(ये आर्टिकल सबसे पहली बार 7 जुलाई 2018 को फीफा वर्ल्ड कप 2018 शुरू होने से पहले पब्लिश किया गया था, इस आज फिर से रीशेयर किया जा रहा है क्योंकि 1966 में आज ही के दिन इंग्लैंड ने फीफा वर्ल्ड कप जीता था. )
अगर मैं आपको बताऊं कि एक छोटे से कुत्ते ने एक पूरे फुटबॉल वर्ल्ड कप के आयोजन को बचा लिया और सिर्फ वर्ल्ड कप नहीं बल्कि एक तरह से इंग्लैंड को चैंपियन बनाने में भी मदद की तो शायद आप कहें कि मैं Fake News फैला रहा हूं लेकिन दोस्तों ये सच है. 1966 के वर्ल्ड कप में इंग्लैंड टीम ने अपने घरेलू दर्शकों के सामने शानदार प्रदर्शन किया और खिताब अपने नाम किया. खिलाड़ियों को खूब प्यार और सम्मान तो मिला ही लेकिन साथ ही एक ‘पिकल्स’ नाम के कुत्ते को इंग्लैंडवासियों ने अपने देश की शान समझकर आसमां पर बिठा दिया. पिकल्स को इतना ज्यादा प्यार, सम्मान और केयर मिला कि वो दुनिया की कुछ बड़ी सेलेब्रिटीज में शुमार हो गया. आइए जानते हैं कि इस कुत्ते ने ऐसा किया क्या था कि सिर्फ इंग्लैंड ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया ने उसे थैंक्यू बोला था.
दिन दहाड़े चोरी हो गई ट्रॉफी
साल 1966 में इंग्लैंड को फीफा वर्ल्डकप की मेजबानी मिली. यूरोप के इस देश में हर तरफ खुशी का माहौल था. इंग्लैंड की सरकार भरसक प्रयास कर रही थी कि इस 8वें फुटबॉल वर्ल्ड कप को दुनिया के लिए एक यादगार स्पोर्ट्स इवेंट बना दिया जाए. इंग्लैंड की रानी भी इस पूरे इवेंट को हिट कराने के लिए अच्छा खासा कैंपेन चला रही थीं. वर्ल्ड कप की चमचमाती ज्यूल्स रिमेट ट्रॉफी लंदन में थी और इंग्लैंड के आम लोगों को उस शानदार ट्रॉफी की झलक देने के लिए सेंट्रल लंदन के वेस्टमिंस्टर हॉल में रखा गया था. वर्ल्ड कप शुरू होने में अभी 4 महीने बाकी थे. आम लोगों के डिसप्ले का अभी दूसरा ही दिन था और 20 मार्च,1966 को वो ट्रॉफी वहां से चोरी हो गई.
पूरे इंग्लैंड में हल्ला मच गया कि इतनी सख्त सिक्योरिटी के बीच ट्रॉफी किसने चुरा ली. ऐसा कहा जाता है कि जब ये ट्रॉफी चोरी हुई तो उस वक्त सिक्योरिटी गार्ड ब्रेक पर चले गए थे. आज तक नहीं पता लग पाया है कि वो ट्रॉफी कैसे चोरी हुई.
दुनिया भर के अखबारों में छपी इस खबर ने भूचाल ला दिया. इंग्लैंड की इज्जत तारातार हो रही थी और फुटबॉल एसोसिएशन(इंग्लैंड फुटबॉल की गवर्निंग बॉडी) के पसीने छूट रहे थे. स्कॉट्लैंड पुलिस दिनरात खोजबीन में लगी थी. चश्मदीदों, गवाहों और अपने अनुमान के मुताबिक पुलिस को कुछ लीड भी मिली लेकिन मामला कंफ्यूज करने वाला था. दो-दो अलग बयान थे कि एक बयान के मुताबिक चोर बहुत लंबा था तो दूसरे के मुताबिक वो छोटे कद का था. अब इंग्लैंड और फीफा के हाथ-पांव फूल रहे थे.
ऐसे में फुटबॉल एसोसिएशन ने चोरी-छिपे लंदन के चांदी के डिजाइनर जॉर्ज बर्ड से मुलाकात की और उन्हें चोरी हुई ट्रॉफी के जैसी ही दिखने वाली ट्रॉफी का ऑर्डर दे दिया. एसोसिएशन के हेड डेनिस फॉलोस ने इस बारे में किसी को नहीं बताया यहां तक कि फीफा प्रेसिडेंट स्टैंले रोस को भी कॉन्फिडेंस में नहीं लिया गया.
फिर मांगी गई फिरौती
इस बीच फुटबॉल एसोसिएशन के चेयरमैन जो मीयर्स को एक अज्ञात चिट्ठी मिलती है. किसी जैक्सन नाम के आदमी के उस पर सिग्नेचर थे और उसने 15 हजार यूरो की मांग की थी. बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में पुलिस ने मीयर्स से कहा कि वो फिरौती मांगने वाले से कहें कि उन्हें उसकी मांग मंजूर है.
एक अंडरकवर पुलिसवाले ने एक सूटकेस में कागज भरे और उसके ऊपर 5-5 यूरो के नोट लगा दिए. पुलिस वाले ने ‘जैक्सन’ से मुलाकात की और उसे गिरफ्तार कर लिया. दरअसल उस व्यक्ति का नाम जैक्सन नहीं था बल्कि वो एक पूर्व आर्मी मैन एडवर्ड बैटले था.
लेकिन बैटले के पकड़े जाने के बाद भी ट्रॉफी का कोई अतापता नहीं था और फिर आया 27 मार्च, रविवार का दिन. साउथ लंदन के नॉरवूड में रहने वाले डेव कॉर्बेट अपने घर से कोई फोन कॉल करने निकले. साथ में वो अपने डॉगी पिकल्स को भी वॉक पर लेकर गए. शायद उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि वो चंद ही पलों में वर्लड फेमस होने वाले हैं.
मेरे पड़ोसी की कार के आसपास पिकल्स लगातार चक्कर लगा रहा था. वो बार-बार वहां जा रहा था. तब मैनें वहां एक अखबार में लिपटा हुआ और बहुत सख्ती से बांधा हुआ एक पैकेज देखा. मैंने उसे थोड़ा सा फाड़ा तो मुझे एक ब्लैंक शील्ड नजर आई और फिर वहां ब्राजील, वेस्ट जर्मनी और उरुग्वे जैसे शब्द लिखे हुए थे. मैंने उसे दूसरी तरफ से फाड़ा तो एक लेडी ने अपने हाथों में एक कटोरी उठा रखी थी. मैंने अखबारों और टीवी पर वर्ल्ड कप की तस्वीरें देखी थीं तो इसलिए मेरा दिल जोर जोरसे धड़कने लगा.डेव कॉर्बेट, डॉगी पिकल्स के मालिक
उसके बाद डेव पास के ही पुलिस स्टेशन में गए और उन्होंने वहां पर जाकर वर्ल्ड कप की ट्रॉफी दिखाई. उसके बाद स्कॉट्लैंड यार्ड पुलिस ने डेव कॉर्बेट से लंबी पूछताछ की, पुलिस को शक था कि डेव कॉर्बेट ने ही ट्रॉफी चुराई थी लेकिन थोड़ी देर बाद उन्होंने डेव को छोड़ दिया और जब वो वापिस अपने घर नॉरवूड पहुंचे तो घर के आगे मीडिया ही मीडिया. दुनियाभर की मीडिया ने उसने सैंकड़ों सवाल किए. डेव कॉर्बेट और खासकर उनका कुत्ता पिकल्स रातों रात इंटरनेशनल स्टार बन गए.
पिकल्स- द वर्ल्ड स्टार
दुनिया इस डॉगी की दीवानी हो रही थी. पिकल्स को नेशनल केनाइन डिफेंस लीग की ओर से मेडल दिया गया और कई पुरस्कार मिले. मिक्स्ड ब्रीड कूली के इस डॉगी को फिल्मों में भी काम मिला. वो ‘द स्पाई विद कोल्ड नोज’ फिल्म में नजर आए. उसे डॉग ऑफ द ईयर, इटेलियन डॉग ऑफ द ईय़र जैसे बड़े-बड़े अवॉर्ड्स मिले. दुनियाभर के देशों से डेव कॉर्बेट और उनके डॉगी को इंविटेशन मिलने लगे.
पिकल्स से जब जल गईं औरतें
इसके बाद जब इंग्लैंड ने जर्मनी को हराकर वर्ल्ड कप जीता तो पिकल्स और उसके मालिक डेव कॉर्बेट को सेलेब्रेटरी डिनर में इनवाइट किया गया. उस डिनर के मेन रिसेप्शन इवेंट में वर्ल्ड कप विनिंग टीम के खिलाड़ियों की पत्नियों और गर्लफ्रैंड्स को न्योता नहीं मिला जबकि पिकल्स वहां पर मुख्य गेस्ट थे. उस वक्त वो सभी औरतें पिकल्स से काफी चिढ़ गई थीं. एक बयान में डेव कॉर्बेट बताते हैं कि उस शाही डिनर के दौरान पिकल्स ने सभी के सामने पॉटी कर दी थी, जिसके बाद डेव को काफी शर्म आई थी.
वर्ल्ड फेम के एक साल बाद ही गुजर गया पिकल्स
पिकल्स ने अगले साल ही एक दर्दनाक हादसे में दम तोड़ दिया. सरे में अपने घर में ही वो गार्डन में मरा हुआ मिला. उनके मालिक की मानें तो शायद वो किसी बिल्ली के पीछे भाग रहा था और उसी दौरान उसकी चेन से ही उसकी गर्दन टूट गई. पिकल्स को लिंगफील्ड के कॉर्बेट्स गार्डन में दफनाया गया.
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