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राहुल द्रविड़ जैसी ईमानदारी टीम इंडिया ही नहीं इंडिया को भी बेहतर बना सकती है

Wriddhiman Saha ने कहा था कि द्रविड़ ने उन्हें सन्यास की सलाह दी थी, इसपर द्रविड़ का जवाब सबके काम आ सकता है.

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राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) के बारे में आप कोई भी धारणा रखें लेकिन इनकी ईमानदारी और कभी पीछे न हटने वाले अप्रोच से सभी सहमत होंगे. यहां द्रविड़ की इमानदारी की बात इसलिए क्योंकि भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) ने द्रविड़ को इशारों-इशारों में आड़े हाथों लिया और द्रविड़ ने पूरी ईमानदारी से उनका जवाब दिया है.

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क्या है पूरा मामला ?

शनिवार, 19 फरवरी को बीसीसीआई ने श्रीलंका के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज के लिए स्कॉड का ऐलान किया. इस स्कॉड में अजिंक्य रहाणे, चेतेश्वर पुजारा और इशांत शर्मा के साथ साहा की भी जगह नहीं बन पाई. अब साहा ने इसी बात पर अपनी नाराजगी जाहिर की. साहा ने कहा कि कानपुर टेस्ट के बाद सौरव गांगुली ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि जब तक वो हैं, तब तक उनकी जगह टीम से कोई नहीं छीन सकता. अब एकदम से साहा बाहर कर दिए गए. इसके बाद उन्होंने कहा कि,

"राहुल द्रविड़ ने मुझे सलाह दी थी कि मैं सन्यास के बारे में सोचना शुरू कर दूं, क्योंकि अब मेरे सेलेक्शन पर विचार नहीं किया जाएगा."
ऋद्धिमान साहा, क्रिकेटर, भारत

जाहिर है, अब ये सीधे तौर पर द्रविड़ पर आरोप है कि उन्होंने साहा को किनारे लगा दिया है, लेकिन भारतीय क्रिकेट में वो 'दीवार' (राहुल द्रविड़) जिसपर न तो ग्लेन मेग्रा की रफ्तार कुछ असर डाल सकी न मुथैया की फिरकी, तो फिर ये दीवार चंद आरोपों से कैसे ढ़ह जाती. लिहाजा द्रविड़ ने पूरी ईमानदारी से साहा के इन आरोपों का जवाब दिया.

मैं नहीं चाहता था कि वो मीडिया से सुनें, वो स्पष्टता के हकदार थे- द्रविड़

भारत की टी20 सीरीज में वेस्टइंडीज के खिलाफ 3-0 से जीत के बाद द्रविड़ ने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ऋद्धिमान साहा के साथ उनकी बातचीत भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान और उपलब्धियों के सम्मान में हुई थी. उन्होंने कहा,

"टी20 सीरीज जीतने पर हमें बधाई देने के लिए धन्यवाद. मैं बिल्कुल भी आहत नहीं हूं. मेरे मन में रिद्धिमान साहा, उनकी उपलब्धियों और भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान के लिए गहरा सम्मान है. उनके साथ मेरी बातचीत वास्तव में उसके लिए मेरे सम्मान से हुई. वह ईमानदारी और स्पष्टता के हकदार थे. मैं नहीं चाहता था कि वह मीडिया से इसके बारे में सुनें."
राहुल द्रविड़, कोच, भारतीय क्रिकेट टीम
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द्रविड़ ने आगे खिलाड़ियों के साथ मुश्किल बातचीत के महत्व के बारे में बताते हुए कहा, "ये बातचीत हैं जो मैं लगातार खिलाड़ियों के साथ करता हूं. मैं इसके बारे में बिल्कुल भी आहत नहीं हूं क्योंकि मैं खिलाड़ियों से हमेशा सभी संदेशों को पसंद करने या उनके बारे में मेरी हर बात से सहमत होने की उम्मीद नहीं करता हूं. जब आप लोगों के साथ मुश्किल बातचीत करते हैं, तो कभी-कभी आपको उन्हें खिलाड़ियों के साथ रखना पड़ता है, आप हमेशा यह उम्मीद नहीं करते हैं कि वे आपसे सहमत होंगे."

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हर प्लेइंग 11 में हम चुने जाने वाले और ड्रॉप होने वाले खिलाड़ियों से बात करते हैं- द्रविड़

द्रविड़ ने इसके बाद बताया कि वो और कप्तान रोहित शर्मा प्लेइंग 11 में खिलाड़ियों से और उन खिलाड़ियों से कैसे बात करते हैं जो ग्यारह में जगह नहीं बनाते हैं.

"हर प्लेइंग इलेवन चुने जाने से पहले, अब भी, मैं या रोहित (शर्मा) उन खिलाड़ियों से बात करेंगे जो खेल नहीं रहे हैं और इस सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हैं कि वे क्यों नहीं खेल रहे हैं."

द्रविड़ ने आगे कहा कि, "खिलाड़ियों के लिए कभी-कभी परेशान होना और आहत महसूस करना स्वाभाविक है. लेकिन मुझे लगता है कि उनके लिए मेरे मन में जो सम्मान है, उसकी वजह से मेरी टीम सिर्फ स्पष्टता और ईमानदारी की हकदार थी, और मैं यही बताने की कोशिश कर रहा था."

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