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पहले टेस्ट में साउथ अफ्रीका पर जीत को इन वजहों ने बनाया बेहद खास

भारत ने 3 मैच की सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली है

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कैमराः कनिष्क डांगी

वीडियो एडिटरः मोहम्मद इब्राहिम

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भारत ने विशाखापत्तनम में हुए पहले टेस्ट मैच में साउथ अफ्रीका को 203 रन से हरा दिया. इस जीत के साथ ही भारतीय टीम ने 3 मैच की सीरीज में 1-0 से बढ़त हासिल कर ली. हालांकि ये सिर्फ एक बड़ी जीत ही नहीं, बल्कि महत्वपूर्ण जीत भी है.

ये जीत कई मायनों में अहम है. खासतौर पर नई सीरीज का पहला ही टेस्ट जीतकर टीम ने सीरीज की शुरुआत अच्छी लय में की है. इससे टीम को बाकी बचे 2 मैचों में और आक्रामक क्रिकेट खेलने में मदद मिलेगी.

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टेस्ट चैंपियनशिप में नंबर 1

आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की शुरुआत के साथ ही टेस्ट मैचों की अहमियत और ज्यादा बढ़ गई है. अब किसी भी टेस्ट का नतीजा हर टीम के लिए बहुत मायने रखता है क्योंकि हर टेस्ट के साथ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के प्वाइंट्स जुड़े हैं.

इसलिए भारत ने एक और जीत के साथ ही कुछ और प्वाइंट्स जुटा लिए हैं. 3 मैचों की इस सीरीज में हर मैच 40-40 प्वाइंट्स का है. इसलिए जीत के साथ ही भारत को 40 प्वाइंट्स मिले हैं. टीम इंडिया के अब 160 प्वाइंट्स हो गए हैं और वो टेबल में टॉप पर बरकरार है.

भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 120 प्वाइंट्स हासिल किए थे.

शमी और जडेजा की जादुई गेंदबाजी

मैच के आखिरी दिन मोहम्मद शमी और रविंद्र जडेजा ने अपना जलवा बिखेरा. खासतौर पर मोहम्मद शमी ने. पहली पारी में शमी को एक भी विकेट नहीं मिला था, लेकिन दूसरी पारी में आखिरी दिन जब उन्होंने दिन की शुरुआत की तो उनकी गेंदों से अफ्रीकी बल्लेबाज चकमा खाते दिखे.

शमी ने अपने पहले स्पैल में ही 3 बड़े विकेट हासिल कर लिए. शमी ने अपनी रिवर्स स्विंग का बखूबी इस्तेमाल किया और टेम्बा बावुमा, फाफ डु प्लेसी और पिछली पारी में शतक जड़ने वाले क्विंटन डि कॉक को एक-एक कर बोल्ड कर दिया.

लंच के बाद भी जब भारतीय टीम विकेट के लिए परेशान दिखी तो शमी ने एक बार फिर कमाल दिखाया और आखिरी 2 विकेट लेकर टीम को जीत दिलाई.

वहीं रविंद्र जडेजा ने चौथे दिन डीन एल्गर को आउट कर अच्छी शुरुआत दिलाई, तो पांचवे दिन एक ही ओवर में कमाल कर दिया.

जडेजा ने पहले खतरनाक दिख रहे एडन मारक्रम को आउट किया और फिर उसी ओवर में 2 और विकेट लेकर साउथ अफ्रीका की हार को तय कर दिया.

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टीम इंडिया की जीत के हीरो

टीम की जीत में 4-5 खिलाड़ियों का सबसे बड़ा योगदान रहा. सबसे पहले बात रोहित शर्मा की. पहली बार टेस्ट मैच में ओपनिंग करने उतरे रोहित पर टेस्ट क्रिकेट में खुद को साबित करने का दबाव तो था ही साथ ही इस नई जिम्मेदारी में भी खरे उतरने का बोझ.

रोहित ने दोनों ही टेस्ट बखूबी पास किए. उन्होंने न सिर्फ दोनों पारियों में शतक जड़े, बल्कि कई रिकॉर्ड्स भी अपने नाम कर डाले. मयंक अग्रवाल के साथ पहली पारी में की गई 317 रन की साझेदारी ने ही भारत की जीत की बुनियाद रखी.

वहीं मयंक अग्रवाल भी इस जीत के एक हीरो हैं. सिर्फ पांचवा टेस्ट खेल रहे मयंक ने पहली पारी में शानदार दोहरा शतक जड़ डाला. खासबात ये है कि मयंक ने इससे पहले एक भी शतक नहीं जड़ा था. इस तरह अपने पहले ही शतक को दोहरे शतक में बदलकर उन्होंने दिखाया कि वो लंबी पारियां खेलने में सक्षम हैं.

वहीं रविंद्र जडेजा को भी नहीं भूला जा सकता. जडेजा ने दोनों ही पारियों में बल्ले से भी अच्छा योगदान दिया और साथ ही गेंद से भी कमाल दिखाया. दूसरी पारी में तो वो गेंद और बल्ले दोनों से ही ज्यादा प्रभावी लगे. एक ओवर में लिए 3 विकेट ने मैच साउथ अफ्रीका की पकड़ से पूरी तरह बाहर कर दिया.

वहीं लगभग साल भर बाद प्लेइंग इलेवन में वापसी करने वाले रविचंद्रन अश्विन ने भी एक बार फिर दिखा दिया कि वो मौजूदा वक्त में भारत और दुनिया के सबसे बड़े स्पिनर हैं. अश्विन ने पहली पारी में 7 विकेट लेकर साउथ अफ्रीका को बड़ा स्कोर बनाने से रोका.

ये 27वां मौका था जब अश्विन ने टेस्ट मैच की एक पारी में 5 या उससे ज्यादा विकेट लिए हों. इसके साथ ही अश्विन ने टेस्ट में सबसे तेज 350 विकेट लेने के मुथैया मुरलीधरन के रिकॉर्ड की बराबरी की.

वहीं मोहम्मद शमी ने मैच के आखिरी दिन अपना कमाल दिखाया. शमी ने 2018 में जब से टीम में वापसी की है, वो टेस्ट मैचों की दूसरी पारी में ज्यादा खतरनाक दिखे हैं. वही इस मैच में भी हुआ और शमी ने आखिरी दिन 5 विकेट लेकर भारत को जीत दिलाई.

अब सीरीज का दूसरा मैच 10 अक्टूबर से पुणे में होगा. भारत के पास मौका है कि वो उसे भी जीत कर सीरीज पर कब्जा करे और टेस्ट चैंपियनशिप की टेबल में सबसे ऊपर बनी रहे.

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