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मजदूरों की मौत, शराब, LGBTQ...कतर में FIFA WC 2022 को लेकर इतने विवाद क्यों?

कतर के ही पूर्व खिलाड़ी खालिद सलमान ने कहा है कि फुटबॉल दर्शकों को कतर का कानून मानना चाहिए.

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रासमस टैंथोल्ड्ट डेनमार्क के जर्नलिस्ट हैं. कतर में चल रहे फीफा विश्वकप में वो कतर से रिपोर्टिंग कर रहे थे. तभी वहां तीन लोग आए और उन्हें प्रसारण करने से रोक दिया और उसके बाद उनका कैमरा ब्लॉक करते हुए नजर आए. घटना के बाद रासमस को ये कहते सुना गया कि आपने पूरी दुनिया को यहां बुलाया है. हम प्रसारण क्यों नहीं कर सकते,ये एक सार्वजनिक स्थान है. आप कैमरा तोड़ना चाहते हैं,आप कैमरा तोड़ सकते है,आप कैमरा तोड़कर हमें धमकी दे रहे हैं.

ये पहला विवाद नहीं है जिसपर कतर में FIFA WC 2022 को लेकर चर्चा हो रही है.

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2022 फीफा विश्वकप (FIFA World Cup 2022) की मेजबानी कतर कर रहा है. पहली बार किसी खाड़ी देश में फुटबॉल के वर्ल्ड कप का आयोजन हो रहा है. ये अपने आप में एक विवाद है. यूरोप के फैन्स को उन नियमों में बंधकर मैच देखने की आदत नहीं है जो कतर ने लगा रखे हैं.

कतर में शराब से लेकर स्टेडियम के निर्माण में मजदूरों की मौत तक कई ऐसे मसले रहे जिसको लेकर आलोचना हुई, लेकिन इन सब के बावजूद यहां फुटबॉल वर्ल्ड कप का आयोजन हो रहा है. देखिए कतर में इस विश्व कप से जुड़े कौन से विवाद चर्चा में हैं.

प्रवासी मजदूरों का कल्याण

कतर को माइग्रेंट वर्कर्स के लिए मानव अधिकार संगठनों की काफी आलोचना और आरोपों का सामना करना पड़ रहा है. जिस तरह से कतर वहां काम करने वाले कर्मचारियों के साथ बर्ताव कर रहा है वो लगातार सवालों के घेरे में है.

एमनेस्टी, रियलिटी चेक 2021 की 48 पन्नों की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2014 में श्रम सुधारों के बावजूद, वेतन रोकने और नौकरी बदलने के लिए कर्मचारियों पर मुकदमा डालने जैसी चीजें अभी भी हो रही हैं.

हालांकि कतर की सरकार का कहना है कि देश में श्रम कानून बेहतर हो रहे हैं है और अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया है.

एमनेस्टी और अलग-अलग समूहों ने फीफा से कर्मचारियों और मजदूरों के अधिकारों को कुचलने के बदले 440 मिलियन डॉलर की रकम देने के लिए कहा है. इंग्लैंड और जर्मनी सहित 10 यूरोपीय देशों के फुटबॉल संघों ने कतर में प्रवासी श्रमिकों के अधिकारों में सुधार के लिए कार्रवाई पर जोर दिया है.

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कतर में भारतीयों की मौत

इस साल 11 फरवरी को विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि "कतर में काम करते हुए पिछले 5 सालों में 1,665 भारतीय श्रमिकों की मौत हुई है" इसमें प्राकृतिक और असामान्य दोनों मौतें शामिल हैं.

2021 में गार्डियन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, कतर में पिछले 10 सालों में 2,711 भारतीय श्रमिकों की मौत हुई है.

इस दौरान, 13 अक्टूबर 2022 को फीफा के डिप्टी जनरल सेक्रेटरी अलैस्दैर बेल ने कहा कि कतर में श्रम और मानव अधिकारों में तेजी से विकास हो रहा है और फीफा इस प्रक्रिया में शामिल है.

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LGBTQ और महिलाओं का अधिकार

मुस्लिम देश में समलैंगिकता गलत और अवैध माना जाता है. LGBTQ समुदाय से आने वाले कुछ फुटबॉल खिलाड़ियों और महिलाओं ने इस टूर्नामेंट में आ रहे फैंस के लिए चिंता जताई है.

हालांकि कतर का कहना है कि इस विश्वकप में सभी का स्वागत है, चाहे वो किसी भी समुदाय और जगह से हों, लेकिन इस आश्वासन के बावजूद समलैंगिक समुदाय के बीच असुरक्षा के भाव से इंकार नहीं किया जा सकता.

खालिद सलमान ने एक टीवी प्रोग्राम में बात करते हुए कहा कि उनका देश फुटबॉल की मेजबानी कर रहा है. ऐसे में वो ज्यादा से ज्यादा दर्शकों के आने की उम्मीद कर रहे हैं, पर उन्हें उनके देश के कानून को मनाना चाहिए. डेनमार्क फुटबॉल टीम अपने परिवार के बिना ही इस टूर्नामेंट में गई है.
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शराब पर प्रतिबंध

कतर में शराब पर बैन लगा हुआ है. हालांकि फुटबॉल मैच के दौरान अन्य देशों में शराब और बीयर फैंस के हाथों में होना आम बात है. कतर में बीयर की अनुमति बिल्कुल नहीं है. शर्तों के साथ शराब की अनुमति है वो भी केवल कुछ चिन्हित जगहों पर और स्टेडियम में एक वीआईपी स्थान पर.

टूर्नामेंट के मुख्य अधिकारी नासिर अल खातेर ने कहा शराब पीने वाले फैंस के लिए अलग से जगह बनाई गई है ताकि वे बाकी फैंस के लिए मुसीबत पैदा न करें. फुटबॉल फैन्स के लिए ये अजीब होगा कि वे बिना बीयर के मैच देखें, क्योंकि यूरोप में ये आम है.

कतर के सुरक्षा कर्मियों ने डेनमार्क के जर्नलिस्ट को प्रसारण करने से रोका और धमकाया

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