अपनी शानदार फील्डिंग और निचले क्रम में अच्छी बल्लेबाजी के लिए मशहूर मोहम्मद कैफ ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया है. कैफ ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए आखिरी मैच 12 साल पहले खेला था.
37 साल के कैफ ने भारतीय टीम के लिए 13 टेस्ट और 125 वनडे खेले हैं. कैफ को सबसे ज्यादा 2002 में नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में लॉ़र्ड्स में अपनी 87 रन की शानदार पारी की वजह से भारत को जीत जिताने के लिए याद किया जाता है.
कैफ ने बीसीसीआई के कार्यवाहक प्रेसिडेंट सीके खन्ना और कार्यवाहक सेक्रेट्री अमिताभ चौधरी को ई मेल कर क्रिकेट से संन्यास लेने की जानकारी दे दी है. उन्होंने ई मेल कर कहा, '' मैं आज आपको फर्स्ट-क्लास क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से अपने रिटायरमेंट की सूचना दे रहा हूं.''
मोहम्मद कैफ साउथ अफ्रीका में हुए वर्ल्ड कफ फाइनल में पहुंची भारतीय टीम के सदस्य थे. 2002 में भारत के जूनियर वर्ल्ड कप फाइनल जीतने के बाद मोहम्मद कैफ और युवराज सिंह स्टार खिलाड़ी बन कर उभरे थे.
अपने वक्त के सबसे फिट क्रिकेटर थे मोहम्मद कैफ
कैफ ने रणजी ट्रॉफी में अपना आखिरी फर्स्ट क्लास मैच खेला था और अपनी टीम को यूपी को इसमें जीत दिलाई थी. कैफ को भारत के सबसे अच्छे फील्डरों में से एक गिना जाएगा. भारतीय टीम जिन पांच सालों तक वह लगातार खेलते रहे उन दिनों खेले गए मैचों में 30 गज के अंदर फील्डिंग के दौरान उनकी चुस्ती-फुर्ती देखते ही बनती थी. यही बात कैफ को सबसे खास बनाती थी.
युवराज के साथ कैफ भारतीय फील्डिंग की रीढ़ की हड्डी बने रहे. उस दौर में सौरभ गांगुली के नेतृत्व में भारतीय क्रिकेट ताकतवर बन कर उभर रही थी. कैफ अपने समय के सबसे फिट क्रिकेटर माने जाते थे. वनडे में उनकी बैटिंग एवरेज 32 है. उनके नाम सिर्फ दो शतक हैं. नंबर छह और सात नंबर पर उतर कुछ डिलीवरी में उनकी काबिलियत दिखाने को उनकी प्रतिभा की कसौटी नहीं माना जा सकता.
कैफ ने बीसीसीआई को मेल में लिखा है
आज शुक्रवार को मैं क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से रिटायरमेंट की घोषणा करता हूं. आज से 16 साल पहले ऐतिहासिक नेटवेस्ट ट्रॉफी में मिली जीत को मैं हमेशा याद रखना चाहता हूं. भारत की ओर से खेल कर मैं गौरवान्वित महसूस करता हूं. मैंने 125 वनडे और 13 टेस्ट खेले हैं.
जिम्बाब्वे के खिलाफ शानदार पारी के लिए भी किए जाते हैं याद
लॉर्ड्स में बनाए 87 रन की पारी के अलावा जिम्बाब्वे के खिलाफ 2002 में कैफ के शतक को भी यादगार पारी के तौर पर याद किया जाता है. टॉप ऑर्डर के 100 रन के अंदर ही ध्वस्त होने के बाद ही उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए शतक बनाया था. हालांकि बल्लेबाजी की उनकी टेक्निकल कमजोरी ने उन्हें तेज गेंदबाजों का आसान शिकार बना दिया.
2006 के दक्षिण अफ्रीकी दौर में उनकी यह कमजोरी पूरी तरह उजागर हो गया. इसके बाद वह भारत के लिए कभी नहीं खेल पाए. लेकिन यूपी के लिए घरेलू क्रिकेट में उपयोगी बल्लेबाजी बने रहे. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 129 मैच खेलते हुए कैफ ने 7581 रन बनाए हैं. इनमें 15 शतक शामिल हैं.
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