महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने अपनी जिंदगी पर बनी और जल्द ही रिलीज होने वाली फिल्म के अनुभव के बारे में दिलचस्प जानकारियां साझा की हैं. उन्होंने कहा कि फिल्म के लिए कैमरे के आगे एक्टिंग करना दुनिया के तेज गेंदबाजों के सामने रन जुटाने से कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण था.
तेंदुलकर को मुंबई, नई दिल्ली और कोलकाता में होने वाली IDBI फेडरल लाइफ इंश्योरेंस मैराथन का चेहरा बनाया गया है. इस मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा,
मैंने कभी एक्टिंग का सपना नहीं देखा था. इसमें कोई शक नहीं कि अभिनय क्रिकेट खेलने से ज्यादा चुनौतीपूर्ण था. मुझे खेलना ज्यादा पसंद है.
42 वर्षीय तेंदुलकर अपने जीवन पर बनी फिल्म ‘सचिन : ए बिलियन ड्रीम्स’ के जरिए अभिनय की शुरुआत कर रहे हैं, जिसका निर्देशन पुरस्कार विजेता ब्रिटिश निदेशक जेम्स अर्स्किन कर रहे हैं. लाइफ इंश्योरेंस फर्म ने पूर्व भारतीय कप्तान तेंदुलकर को दिल्ली और कोलकाता हाफ मैराथन का भी चेहरा घोषित किया.
क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज रहे सचिन तेंदुलकर ने अपने कोच और उनके दिए गुरुमंत्र के बारे में भी अहम जानकारियां साझा की हैं. सचिन ने कहा कि उनके बचपन के कोच रमाकांत आचरेकर ने उन्हें करियर की शुरुआत में ही फिटनेस की अहमियत बता दी थी.
मैं आपको यहां सिर्फ यह बताने की कोशिश कर रहा हूं कि फिटनेस आगे जाकर एक महत्वपूर्ण कारक साबित होगी. यह बताने में मेरे कोच (रमाकान्त आचरेकर) ने अहम भूमिका निभाई, लेकिन उन्होंने मेरे लिए चीजें काफी सुखद बना दी थीं. मुझे कभी नहीं लगा कि मैं यह क्यों कर रहा हूं.
मानसिक और शारीरिक, दोनों मजबूती जरूरी
सचिन ने कहा कि सफलता पाने के लिए मानसिक और शारीरिक, दोनों रूप में मजबूत होना पड़ता है. उन्होंने कहा, “आप जब एक बार लक्ष्य को ऊंचा करने लगते हैं, तब आप मानसिक तौर पर और मजबूत हो जाते हैं. ऐसा भी समय आया था, जब मैं इंटरनेशनल क्रिकेट खेलते हुए थका महसूस करता था, लेकिन युवावस्था में हासिल की गई मानसिक शक्ति और प्रशिक्षण के कारण मैं इस समस्या को सुलझा पाया.”
सचिन शुरू से ही अक्सर अपने गुरु की तारीफ करते रहे हैं. वे पहले ही कई बार बता चुके हैं कि ‘आचरेकर सर’ की वजह से उनकी प्रतिभा में निखार आया.
-इनपुट भाषा व IANS से
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