एक पारी में लगातार 21 मेडन ओवर. कुछ ऐसा कारनामा हुआ था करीब 56 साल पहले और इसे अंजाम देने वाले थे बापू नादकर्णी. भारत के पूर्व ऑलराउंडर. लेकिन ये करिश्मा करने वाले बापू नादकर्णी का निधन हो गया.
86 साल के नादकर्णी ने शुक्रवार 17 जनवरी को मुंबई में आखिरी सांस ली. उनके दामाद विजय खरे ने पीटीआई को बताया कि वृद्धावस्था से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे थे. नादकर्णी के परिवार में उनकी पत्नी और एक बेटी हैं.
नादकर्णी भारतीय क्रिकेट टीम के लिए बेहद उपयोगी ऑलराउंडर हुआ करते थे. अपने 41 टेस्ट मैच के करियर में बाएं हाथ के स्पिनर नादकर्णी ने 88 विकेट लिए, जबकि 1,414 रन भी बनाए.
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने भी उनके निधन पर शोक जताया और लिखा कि उनके रिकॉर्ड 21 मेडन ओवर की कहानियां सुनकर बड़े हुए थे.
“श्री बापू नादकर्णी के निधन की खबर सुनकर बहुत दुखी हूं. एक टेस्ट में उनके लगातार 21 मेडन ओवर के रिकॉर्ड की कहानियां सुनकर मैं बड़ा हुआ. उनके परिवार से मेरी संवेदनाएं हैं.”सचिन तेंदुलकर
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने भी बापू नादकर्णी के निधन पर शोक जताया
जमकर डालते थे मेडन ओवर
नासिक में जन्मे नादकर्णी मुंबई और महाराष्ट्र क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी रहे. अपने फर्स्ट क्लास करियर में उन्होंने 191 मैच खेले, जिसमें 500 विकेट और 8,880 रन भी बनाए थे.
उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने करियर की शुरुआत भी की और अंत भी. 1955 में उन्होंने दिल्ली में टेस्ट करियर की शुरुआत की और 1968 में ऑकलैंड में अपना आखिरी टेस्ट खेला था.
नादकर्णी को सबसे ज्यादा चर्चा मिली 1964 के मद्रास (अब चेन्नई) टेस्ट से. इंग्लैंड के खिलाफ उस टेस्ट में नादकर्णी ने 32 ओवर में सिर्फ 5 रन दिए और 27 मेडन ओवर डाले. इनमें से लगातार 21 मेडन ओवर भी शामिल थे.
लेकिन ये कोई इकलौता मैच नहीं था, जिसमें ऐसा हुआ. पाकिस्तान के खिलाफ 1960-61 में भी उन्होंने 32 ओवर में से 24 मेडन डाले थे, जबकि कानपुर टेस्ट में भी 34 में से 24 मेडन ओवर डाले थे.
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