आखिरकार टेस्ट सीरीज में भी भारतीय टीम की जीत का खाता खुल गया. भारत ने इंग्लैंड को 203 रनों से हराकर नॉटिंघम टेस्ट मैच जीत लिया. इस तरह अब सीरीज का स्कोर 2-1 हो गया है. अभी दो टेस्ट मैच खेले जाने बाकी हैं.
सीरीज का चौथा टेस्ट मैच 30 अगस्त से साउथैंपटन में खेला जाएगा. नॉटिंघम टेस्ट मैच के आखिरी दिन भारतीय टीम के लिए जीत हासिल करना सिर्फ खानापूर्ति थी, क्योंकि उसे जीत के लिए सिर्फ एक विकेट चाहिए था.
इस टेस्ट मैच में टीम इंडिया बिल्कुल बदली बदली नजर आई. गेंदबाजी, बल्लेबाजी और फील्डिंग यानी खेल के तीनों डिपार्टमेंट में उसने इंग्लैंड से बेहतर प्रदर्शन किया. मैच के पहले दिन से ही ऐसा लगा कि टीम इंडिया दृढ़ संकल्प के साथ मैदान में उतरी है कि इस टेस्ट मैच को जीत कर सीरीज में वापसी करनी है. खिलाड़ियों का दृढ़ संकल्प मैच के दौरान कई मौकों पर दिखाई दिया, जिसकी बदौलत बाजी टीम इंडिया की हुई.
बल्लेबाजी में बेहतर शुरुआत
नॉटिंघम में टीम इंडिया ने संभली हुई शुरुआत की. शिखर धवन और केएल राहुल ज्यादा समझदारी से बल्लेबाजी करते दिखे. पहले दो टेस्ट मैच की नाकामी का तकनीकी सबक ये था कि गेंद को देर से खेला जाए. ज्यादातर गेंद खुद से आकर बल्ले पर लगे, न कि बल्ले से उसे मारने की कोशिश की जाए. ये रणनीति काम कर गई.
केएल राहुल और शिखर धवन ने करीब 19 ओवर तक इंग्लैंड के गेंदबाजों को विकेट के लिए इंतजार कराया. गेंद की चमक को फीका होने दिया. 19वें ओवर में जब शिखर धवन आउट हुए तब तक भारतीय टीम के स्कोरबोर्ड पर 60 रन जुड़ चुके थे. पिछले दो टेस्ट मैचों की तुलना में ये एक बेहतर शुरुआत थी.
विराट और रहाणे की शानदार साझेदारी
शिखर धवन के आउट होने के तुरंत बाद ही केएल राहुल और चेतेश्वर पुजारा भी आउट हो गए. टीम इंडिया का स्कोर 82 रन पर तीन विकेट हो गया था. ऐसा लगा कि एक बार फिर भारतीय टीम 200 रनों के भीतर सिमटने वाली है. ऐसे मुश्किल समय में अजिंक्य रहाणे और विराट कोहली ने क्रीज पर मोर्चा संभाला. दोनों ही बल्लेबाजों ने कमाल का खेल दिखाया. दोनों की सूझबूझ का नतीजा ये हुआ कि एक अच्छी पार्टनरशिप बनी.
दोनों बल्लेबाजों ने कमजोर गेंदों पर रन बटोरने के अलावा एक एक रन लेकर स्ट्राइक रोटेट करने की परंपरागत रणनीति को अपनाया. दोनों ने अपने अपने अर्धशतक बनाए.
ये विराट और रहाणे की समझदारी ही थी कि 82 पर 3 विकेट के बाद दोनों ने टीम के स्कोर को 200 रनों के पार पहुंचा दिया. अजिंक्य रहाणे जब आउट हुए तो टीम इंडिया 241 रन बना चुकी थी. 300 रनों का बनना अब लगभग तय हो गया था. रहाणे के आउट होने के बाद विराट कोहली अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे. लेकिन आदिल रशीद के खिलाफ एक छोटी सी गलती करके वो सिर्फ 3 रन से अपने शतक से चूक गए.
पांड्या की गेंदबाजी और ऋषभ की शानदार कीपिंग
इंग्लैंज की शुरुआत भी खराब ही रही. 75 रन तक पहुंचते पहुंचते उसके तीन बड़े बल्लेबाज पवेलियन लौट चुके थे. एलिस्टर कुक और पोप को ईशांत शर्मा ने और जेनिंग्स को बुमराह ने पवेलियन भेज दिया था. जो रूट, बेन स्टोक्स और जॉनी बेयरस्टो के बचे रहने से लग रहा था कि इंग्लैंड की टीम सम्मानजनक स्कोर तक पहुंच जाएगी. इसके बाद कप्तान कोहली ने हार्दिक पांड्या को गेंद थमाई.
पांड्या ने जो रूट को जैसे ही पवेलियन भेजा, उसके बाद तो विकेटों की झड़ी लग गई. एक-एक करके हार्दिक पांड्या ने पांच बल्लेबाजों को आउट किया. वो भी सिर्फ 6 ओवर में. टेस्ट क्रिकेट में ये पहला मौका था जब उन्होंने पांच विकेट चटकाए. उनकी ये कामयाबी इसलिए भी अहम थी क्योंकि पहले दोनों मैचों में उनके प्रदर्शन पर सवाल उठे थे. मैच का रुख ऋषभ पंत ने भी मोड़ा, जिन्होंने पहली पारी में विकेट के पीछे 5 कैच लपके. इससे पहले निचले क्रम में बल्लेबाजी करते वक्त भी उन्होंने अहम 24 रन बनाए थे.
विराट का शतक- पुजारा का अर्धशतक
पहली पारी के आधार पर डेढ़ सौ रनों से ज्यादा की बढ़त का मानसिक लाभ टीम इंडिया के साथ था. दूसरी पारी में बल्लेबाजों का आत्मविश्वास अलग ही दिखाई दे रहा था. हालांकि पिछली पारी की तरह ही 60 रन पर ही फिर सलामी बल्लेबाजों की जोड़ी टूट गई. इस बार केएल राहुल आउट हो गए. उनके जाने के बाद पुजारा ने क्रीज संभाली.
शिखर के आउट होने के बाद कप्तान कोहली भी एक छोर पर जम गए. पुजारा पिछली पारी में अपने अंदाज के बिल्कुल उलट ‘हुक’ मारकर आउट हुए थे. उन्होंने इस बार उस तरह की जल्दबाजी नहीं दिखाई और जमकर बल्लेबाजी की.
विराट कोहली ने भी पिछली पारी में शतक ‘मिस’ करने का अफसोस लंबा नहीं खींचा. नतीजा पुजारा का अर्धशतक और विराट का शतक इंग्लैंड की परेशानी बढ़ाने के लिए काफी था. रही सही कसर दूसरी पारी में बल्ले का कमाल दिखाकर हार्दिक पांड्या ने पूरी कर दी. उन्होंने 52 गेंद पर 52 रन बनाकर टीम का स्कोर 500 रनों के पार पहुंचा दिया. 352 पर 7 विकेट के स्कोर पर भारत ने पारी समाप्ति का ऐलान किया. इंग्लैंड के सामने अब 521 रनों का पहाड़ था.
बुमराह की शानदार गेंदबाजी
बुमराह पहले दो टेस्ट मैच नहीं खेल पाए थे. इस टेस्ट मैच में उनकी वापसी के साथ ही टीम इंडिया की तेज गेंदबाजी यूनिट मजबूत हुई थी. पहली पारी में बुमराह ने दो विकेट लिए थे. दूसरी पारी में उन्होंने पांच विकेट चटकाए. इंग्लैंड को शुरुआती झटके ईशांत ने दिए थे. इसके बाद बेन स्टोक्स और बटलर के बीच एक शानदार साझेदारी हुई. शतक बनाने के बाद बटलर को बुमराह ने आउट किया. बटलर के आउट होने के बाद उन्होंने इंग्लिश टीम के मिडिल ऑर्डर को नाकाम कर दिया.
विराट कोहली के लिए सबसे खुशी की बात ये है कि इस जीत के कई नायक हैं, जो किसी भी टीम के आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)