कुश्ती में भारत की दिग्गज महिला पहलवान साक्षी मलिक के पिता ने 22 सितंबर को राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर हरियाणा के पिताओं के नाम एक भावुक संदेश भेजा है.
ओलंपिक मेडलिस्ट साक्षी के पिता सुखबीर मलिक ने एक वीडियो मैसेज में सभी पिताओं से आग्रह किया है कि वो अपनी बेटी को सहयोग दें, ताकि वे अपने सपनों को पूरा कर सकें.
ब्रेकथ्रू इंडिया नाम की एक संस्था ने बालिका दिवस पर ये वीडियो मैसेज जारी किया है.
हरियाणा के मोखरा गांव के सुखबीर मलिक ने ग्रामीण परिवेश में रहकर भी अपनी बेटी के सपनों को न सिर्फ समझा, बल्कि उसे पूरा करने में भी साक्षी की मदद भी की. इसी का परिणाम है कि साक्षी कुश्ती में अपना करियर बना पाई.
सुखबीर बस कंडक्टर थे, लेकिन सभी विपरित परिस्थितियों के बाद भी वह अपनी बेटी के साथ खड़े रहे. अपनी इस वीडियो अपील के माध्यम से उन्हें लगता है कि वह कई पिता को प्रेरित कर सकेंगे, ताकि वे भी अपनी बेटियों के सपनों को पूरा करने में उनके साथ खड़े रहें.
सुखबीर के इस भरोसे और सहयोग का ही नतीजा था कि साक्षी ने ओलंपिक में मेडल अपने नाम किया. 2016 के रियो ओलंपिक में कुश्ती का ब्रॉन्ज मेडल जीतकर साक्षी ने इतिहास अपने नाम कर दिया था. कुश्ती मे मेडल जीतने वाली वो भारत की पहली महिला पहलवान बनी थीं.
इसके अलावा भी साक्षी ने 2014 के ग्लासगो कॉमनवेल्थ में सिल्वर जबकि 2018 के गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ में भी ब्रॉन्ज अपने नाम किए.
इस वीडियो को बनाने और जारी करने वाली ब्रेकथ्रू इंडिया अधिकारों से जुड़ी एक संस्था है, जो पिछले 20 साल से भारत में काम कर रही है. ये संस्था बच्चियों और महिलाओं के खिलाफ हिंसा खत्म करने के लिए काम कर रही है.
साक्षी मलिका नूर सुल्तान में चल रही वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में भी भारतीय टीम का हिस्सा थीं.
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