साउथ अफ्रीका में चल रहे आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप के फाइनल में भारतीय टीम की बैटिंग पूरी तरह फ्लॉप रही. बांग्लादेश की बेहतरीन गेंदबाजी के सामने भारतीय बल्लेबाज बेबस नजर आए और टीम सिर्फ 177 रन पर ढेर हो गई. भारत के लिए एक बार फिर यशस्वी जायसवाल ने ही कुछ दम दिखाया और सबसे ज्यादा 88 रन बनाए.
पोचेफ्स्ट्रूम के सेनवेस पार्क में बांग्लादेश ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया. टीम के तेज गेंदबाजों ने अपने कप्तान के फैसले को सही साबित किया और भारतीय बल्लेबाजों को कोई मौका नहीं दिया.
भारत की शुरुआत बेहद धीमी रही. भारतीय ओपनर पहले 6 ओवरों में टीम सिर्फ 8 रन बना सके. बढ़ते दबाव के चलते सातवें ओवर में दिव्यांश सक्सेना ने बाहर जाती गेंद को सर्किल के ऊपर से मारने की कोशिश की, लेकिन बैकवर्ड प्वाइंट पर फील्डर ने कैच लपक लिया.
बांग्लादेश की बेहतरीन गेंदबाजी का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है, कि भारत का पहला चौका आठवें ओवर में आया. यशस्वी जायसवाल ने शॉर्ट बॉल पर मिडविकेट की ओर चौका जड़ा. भारत ने पहले 10 ओवरों में सिर्फ 23 रन बनाए, जो इस टूर्नामेंट में पहले पावर-प्ले में टीम का सबसे कम स्कोर रहा.
यशस्वी और तिलक वर्मा ने इसकी फिक्र किए बिना अच्छी साझेदारी पर जोर दिया और बीच-बीच में बाउंड्री भी बटोरी. दोनों के बीच दूसरे विकेट के लिए साझेदारी बड़ी हो रही थी. इस बीच यशस्वी ने 89 गेंद में 4 चौकों की मदद से टूर्नामेंट में अपना चौथा अर्धशतक पूरा किया.
भारत के 100 रन पूरे हुए ही थे कि बड़ा शॉट लगाने की कोशिश में तिलक वर्मा अपना विकेट गंवा बैठे. तिलक (35) ने यशस्वी के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए 94 रन की साझेदारी की.
जल्द ही कप्तान प्रियम गर्ग (7) भी आउट हो गए. टूर्नामेंट सिर्फ तीसरी बार बैटिंग के लिए उतरे प्रियम लगातार दूसरी बार नाकाम रहे. लगातार दो झटके लगने से भारतीय टीम बैकफुट पर आ गई.
यहां से यशस्वी ने ध्रुव जुरैल के साथ भारतीय पारी को फिर से संवारने की कोशिश शुरू की. इस वक्त तक यशस्वी भी अपने रंग में आते दिख रहे थे. उन्होंने लॉन्ग ऑन पर कुछ ऊंचे शॉट लगाकर बाउंड्री बटोरी.
जब लगा कि यशस्वी लगातार दूसरी शतक जड़ देंगे, तभी शरीफुल इस्लाम की गेंद पर वो अपना विकेट गंवा बैठे और भारत की सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचने की उम्मीदों को झटका लगा. यशस्वी 88 रन बनाकर आउट हुए.
156 रन पर यशस्वी के आउट होने के साथ ही भारतीय पारी पूरी तरह से बिखर गई. रनिंग के दौरान खराब तालमेल के कारण ध्रुव जुरैल (22) और रवि बिश्नोई (2) रन आउट हो गए. भारत ने सिर्फ 21 रन पर आखिरी 6 विकेट गंवा दिए.
बांग्लादेश के लिए अभिषेक दास ने सबसे ज्यादा 3 विकेट लिए, जबकि तंजीम साकिब और शरीफुल इस्लाम को 2-2 विकेट मिले.
बैटिंग के फेल होने के बाद भारतीय टीम को खिताब दिलाने की जिम्मेदारी अब गेंदबाजों की है, जिनका प्रदर्शन वर्ल्ड कप में काफी अच्छा रहा है.
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