Tokyo Olympic शुरू होने के एक महीने पहले नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) के कोच रह चुके उवे हॉन (Uwe Hohn) ने ओलंपिक तैयारियों को लेकर SAI और AFI पर गंभीर आरोप लगाए थे.
उन्होंने कहा था कि देश के शीर्ष खेल संगठनों भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) और भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (AFI) जैसे संगठनों के द्वारा टोक्यो ओलंपिक मेगा इवेंट के में जाने वाले एथलीटों की तैयारी के लिए पर्याप्त कोशिश नहीं की गई है.
58 वर्षीय उवे हॉन सौ मीटर भाला फेंकने वाले एकमात्र व्यक्ति रहे हैं.
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि ओलंपिक के लिए करवाई जाने वाली ट्रेनिंग अनप्लान्ड थी और उभरते खिलाड़ियों को दी जाने वाली डाइट भी जरूरत के हिसाब से नहीं थी.
Hohn के मुताबिक, पिछले हफ्ते खेलों से पहले होने वाली प्रतियोगिता के लिए नीरज चोपड़ा यूरोप की यात्रा पर जा सके, जिसके पीछे का एक मात्र कारण JSW Sports था, जो एशियाई और राष्ट्रमंडल स्वर्ण पदक विजेताओं का समर्थन करने वाला खेल संस्थान है.
निश्चित रूप से भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) या भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (AFI) की ओर से कुछ भी नहीं किया गया. ये दोनों संगठन यकीनन हमारे एथलीटों के शिविरों या विदेशी प्रतियोगिताओं में पहुंचाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं.Uwe Hohn
भारत में अपने लगभग चार साल के अनुभव के बारे में बोलते हुए उन्होंने बताया कि "जब मैं यहां आया तो मुझे लगा था कि मैं कुछ बदलाव ला सकता हूं. लेकिन भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) या भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (AFI) में इन लोगों के साथ यह बहुत मुश्किल है. मुझे नहीं पता कि यह ज्ञान की कमी है या उपेक्षा. शिविरों या प्रतियागिताओं के अलावा जब हम पोषण विशेषज्ञ के माध्यम से अपने एथलीटों के लिए पौष्टिक आहार मांगते है तब भी हमको सही सेवा नहीं मिलती."
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