413 टेस्ट विकेट, 150 वनडे विकेट, 52 टी20 विकेट, सबसे तेज 350 टेस्ट विकेट, 2011 वनडे विश्व कप विजेता, 2013 चैंपियंस ट्रॉफी विजेता और दो बार के आईपीएल चैंपियन रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) आज अपना 35वां जन्मदिन मना रहे हैं.
अनुभवी फिरकी गेंदबाज अश्विन भारतीय टीम के लिए “एक दाम में डबल धमाका” पैकेज साबित होते रहे हैं. जहां वो अपनी स्पिन गेंदबाजी में बा-कमाल मिश्रण से प्रतिद्वंदी बल्लेबाज को पवेलियन भेजते रहे हैं वहीं लगातार भारत ने बल्लेबाजी में भी इनकी काबिलियत का लोहा माना है.
लेकिन रविचंद्रन अश्विन अपने 35वें जन्मदिन के पहले खबरों में अपने इन रिकार्ड्स को लेकर नहीं बल्कि भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में लगातार टीम से बाहर रखे जाने और आश्चर्यजनक रूप से आगामी टी20 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम में चुने जाने के लिए खबरों में हैं.
इंग्लैंड में रिकॉर्ड मैन ऑफ द सीरीज खिताब जीतने वाले अश्विन को मौका नहीं
अपने टेस्ट फॉर्म, रिकॉर्ड और अनुभव से रविचंद्रन अश्विन भारतीय टीम ही नहीं विश्व के किसी भी टेस्ट टीम में स्थान रखने की कूवत रखते हैं. लेकिन हाल ही में जब भारतीय टेस्ट सीरीज के लिए इंग्लैंड में थी, तो 4 टेस्ट मैचों में आश्विन टीम के बाहर रखे गए.
टेस्ट पर टेस्ट गुजरता गया लेकिन अश्विन के फैंस और क्रिकेट विषेशज्ञों ( बे-शक खुद अश्विन का भी) का इंतजार खत्म नहीं हुआ. सुनील गावस्कर, वीवीएस लक्ष्मण,आशीष नेहरा, आकाश चोपड़ा, शॉन पॉलक समेत कमेंट्री बॉक्स में बैठे हर एक्सपर्ट कोहली के फैसले से चकित थें.
चोथे टेस्ट में भी अश्विन को न खिलाए जाने पर कोहली की दलील थी कि, इंग्लैंड की टीम में चूंकि 4 बायें हाथ के बल्लेबाज हैं, इसलिए जडेजा ज्यादा कारगर साबित होंगे और वो बल्लेबाज भी बेहतर हैं.
ऐसे में एक्सपर्ट्स का एक ही सवाल था- अब कोहली को जाकर ये आंकड़े कौन बतायेगा कि भारतीय इतिहास में ही नहीं बल्कि क्रिकेट इतिहास में भी किसी स्पिनर ने 200 से ज्यादा बायें हाथ के बल्लेबाजों के विकेट नहीं लिए है, जोकि अश्विन ने किया है.
अश्विन और जडेजा के बीच किसी एक के चयन पर एक्सपर्ट्स की राय
अश्विन का टीम में होने का मतलब है एक खास खिलाड़ी का होना”डेविड गावर, इंग्लैंड के पूर्व कप्तान
“जडेजा को टेस्ट में तो मैं सिर्फ ऑलराउंडर मानता हूं. अगर सिर्फ एक स्पिनर की बात हो तो अश्विन ही होंगे”रमीज राजा, पाकिस्तान के पूर्व कप्तान
“कैसी भी पिच हो, दोनों को खेलना चाहिए, लेकिन अश्विन को बाहर करने के बारे में सोचना भी एक बड़ी भूल होगी."एम एस के प्रसाद, पूर्व मुख्य चयनकर्ता
"अश्विन पांच मैचों की सीरीज के लगातार तीसरे टेस्ट में जगह बनाने में विफल रहते हैं तो मुझे बहुत हैरान होगी."माइकल वॉन, इंग्लैंड के पूर्व कप्तान
आगामी टी20 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम में अश्विन को जगह - क्या सिर्फ सहानुभूति पुरस्कार
रविचंद्रन अश्विन को इस साल संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में होने जा रहे टी20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम में चुना गया है. लेकिन अभी भी दिग्गज भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर को यकीन नहीं है कि अश्विन इस टूर्नामेंट में भारतीय प्लेइंग इलेवन में जगह पाएंगे या नहीं.
इंग्लैंड दौरे पर अश्विन के अनुभव का हवाला देते हुए गावस्कर ने स्पोर्ट्स टॉक से बात करते हुए कहा “अश्विन की वापसी अच्छी बात है लेकिन हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि उन्हें प्लेइंग इलेवन में जगह मिलती है या नहीं. आपने उन्हें 15 में चुना है, यह ठीक है, आपने उन्हें इंग्लैंड में भी टीम में चुना लेकिन प्लेइंग इलेवन में मौका नहीं दिया ”
“तो, उन्हें शायद यहाँ (इंग्लैंड में) मिली निराशा के लिए सिर्फ एक सांत्वना पुरस्कार दिया गया है. क्या वह इलेवन में खेलेंगे? केवल समय बताएगा"सुनील गावस्कर
टी20 वर्ल्डकप में अश्विन की वापसी और उधर विराट का कप्तानी से मोहभंग
टी20 वर्ल्डकप में अश्विन को चुने जाने और वर्ल्डकप के बाद विराट का टी20 की कप्तानी छोड़ने के ऐलान में कई लोग संबंध खोजने लगे हैं.
टीम सिलेक्टर्स ने टी-20 वर्ल्ड कप के जरिये रवि अश्विन को लगभग 4 साल बाद व्हाइट बॉल क्रिकेट में वापसी का मौका दिया है. लेकिन ये बात विराट कोहली को खासतौर पर चुभी होगी. क्योंकि कुछ समय पहले अश्विन पर पूछे गए सवाल के जवाब में विराट कोहली ने कहा था कि अब वो टी-20 टीम में अश्विन की वापसी काफी मुश्किल देखते हैं. ऐसे में साफ है कि अश्विन का टीम में आना विराट का नहीं बल्कि सिलेक्टर का फैसला था.
जाहिर है कि बीसीसीआई और सिलेक्टर्स ने अश्विन को वर्ल्ड कप की टीम में रखकर यह जता दिया था कि हर फैसले में विराट कोहली की चलती नहीं चलेगी.
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