भारतीय निशानेबाज अवनि लेखरा ने पैरालंपिक खेलों में महिलाओं की R2-10 मीटर एयर रायफल स्टैंडिंग SH1 में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है. जीतने के बाद उन्होंने कहा कि, मैं अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर सकती, मुझे ऐसा लग रहा है जैसे कि मैं दुनिया में शीर्ष पर हूं. इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता.
गोल्ड जीतने के बाद जताई खुशी
जयपुर की रहने वालीं 19 वर्षीय निशानेबाज पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई है. उनकी रीढ़ की हड्डी में 2012 में कार दुर्घटना में चोट लग गई थी. मेडल जीतने के बाद उन्होंने कहा,
"मैं बहुत खुश हूं, हर चीज के लिए बहुत आभारी हूं. मैने जब स्वर्ण पदक जीता तो एसा लगा कि मैं पुरी दुनिया में शीर्ष पर हूं."अवनि लेखरा
अवनी ने पैरालंपिक में 249.6 अंक बनाकर विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की और इसे रिकॉर्ड के साथ समाप्त किया. हालांकि फाइनल की यह राह आसान नहीं थी, लेकिन अवनि ने डटकर मुकाबला किया और भारत के लिए पहला स्वर्ण दिया.
"मैं सिर्फ अपने खेल पर ध्यान केंद्रित कर रही थी. एक बार में एक शॉट ले रही थी. मैं सिर्फ अपना सौ प्रतिशत देना चाहती थी पदक के बारे में सोचा नहीं था."अवनि लेखरा
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि हर कोई जो चाहे वो कर सकता है बस खुद पर विश्वास होना चाहिए. बस अपना सौ प्रतिशत दे.
युवा पैरा-एथलीट ने अपना पदक देश के उन सभी नागरिकों को समर्पित किया है, जिन्होंने यात्रा के दौरान उनका साथ दिया. अवनि ने कहा,
"मै अपना पदक उन सभी को समर्पित करना चाहूंगी, जिन्होंने मेरा समर्थन किया. मै उन सभी का आभारी हूं."अवनी लेखरा
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)