टीम इंडिया के कैप्टन विराट कोहली ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वो इस समय दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में क्यों शुमार हैं. रनों के भूखे कोहली ने इंग्लैंड के खिलाफ खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में न केवल इंग्लैंड में अपना पहला टेस्ट शतक जमाया. बल्कि अकेले दम पर टीम को संभाले रखा और 274 रनों के स्कोर तक पहुंचाया.
इस मैच में कोहली ने धैर्य और अनुशासन के साथ इंग्लैंड के खिलाफ शानदार खेल तो दिखाया ही. साथ ही अपने आलोचकों की भी बोलती बंद करने का काम किया है. विराट की ये शानदार पारी कई मायनों में हमेशा के लिए यादगार बन गई है.
इंग्लैंड में विराट का पहला टेस्ट शतक
एजबेस्टन में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में विराट कोहली ने इंग्लैंड में अपना पहला टेस्ट शतक जमाया. कोहली ने इस मैच में 225 गेंदों में 22 चौकों और एक छक्के की मदद से शतकीय पारी खेली. विराट की 149 रनों की पारी ने भारत को जल्दी सिमटने से बचाया.
इससे पहले कोहली का इंग्लैंड में टेस्ट में सर्वोच्च स्कोर 39 रन था, लेकिन इस बार कोहली ने जुझारूपन और दृढ़ता से इंग्लैंड की घातक गेंदबाजी का सामना किया.
कोहली के अनुशासन का नायाब नमूना
इस खेल में विराट ने गजब का अनुशासन दिखाया. अपनी टेक्निक और एबिलिटी के दम पर कोहली ने शानदार तरीके से खेला. फर्स्ट हाफ में खास तौर पर एंडरसन के खिलाफ उन्होंने बहुत सारी डिलीवरी छोड़ी. कोहली का ये खेल सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई सचिन की पारी की याद दिलाता था.
विराट ने दिखाया गजब का संयम
आक्रामक बल्लेबाजी के लिए मशहूर विराट ने गुरुवार को खेल के दौरान गजब का संयम दिखाया. टीम को संभाले रखने के लिए उन्होंने काफी संयम के साथ खेला. शुरुआती 33 बॉल में उन्होंने जहां 21 रन का स्कोर किया था. वहीं 34वीं से 67वीं बॉल के दौरान विराट ने महज एक रन बनाया. लेकिन क्रीज पर डटे रहे.
एंडरसन के खिलाफ उन्होंने 74 गेंदों में केवल 18 रन बनाए. 64 डॉट बॉल जानें दी, लेकिन किसी भी समय उन्होंने अपना धैर्य नहीं खोया. विराट को हाफ हेंचुरी बनाने के लिए 100 गेंदों की जरूरत पड़ी. वहीं बाद के 125 गेंदों में उन्होंने 99 रन बनाए.
जैसा सीखा वैसा खेला
अक्सर कोच सलाह देते हैं कि जब पिच तेज गेंदबाजों के साथ दे तो बैट्समैन को संभल कर खेलना होता है. विराट ने भी कुछ ऐसा ही किया. जब टीम इंडिया का सातवां विकेट आर अश्विन के रूप में गिरा, उस वक्त विराट 57 रन पर थे, इसके बाद उन्होंने लोअर ऑर्डर के खिलाड़ियों के साथ खेलते हुए 92 रन बनाए.
लोअर ऑर्डर के गेंदबाजों के साथ खेलते हुए कोहली ने ज्यादा से ज्यादा समय तक स्ट्राइक अपने पास रखी. शमी, ईशांत और उमेश के साथ खेलते हुए कोहली ने जहां 116 गेंदों का सामना किया वहीं इन तेज गेंदबाजों को महज 37 बॉल खेलने का ही मौका दिया.
कोहली ने अपने खेल के दम पर न केवल टीम को पहली पारी में एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाने में मदद की. बल्कि साथी खिलाड़ियों के मनोबल को बढ़ाने भी काम किया है.
ये भी पढ़ें- शतक ठोकते ही विराट को याद आईं अनुष्का, रिंग चूमकर दी सलामी
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)