभा का चुनाव लड़ा था. वह 18.2 प्रतिशत वोट पाकर तीसरे स्थान पर आए थे. बाद में वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए और उन्हें पार्टी का स्पोर्ट्स सेल संयोजक नियुक्त किया गया.
वैभव गहलोत: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) दूसरी बार राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए हैं. बता दें कि वैभव गहलोत पिछले तीन सालों से RCA के अध्यक्ष पद पर बने हुए हैं.
2019 में कांग्रेस की टिकट पर वैभव गहलोत ने जोधपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा था. लेकिन उन्हें बीजेपी नेता गजेंद्र सिंह शेखावत ने करीब पौने 3 लाख वोटों से हराया था.
RCA में फिलहाल रवि बिश्नोई के रणजी मैच के प्लेइंग इलेवन में सलेक्शन नहीं होने पर विवाद चल रहा है. वहीं इस मुद्दे पर वैभव गहलोत ने कहा कि किसी भी प्लेयर के सलेक्शन का फैसला चयनकर्ता लेते हैं.
रोहन जेटली: पूर्व वित्त मंत्री और दिवंगत नेता अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली (Rohan Jaitley) दिल्ली क्रिकेट एसोशिएशन के अध्यक्ष हैं. अक्टूबर 2020 में उन्हें DCCA का निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया था. बता दें कि उनके पिता अरुण जेटली भी DDC के अध्यक्ष और BCCI के उपाध्यक्ष रह चुके हैं.
फुटबॉल- प्रफुल्ल पटेल
अगर फुटबॉल की बात करें तो यहां भी राजनीतिक हस्तक्षेप हावी रहा है. कांग्रेस की यूपीए सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री रहे एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल (Praful Patel), 2009 में भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) का अध्यक्ष बनाया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने 2022 में जब तक उन्हें अध्यक्ष पद से हटा नहीं दिया तब तक वे अध्यक्ष बने रहे.
प्रफुल्ल पटेल पर गंभीर आरोप लगे कि उन्होंने वर्ल्ड फुटबॉल को चलाने वाली संस्था फीफा और एशियाई फुटबॉल परिसंघ (AFC) से भारत पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दिलवाई थी.
बता दें कि भारत के स्पोर्ट्स कोड के मुताबिक कोई भी व्यक्ति 3 बार से ज्यादा अध्यक्ष नहीं बन सकता. लेकिन खुद को अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद प्रफुल्ल पटेल ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करके मांग की कि जब तक नए संविधान को स्वीकार नहीं कर लिया जाता और नए अध्यक्ष को नहीं चुना जाता तब तक उनके कार्यकाल को बढ़ा दिया जाए, हालांकि कोर्ट ने उनकी मांग को ठुकरा दिया और फुटबॉल के कामकाज को देखने के लिए एक कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स (CoA) का गठन किया. जब से सुप्रीम कोर्ट ने AIFF को भंग किया है तब से CoA ही देश में फुटबॉल का संचालन कर रही है.
कुश्ती- बृज भूषण शरण सिंह
बृज भूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) 2011 से ही कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष भी हैं. 2019 में वो कुश्ती महासंघ के तीसरी बार अध्यक्ष चुने गए थे. बता दें कि, बृज भूषण सिंह की गिनती बीजेपी के दबंग नेताओं में होती है. वो उत्तर प्रदेश के गोंडा के रहने वाले हैं और कैसरगंज से सांसद हैं. उन्होंने 1991 में पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता था. इसके बाद वो 1999, 2004, 2009, 2014 और 2019 में लोकसभा के लिए चुने गए हैं.
महिला पहलवान विनेश फोगट (Vinesh Phogat) ने उनपर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. फेडरेशन और अध्यक्ष के खिलाफ बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक समेत 13 पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना- प्रदर्शन कर रहे हैं.
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