राजकोट वनडे में गेंदबाजों की बेहतरीन वापसी की मदद से भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 36 रन से हरा दिया. इसके साथ ही टीम इंडिया ने सीरीज में 1-1 से बराबरी कर ली है. भारत के 340 रन के जवाब में ऑस्ट्रेलिया की टीम 49.1 ओवर में 304 पर ऑल आउट हो गई. सीरीज का आखिरी और निर्णायक मैच रविवार 19 जनवरी को बेंगलुरू के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला जाएगा.
एक वक्त स्टीव स्मिथ और मार्नस लाबुशेन के बीच हो रही बेहतरीन साझेदारी से भारतीय टीम मुश्किल में लग रही थी, लेकिन पहले रविंद्र जडेजा ने लाबुशेन को आउट किया और फिर 38वें ओवर में कुलदीप यादव ने स्टीव स्मिथ समेत 2 विकेट लेकर भारत की राह आसान कर दी.
इसके बाद शमी ने भी लगातार 2 गेंद पर 2 विकेट चटकाकर ऑस्ट्रेलिया की वापसी की उम्मीदों को खत्म कर दिया. 47वें ओवर में नवदीप सैनी ने भी 2 विकेट निकालकर भारत की जीत तय कर दी.
आखिर में जसप्रीत बुमराह ने 50वें ओवर की पहली गेंद पर एडम जाम्पा को आउट कर अपना पहला विकेट लिया और ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम 304 रन पर ढेर हो गई.
वॉर्नर-फिंच इस बार नाकाम
इससे पहले भारत से मिले 341 रन के लक्ष्य के जवाब में ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत अच्छी नहीं रही. भारत ने 100 रन से पहले ही ऑस्ट्रेलिया के दोनों सलामी बल्लेबाजों को पवेलियन लौटा दिया. मोहम्मद शमी ने मुंबई वनडे में शतक जड़ने वाले ओपनर डेविड वॉर्नर (15) का विकेट लेकर भारत को पहली सफलता दिलाई.
डेविड वॉर्नर ने शुरुआत तो तेज की और मोहम्मद शमी पर 2 चौके जड़े. चौथे ओवर में शमी की गेंद पर बाउंड्री बटोरने के बाद अगली ही गेंद पर मनीष पांडे के हाथों लपके गए. कवर्स में खड़े पांडे ने बेहतरीन कैच लपक कर वॉर्नर को चलता किया.
हालांकि इसके बाद स्टीव स्मिथ और फिंच ने एक अच्छी साझेदारी की. दोनों ने मिलकर भारतीय गेंदबाजों को कोई मौका नहीं दिया और टीम को 80 रन तक ले गए. यहां पर फिंच पहली बार गलती कर बैठे.
रविंद्र जडेजा की गेंद पर फिंच क्रीज से बाहर निकल गए लेकिन गेंद को खेल नहीं पाए और विकेट के पीछे केएल राहुल ने तेजी से उनको स्टंप कर दिया.
फिंच ने 33 रन बनाए और 82 रन के स्कोर पर ऑस्ट्रेलिया का दूसरा विकेट गिरा.
स्मिथ-लाबुशेन बने खतरा
टेस्ट क्रिकेट में पिछले एक साल में स्टीव स्मिथ और मार्नस लाबुशेन ने ऑस्ट्रेलिया के लिए लगातार रन बनाए हैं. स्मिथ तो कई साल से ये काम कर रहे हैं लेकिन लाबुशेन ने पिछले एक साल में अपना जलवा दिखाया है.
दोनों ने अपना यही अंदाज राजकोट में भी दिखाया. वॉर्नर और फिंच का विकेट गिरने के बाद तीसरे और चौथे नंबर के इन दोनों बल्लेबाजों ने टीम को संभालने का काम किया. दोनों ने यहां भी बिना किसी परेशानी के रन बनाए.
दोनों के बीच शतकीय साझेदारी होने ही वाली थी, कि रविंद्र जडेजा ने भारत को बेहद अहम सफलता दिलाई. वनडे क्रिकेट में अपनी पहली पारी खेल रहे लाबुशेन (46) अर्धशतक से चूक गए और जडेजा का शिकार बने.
कुलदीप की कलाबाजी, शमी की यॉर्कर से वापसी
जडेजा ने लाबुशेन को आउट कर खतरनाक होती साझेदारी को तो तोड़ दिया, लेकिन क्रीज पर स्मिथ अभी भी थे. उनके साथ थे एलेक्स कैरी. इन दोनों ने भी उसी रफ्तार से अपनी साझेदारी आगे बढ़ाई. भारत पर खतरा अभी भी बरकरार था.
अभी तक बेअसर रहे कुलदीप ने एक ही ओवर में पूरा खेल बदल दिया. 38वें ओवर में कुलदीप ने पहले एलेक्स कैरी (18) को विराट कोहली के हाथों आउट करवा दिया और 2 गेंद बाद ही स्मिथ को बोल्ड कर भारत को बड़ी राहत दिलाई. स्मिथ अपना शतक पूरा नहीं कर पाए और 98 रन बनाकर आउट हो गए.
यहां से भारत मैच भारत के पक्ष में झुक गया और ऑस्ट्रेलिया की राह कठिन होती गई. फिर आया 44वां ओवर जिसने मैच को पूरी तरह ऑस्ट्रेलिया से छीन लिया.
मोहम्मद शमी ने अपनी तेज रफ्तार यॉर्कर का कहर बरपा दिया. शमी ने पहले अपनी यॉर्कर से एश्टन टर्नर का मिडिल स्टंप उखाड़ा और फिर अगली ही गेंद पर बिल्कुल हूबहू यॉर्कर से पैट कमिंस को भी बोल्ड कर दिया.
इसके बाद शमी ने अपनी हैट्रिक गेंद पर एक और यॉर्कर डाली और गेंद मिचेल स्टार्क के पैड पर भी लगी. भारतीय टीम ने जोरदार अपील की, लेकिन अंपायर ने नॉट आउट करार दिया. इस तरह शमी अपनी दूसरी हैट्रिक पूरी नहीं कर पाए.
आखिर में नवदीप सैनी ने भी एक ओवर में एश्टन ऐगर और मिचेल स्टार्क का विकेट लेकर जीत पक्की कर दी, जिसकी औपचारिकता आखिर में बुमराह ने पूरी की.
हालांकि मोहम्मद शमी (3/77) काफी महंगे साबित हुए लेकिन वो भारत के सबसे सफल गेंदबाज भी रहे. उनके अलावा कुलदीप यादव, रविंद्र जडेजा और नवदीप सैनी को भी 2-2 विकेट मिले.
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