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Harbhajan Interview: 20 साल में क्या मिस किया, बचपन से किसके जैसा बनना चाहते थे

Harbhajan Singh Interview फिरकी के उस्ताद हरभजन किसे मानते हैं मास्टर स्पिनर?

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भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल गेंदबाजों में से एक हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने पिछले दिनों क्रिकेट के सभी प्रारूपों से सन्यास लेने का ऐलान किया था. उसके बाद उनका नाम सुर्खियों में था कि वो अब राजनीति में अपनी किस्मत आजमाने वाले हैं. इस तरह की सभी अटकलों पर द क्विंट ने हरभजन सिंह से बात की...

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खबरें आ रही हैं कि आप एक नये मैदान पर नई पारी की शुरुआत करते दिखेंगे, कितनी सच्चाई है इसमें?

नई पारी तो जरुर शुरु होगी क्योंकि क्रिकेट वाला पहलू अब पीछे रह गया है. क्रिकेट वाला पहलू का मतलब है, खिलाड़ी के तौर पर खेलने वाली पारी तो खत्म हो गयी है. लेकिन क्रिकेट के साथ अब तक जुड़ा रहा हूं.

दूसरा पहलू है कि क्रिकेट के सथ जुड़ा रहूं और वो कोचिंग हो सकती है...और जो आप सुनना चाहते हैं, राजनीति के बारे में तो मैंने कोई फैसला नहीं लिया है. क्या करना है, क्यों करना है..तय नहीं किया है लेकिन जब फैसला लूंगा तो आपको जरुर बताऊंगा.

आपने कोचिंग के बारे में बात की...तो क्या आप के लिए दो महीने का IPL प्लेटफॉर्म होगा या फिर इंटरनेशनल टीम? आप फुल-टाइम कोचिंग करेंगे या फिर मेंटोरशिप जैसा रोल लेंगे?

देखिये, अभी ही रिटायर हुआ हूं. बहुत लंबे समय तक मैं घर से बाहर ही रहा हूं. एक क्रिकेटर की भी जिदंगी फौजियों की ही तरह होती है. हमेशा उनका सामान बंधा ही रहता है. जब भी घर पर आता था तो हफ्ते या 10 दिनों बाद निकलना पड़ता था. लेकिन, अब मैं चाहता हूं कि मैं अपना ज्यादा समय परिवार को दूं, पूराने लोगों को दूं.

मैनें बहुत चीजें मिस की हैं, पिछले 20-22 सालों में, लेकिन क्रिकेट मेरी जिंदगी है और हमेशा रहेगी क्योंकि बिना क्रिकेट के मेरा वजूद कुछ भी नहीं है. कोचिंग से कितना जुड़ा रहूंगा अभी तो पता नहीं है लेकिन फिलहाल किसी इंटरनेशनल टीम के साथ उतना वक्त नहीं दे पाऊंगा. इटंरनेशनल टीम के साथ आपको फिर से 12 महीने व्यस्त रहना पड़ता है और मैं उतना टाइम दे नहीं पाऊंगा. जहां तक आईपीएल की बात है, मैं 2-3 महीने किसी भी टीम के काम आ सकता हूं.

क्या अश्विन, अनिल कुंबले (618 टेस्ट विकेट) का रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं?

ये तो उन पर है कि वो वो अपनी फिटनेस को कितना बरकरार रख पाते हैं. उनके पास अभी बहुत वक्त है, मैं चाहूंगा कि वो फिट रहें और आगे खेलते चले जाएं. वो 600 लें, 500 लें या आज एक भी ना लें. वो गेम को बहुत आगे लेकर ले गये हैं. 700 भी ले जा सकते हैं ये कोई बड़ी बात नहीं है, वो एक अच्छे स्पिनर रहे हैं.

नाथन ल्योन के बारे में क्या कहना चाहेंगे?

आज के समय में नाथन ल्योन मेरे फेवेरट स्पिनर्स में से एक हैं क्योंकि वो जिस कंडीशन में खेलते हैं वहां फिंगर स्पिनर होते हुए भी उन्होंने जो परफॉर्मेंस दी है वो कमाल की है. उन्हें मेरा सैल्यूट है.

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आपके करियर में सबसे बेहतरीन लम्हा जो भुलाए न भूले और एक मलाल कौन सा रहा है?

देखिए खुशी की बात तो केवल एक नहीं होगी. मैंने सबसे पहले जिस दिन हैट्रिक ली और उस पूरी सीरीज में मैंने 32 विकेट लिये, जिसने मेरा अस्तित्व बनाया कि ये हरभजन सिंह है. वो सीरीज मैं कभी नहीं भूल पाऊंगा. उसके बाद 2007 का टी20 विश्वकप और 2011 के वर्ल्डकप की जीत...ये कुछ बेहतरीन पहलू रहे हैं मेरी जिंदगी में और हमेशा दिल के करीब रहेंगे.

जहां तक मलाल की बात है वो ये है कि हम 2007 के वर्ल्ड कप में कैसे क्वालिफाई नहीं किए. हम कैसे बहुत पीछे रह गए. हमारी टीम कैसे बांग्लादेश और श्रीलंका से हारकर बाहर हो गई...वो एक मलाल रहेगा, मुझे लगता है कि उस वर्ल्डकप में इंडिया को आगे तक जाना चाहिए था.
हरभजन सिंह
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आपकी ऑटो-बायोग्राफी आने वाली है, आपकी कहानी पूरी फिल्मी है, क्या आप ऐसा सोचते हैं कि आपकी स्टोरी बायोपिक फिल्म बनने लायक है?

मैं मानता हूं कि जो भी लड़के छोटे शहरों से आते है, उसकी एक बहुत अच्छी कहानी होती है और वो लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनता है कि कहां से आया और कहां को पहुंच गया. जब मैं छोटा था तो मैं कपिल देव की तरह बनना चाहता था. मैं ये जरूर चाहूंगा कि मेरी स्ट्रगल की जो कहानी है उसको लोगों तक पहुंचाऊं जिससे आने वाली पीढ़ी उसको देखे. मैं चाहता हूं कि मेरी भी कहानी आए, वो चाहें सिनेमा के माध्यम से आए या ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आए. मेरी कहानी ऐसी है कि जब मैंने शुरुआत की थी तो मैं कुछ नहीं था और अब भगवान की कृपा से सब कुछ है.

कभी आपकी मेहनत कम नहीं होनी चाहिए, मैंने बहुत मेहनत की. मेहनत दुनिया करती है लेकिन अगर आप शिद्दत से काम करते हो और आपकी बहनों व लोगों का प्यार मिलता है तो कोई भी चीज आपको अचीवमेंच तक पहुंचाने से रोक नहीं सकती.
हरभजन सिंह

आपके वक्त का बेस्ट ऑफ-स्पिनर कौन रहा है?

मुथैया मुरलीधरन ऑल टाइम खेल में सबसे अच्छे ऑफ-स्पिनर रहे हैं. उनके अलावा सकलैन मुश्ताक के लिए बहुत सम्मान है क्योंकि वो एक चैम्पियन बॉलर हैं. मुझे नहीं लगता कि ऑफ-स्पिनर के रूप में उनसे बड़ा बॉलर कोई आया हो. उनके अलावा ग्रेम स्वॉन काबिल-ए-तारीफ बॉलर रहे हैं. ये तीन बहुत अच्छे स्पिनर रहे हैं, जिन्होंने कई लोगों को सिखाया.

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