भारतीय क्रिकेट टीम के विस्फोटक बल्लेबाज रह चुके युवराज सिंह के फैंस को उम्मीद थी कि उन्हें एक दिन टीम की कप्तानी मिलेगी. युवराज ने एक पॉडकास्ट में खुलासा किया है कि उन्हें भी ऐसा लगता था. गौरव कपूर के साथ '22 Yarns' नाम के पॉडकास्ट में युवराज ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि सबसे पहले 2007 T20 वर्ल्ड कप में टीम की कप्तानी मिल जाएगी, लेकिन महेंद्र सिंह धोनी के नाम का ऐलान किया गया.
युवराज ने पॉडकास्ट में बताया कि सीनियर्स ने T20 वर्ल्ड कप को गंभीरता से नहीं लिया था. उन्होंने कहा, "भारत 50-ओवर का वर्ल्ड कप हार चुका था. भारतीय क्रिकेट में काफी उठापटक चल रही थी और फिर इंग्लैंड का दो महीने का टूर था. बीच में साउथ अफ्रीका और आयरलैंड के एक महीने के टूर भी थे."
“फिर T20 वर्ल्ड कप था और उसके लिए चार महीने बाहर जाना था. शायद सीनियर्स ने सोचा था कि उन्हें आराम चाहिए और किसी ने T20 वर्ल्ड कप को गंभीरता से नहीं लिया. मुझे उम्मीद थी कि कप्तानी मुझे मिलेगी लेकिन एमएस धोनी के नाम का ऐलान हुआ.”
धोनी के साथ रिश्ते पर प्रभाव हुआ?
पॉडकास्ट में जब पूछा गया कि क्या इस घटना के बाद धोनी के साथ रिश्ते पर कोई प्रभाव पड़ा था, तो युवराज ने कहा, "जाहिर है जो भी कप्तान बनता है आपको उसे समर्थन देना होता है."
“चाहें वो राहुल हो या सौरव गांगुली या भविष्य में जो भी कोई था. आखिर में आप टीम प्लेयर होना चाहते हैं और मैं वही था.”
युवराज ने T20 वर्ल्ड कप में अहम भूमिका निभाई थी. फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ जीत में युवराज का बड़ा योगदान था. इस टूर्नामेंट के बाद धोनी की कप्तानी में टीम और युवराज ने 2011 का वर्ल्ड कप भी जीता था.
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