गुरुवार, 9 दिसंबर को गाबा में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड (AUS vs ENG) के बीच चल रहे पहले एशेज टेस्ट (Ashes Test) के दूसरे दिन एक विवाद खड़ा हो गया.
इंग्लैंड के तेज गेंदबाज बेन स्टोक्स ने ब्रिस्बेन में दूसरे दिन के पहले सेशन में 14 नो-बॉल फेंके (No ball Controversy). हालाँकि उन्हें केवल दो बार ही पकड़ा गया जिसमें से एक बार उन्होंने डेविड वार्नर का विकेट लिया था.
उस समय भी, स्टोक्स ने ज्यादा उत्साह नहीं दिखाया क्योंकि उन्हें शायद पता था कि उन्होंने ओवरस्टेप किया है.
पहले सेशन में कुल 14 नो-बॉल फेंके
वार्नर जब स्टोक्स की गेंद पर आउट हुए तो उस समय 13 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे. उन्हें इंतजार करने के लिए कहा गया क्योंकि बड़ी स्क्रीन पर दिखाया गया कि स्टोक्स ने पॉपिंग क्रीज को पार किया था.
बेन स्टोक्स ने डेविड वॉर्नर को जो शुरुआती 4 गेंदें डाली वो सभी नो बॉल थी, लेकिन इस दौरान सिर्फ एक गेंद पर स्टोक्स पकड़े गए वो भी तब जब वॉर्नर का विकेट गिरा.
हालात और भी खराब हो गई जब सिडनी स्थित मीडिया आउटलेट ने ने इस बात को सामने ला दिया कि स्टोक्स ने शुरुआती सेशन में कुल 14 नो-बॉल फेंके थे, जिनमें से केवल दो बार ही वो पकड़े गए.
खराब थी 'नो बॉल' पता लगाने वाली तकनीक
इस साल की शुरुआत में, ICC ने तीसरे अंपायर को नो-बॉल कॉलिंग ड्यूटी सौंपने का फैसला किया था, लेकिन ऐसा बताया जा रहा है कि गेंदबाजों की फ्रंट-फुट नो-बॉल का पता लगाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक इस टेस्ट के लिए काम नहीं कर रही थी.
इस घटना से नाराज होकर, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने अंपायर को खराब अंपायरिंग के लिए दोषी ठहराया और कहा कि अगर स्टोक्स को पहले रोका गया होता तो वे बहुत अधिक सतर्क होते.
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