आईपीएल 2022 (IPL 2022) का महासमर अपने उफान पर है और इस सफर में रोज कोई न कोई सितारा चमक रहा है. इसमें वो खिलाड़ी भी चमक रहे हैं, जिन्हें कुछ समय पहले तक टीम और फ्रेंचाइजी किनारे लगाने की कोशिशें कर रही थी.
दो फिरकी गेंदबाज, चाइनामैन कुलदीप यादव और लेग ब्रेक बॉलर युजवेंद्र चहल की कहानी कुछ ऐसी ही है. दोनों को इससे पहले घोर उपेक्षाओं का सामना करना पड़ा, लेकिन इस सीजन उन्होंने अपने प्रदर्शन से अपनी पुरानी टीमों के फैसले को गलत साबित किया है.
कुलदीप यादव
क्रिकेट में अक्सर एक कहावत है कि 'डेब्यू करने से ज्यादा मुश्किल है ड्रॉप होने के बाद वापसी करना' और अगर आप चोट की वजह से ड्रॉप हो रहे हैं तो वापसी करना और भी मुश्किल है.
इस सीजन छाए हैं कुलदीप
कुलदीप इस सीजन अब तक 5 मैचों में 11 विकेट लेकर दूसरे सबसे सफल स्पिन गेंदबाज हैं. उनकी चाइनामैन बल्लेबाजों के लिए अनसुलझी पहेली लग रही है. भारत के लिए ओडीआई और टी20 में दो हैट्रिक लेने वाले पहले गेंदबाज कुलदीप यादव ही हैं. इस सीजन उनकी इस सफलता से पहले जो कुछ भी हुआ वहां से लौटना किसी गेंदबाज के लिए बिल्कुल आसान नहीं था.
आईपीएल में पिछले 3 साल नहीं मिला भाव
ये वही कुलदीप यादव हैं जो 2014 से लेकर 2021 तक कोलकाता की टीम के साथ जुड़े रहे, लेकिन पिछले 3 सालों से ऐसा लग रहा था मानो कुलदीप खाली बेंच भरने के लिए हैं.
2019 में कुलदीप को केकेआर ने सिर्फ 9 मैचों में प्लेइंग इलेवन में शामिल किया.
2020 में ये और कम हो गया और उन्हें सिर्फ पांच मैच खेलने के लिए मिले.
2021 में पहले भाग में कुलदीप को केकेआर ने पूरी तरह अनदेखा किया और एक भी मैच में मौका नहीं मिला. दूसरे भाग में घुटने की चोट के चलते टूर्नामेंट से बाहर हो गए.
इसके बाद 2022 में मेगा ऑक्शन से पहले कोलकाता ने इन्हें रिलीज करना ठीक समझा. इसी ऑक्शन में दिल्ली कैपिटल्स ने कुलदीप पर दांव लगाया, लेकिन पिछले सीजन तक आईपीएल से 5 करोड़ 80 लाख रुपए कमाने वाले कुलदीप इस सीजन सिर्फ दो करोड़ में सिमट गए.
चोट ने राह और मुश्किल की
कुलदीप यादव को अकेले केकेआर ने परेशान नहीं किया बल्कि इसमें उनकी किस्मत ने भी भरपूर साथ निभाया. आईपीएल 2021 के पहले भाग में एक भी मैच में मौका न मिलने के बाद दूसरे भाग में कुलदीप यादव के घुटनों में ऐसी चोट लगी कि वह 5 महीनों तक क्रिकेट से पूरी तरह दूर रहे. इसके बाद उनके घुटने की सर्जरी हुई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और फिर मैदान पर लौटे.
युजवेंद्र चहल
ये गेंदबाज कद काठी में जितना छोटा दिखता है, इसके कारनामे उतने ही बड़े हैं. लेकिन चहल के कारनामों की राह भी पिछले कुछ समय से कांटो भरी ही रही है. चहल को इससे पहले दो मौकों पर दरकिनार किया गया, जिसे पचा पाना किसी के लिए आसान नहीं था. पहला, भारतीय टीम ने इन्हें ड्रॉप कर दिया वो भी टी20 वर्ल्ड कप जैसे टूर्नामेंट में. दूसरा, RCB ने मेगा ऑक्शन से पहले चहल को रिटेन करना गैरजरूरी समझा.
T20 वर्ल्ड से पहले ड्रॉप
UAE में हुए T20 वर्ल्ड कप 2021 में चहल को भारत की 15 सदस्यीय टीम में जगह नहीं मिली. इस, टीम में पांच स्पिन गेंदबाज शामिल थे, लेकिन चहल का नंबर नहीं आया. जाहिर है चहल इससे परेशान थे. बाद में उन्होंने कहा,
"मुझे चार साल में बाहर नहीं किया गया और फिर मुझे इस तरह के एक अहम टूर्नामेंट से पहले बाहर की राह दिखा दी गई. मुझे बहुत बुरा लगा. मैं दो-तीन दिनों के लिए डाउन था."युजवेंद्र चहल
लेकिन ये सब अकारण नहीं हुआ, चहल टी20 क्रिकेट में संघर्ष कर रहे थे. विश्व कप से पहले ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ दो प्रमुख श्रृंखलाओं में उन्होंने ज्यादा विकेट लिए बिना 9.75 और 9.92 की इकॉनमी से रन लुटाए थे.
RCB ने भी ठुकराया
युजवेंद्र चहल को इस साल RCB ने भी ठुकरा दिया. मेगा ऑक्शन से पहले बैंगलोर ने चहल को अपनी टीम में रखना ठीक नहीं समझा. चहल 2014 से 2021 तक 8 सालों तक आरसीबी के साथ जुड़े हुए थे, लेकिन अचानक उनसे बिना बात करे उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया. राजस्थान ने इस मौके का फायदा उठाया और 6.50 करोड़ में अपने साथ जोड़ लिया. उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा,
आरसीबी ने कभी भी रिटेन करने या पैसे की बात करने के लिए नहीं कहा. मेरी उनसे कोई बात नहीं हुई.
फिलहाल पर्पल कैप होल्डर
चहल इन सब से उठकर इस सीजन के लीडिंग विकेट टेकर हैं. कोलकाता के खिलाफ चहल ने इस सीजन की पहली हैट्रिक ली और एक मैच में पहला 5 विकेट भी अपने नाम किया. चहल ने न सिर्फ पर्पल कैप बरकरार रखा बल्कि सिर्फ छह मैचों में 17 विकेट लिए हैं. यकीनन ये देखकर RCB को अपने फैसले पर पछतावा हो रहा होगा.
युजवेंद्र चहल (17 विकेट), कुलदीप यादव (11 विकेट), और राहुल चाहर (9 विकेट) आईपीएल 2022 में अब तक भारत के टॉप तीन स्पिनर हैं.
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