इंग्लिश प्रीमियर लीग क्लब लिवरपूल ने यूरोपियन फुटबॉल में एक बार फिर अपनी बादशाहत कायम की है. यूरोप में फुटबॉल के सबसे बड़े टूर्नामेंट चैंपियंस लीग के फाइनल में शनिवार रात लिवरपूरल ने टॉटेनहम हॉट्सपर को 2-0 से हराकर क्लब फुटबॉल का सबसे बड़ा खिताब जीत लिया.
लिवरपूल ने छठीं बार चैंपियंस लीग की ट्रॉफी अपने नाम की है. स्पेन की राजधानी मैड्रिड में हुए इस फाइनल में स्पर्स को हराकर लिवरपूल ने 14 साल बाद ये खिताब जीता है. इससे पहले 2005 में स्टीवन जेरार्ड की कप्तानी में लिवरपूल ने अपना पांचवां खिताब जीता था. लिवरपूल से ज्यादा बार मिलान (7) और रियाल मैड्रिड (13) ने खिताब जीता है.
सालाह, ओरिगी और एलिसन बने हीरो
लिवरपूल के लिए इस ऐतिहासिक जीत में मोहम्मद सलाह और डिवोक ओरिगी ने अहम भूमिका निभाते हुए गोल किए. वहीं दुनिया के दूसरे सबसे महंगे गोलकीपर एलिसन ने दूसरे हाफ में कई शानदार सेव किए, जिससे स्पर्स की टीम मैच में वापसी नहीं कर पाई.
मैड्रिड के वांडा मेट्रोपोलिटानो में हुए इस ‘ऑल इंग्लिश फाइनल’ में जर्मन कोच युर्गेन क्लॉप की लिवरपूरल ने दूसरे मिनट में ही बढ़त हासिल कर ली.
मैच के पहले मिनट में ही लिवरपूल विंगर सादियो माने का पास पेनल्टी बॉक्स के अंदर स्पर्स मिडफील्डर मूसा सिसोको के हाथ पर लग गई, जिस पर रेफरी ने लिवरपूर को पेनल्टी दी. स्टार विंगर मोहम्मद सालाह ने स्पॉट से आसानी से शॉट को गोल में तब्दील कर दिया.
हालांकि, इस तेज शुरुआत के बाद पहले हाफ में दोनों टीमों धीमे टेम्पो के साथ फुटबाल खेली और गोल पर ज्यादा अटैक भी नहीं किया.
दूसरे हाफ की शुरुआत से ही टॉटेनहम ने आक्रामक रुख अपनाया और ज्यादा से ज्यादा अटैक की कोशिश की, लेकिन लिवरपूल के गोल के पास कभी खराब पासिंग, कभी फिनिशिंग और फिर कई मौकों पर लिवरपूल की बेहतरीन डिफेंडिंग के कारण कोई गोल नहीं कर सके.
58वें मिनट में लिवरपूल के लिए डिवोक ओरिगी मैदान पर आए, जबकि 65वें मिनट में टॉटेनहम के कोच मॉरिसियो पोचेटिनो ने लुकस मोउरा को मौका दिया.
मैच के 80वें मिनट में सॉन ह्यूंग-मिन को शानदार मौका मिला, लेकिन गोलकीपर एलिसन ने बेहतरीन बचाव किया. कुछ देर बाद बॉक्सके ठीक बाहर से क्रिश्चियन एरिक्सन की अच्छी फ्री-किक पर एक बार फिर एलिसन डाइवलगाकर बॉल को गोल में जाने से रोका.
मैच के87वें मिनट में कॉर्नर किक को टॉटेनहम के डिफेंडर क्लियर नहीं कर पाए और ओरिगी ने बॉक्स के अंदर से गोल करते हुए लिवरपूल का दूसरा गोल करते हुए जीत पक्की कर दी.
5 मिनट के इंजरी टाइम में टॉटेनहम ने कुछ और कोशिश की, लेकिन लिवरपूल के डिफेंस को भेदने में नाकाम रही. जैसे ही रेफरी ने फुल टाइम का इशारा किया, लिवरपूरल के खिलाड़ मैदान पर ही लेट गए, जबकि कोच युर्गेन क्लॉप, सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ बेंच से उठकर अपने खिलाड़ियों की ओर दौड़ पड़े.
14 साल बाद चैंपियन
लिवरपूल ने 14 साल चैंपियंस लीग का खिताब जीत लिया. लिवरपूल ने आखिरी बार 2005 में इस्तांबुल में हुए फाइनल में जबरदस्त वापसी करते हुए एसी मिलान को पेनल्टी शूटआउट में हराया था. वो फाइनल ‘मिरेकल ऑफ इस्तांबुल’ के नाम से जाना जाता है.
इसके साथ ही पिछले साल केफाइनल में रियाल मैड्रिड से मिली हार को पीछे छोड़ते हुए लिवरपूल फिर से यूरोप का चैंपियन बना. लिवरपूल ने इससे पहले 1977. 1978, 1981, 1984 और 2005 में चैंपियंस लीग जीती थी. इस जीत के साथ लिवरपूल ने बायर्न म्यूनिख और एफसी बार्सिलोना (दोनों 5-5) बार को पीछे छोड़ दिया है.
लिवरपूल 2012 के बाद यह खिताब जीतने वाली पहली इंग्लिश टीम है. 2012 में चेल्सी ने बायर्न म्यूनिख को हराकर ये टाइटल जीता था.
वहीं, 2008 के बाद पहली बार ऐसा मौका था जब दो इंग्लिश टीमें इस ट्रॉफी के फाइनल में भिड़ रही हो. 2008 में चेल्सी और मैनचेस्टर युनाइटेड के बीच फाइनल हुआ था, जिसमें युनाइटेड ने जीत दर्ज की थी.
जर्मन क्लब बोरुशिया डॉर्टमंड के साथ 2013 में चैम्पियंस लीग फाइनल हारने के बाद क्लॉप पहली बार कोई ट्रॉफी जीतने में कामयाब हो पाए हैं. लिवरपूल के साथ चौथे साल में उनका ये चौथा फाइनल था. इससे पहले के तीनों फाइनल में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. क्लब के साथ उनकी ये पहली ट्रॉफी है. इतना ही नहीं, लिवरपूल ने 7 साल बाद कोई खिताब जीता है.
IANS इनपुट्स के साथ
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