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''ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 'वाह हनुमा', IPL 2021 नीलामी में ना-ना''

याद कीजिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट का पांचवा दिन

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IPL की प्रासंगिकता के समर्थन में सबसे बड़े तर्क दिए जाते हैं कि इस टूर्नामेंट से बतौर खेल क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ेगी और नए टैलेंट को इंटरनेशनल दर्जे का प्लेटफॉर्म मिलेगा. लेकिन IPL ऑक्शन 2021 में एक काबिल भारतीय खिलाड़ी को किसी भी टीम ने नहीं खरीदा. इस खिलाड़ी ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया दौरे के वक्त सारे क्रिकेट प्रेमियों के दिल में खास जगह बनाई थी. उस खिलाड़ी का नाम है हनुमा विहारी.

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याद कीजिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट का पांचवा दिन

11 जनवरी 2020, बॉर्डर गावस्कर ट्राफी के तीसरे टेस्ट मैच का पांचवा दिन. हैमस्ट्रिंग चोट के बावजूद सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (CSG) पर हनुमा विहारी की जुझारू पारी की दुनिया मुरीद हो गई. भारत के 5 विकेट गिर चुके थे और परिस्थितियां भारत के विपरीत थीं.

भारत टेस्ट मैच ड्रॉ कराने के लिए खेल रहा था. आखिरी दिन अश्विन और विहारी क्रीज पर थे, सारा दारोमदार चोटिल विहारी पर था. उम्मीदों पर खरा उतरते हुए विहारी ने 161 गेंदों का सामना किया और बिना आउट हुए टेस्ट मैच ड्रॉ कराया. लेकिन ऐसा नहीं है कि हनुमा ने सिर्फ यहां पहली बार धैर्य और शौर्य का प्रदर्शन किया है. ऐसे कई मौके आए जब हनुमा विहारी ने चौके लगाए.

IPL ऑक्शन में किसी टीम के नहीं खरीदे जाने के बाद खुद हनुमा विहारी ने मजाकिया अंदाज में ट्वीट किया.

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कई क्रिकेट फैंस हुए दुखी

हनुमा विहारी को जब किसी टीम ने नहीं खरीदा तो सोशल मीडिया पर कई क्रिकेट फैंस को अच्छा नहीं लगा. कई लोगों ने विहारी को नहीं खरीदी जाने के बाद नाराजगी भरे रिएक्शन दिए. लोगों का दिल इस बात को लेकर दुखा कि इतना गजब का खिलाड़ी होने के बावजूद हनुमा विहारी को नहीं खरीदा गया.

हनुमा विहारी टेस्ट क्रिकेट ज्यादा अच्छा खेलते हैं. दूसरी तरफ IPL फटाफट क्रिकेट है जहां तेजी से रन स्कोर करने होते हैं. क्रिकेट प्रेमी मानते हैं कि टेस्ट क्रिकेट ही असली क्रिकेट है और IPL जैसा फटाफट गेम क्रिकेट के स्वरूप को खराब कर रहा है. इस तर्क से अगर देखें तो हनुमा विहारी का ना खरीदा जाना इसी का नतीजा लगता है. इतना होनहार टेस्ट प्लेयर होने के बावजूद हनुमा विहारी को नहीं चुना गया.

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पिता के निधन पर भी खेले थे फाइनल

कप्तान विराट कोहली ने सीरीज शुरू होने से पहले स्टीव स्मिथ के साथ बातचीत में कहा था कि विहारी एक ऐसे खिलाड़ी थे जिसे वह टेस्ट सीरीज के दौरान आगे देखना चाहते थे. कोहली को उनकी और उनके धर्य को पसंद करने का एक कारण हो सकता है.

कोहली जब 18 साल के थे, तो रणजी ट्रॉफी के दौरान उनके पिता का निधन हो गया था. विहारी भी जब 10 साल के थे तो उनके पिता का निधन हो गया था. 2006 में अपने पिता के निधन के बावजूद कोहली रणजी ट्रॉफी में कर्नाटक के खिलाफ खेले थे. विहारी भी अपने पिता के निधन के बावजूद स्कूल फाइनल के मैच में खेले थे. विहारी के बचपन के कोच जॉन मनोज ने कहा-

वह बहुत धर्यवान है. अपने पिता के निधन के बावजूद वह स्कूल के फाइनल मैच में खेले थे और 80 रन बनाए थे. वह शुरू से ही ²ढ़ संकल्पी था. उनकी मां ने दिवंगत पिता के पेंशन के सहारे उन्हें समर्थन किया है

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