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EXCLUSIVE: गैरहाजिर रहने पर बोलीं गीता फोगाट- ‘ये गलतफहमी है’

गीता फोगाट ने कहा कि वो चोट का इलाज करवा रही थीं, और इसलिए समय पर कैंप तक नहीं पहुंच सकीं

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समय पर कैंप में रिपोर्ट न करने पर भारतीय कुश्ती संघ (डब्लूएफआई) ने एशियाई खेलों के लिए पंद्रह शीर्ष भारतीय पहलवानों को नैशनल कैंप से हटा दिया है. चार फोगाट बहनों, गीता, बाबिता, रितु और संगीता उन 15 पहलवानों में से हैं, जिन्हें अब फेडरेशन की ओर से कारण-बताओ नोटिस भेजा गया है. विनेश फोगाट ने हालांकि समय पर कैंप के लिए रिपोर्ट किया था.

फोगाट बहनों में सबसे बड़ी, गीता ने हालांकि क्विंट से हुई खास बातचीत में बताया कि यह पूरा प्रकरण एक बड़ी गलतफहमी का नतीजा है.

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“अप्रैल के अंत में मेरे घुटने में चोट लगी थी और मैं इलाज करवाने के लिए बेंगलुरु गई थी. मुझे इंजेक्शन दिया गया और आराम करने की सलाह दी गई. मैं बहुत ज्यादा चलने के काबिल नहीं थी. इसलिए मैं समय पर कैंप में शामिल नहीं हो सकी. हालांकि, यह मेरी गलती है कि मैंने फेडरेशन को इस बारे में सूचित नहीं किया. यह मेरी तरफ से अनुशासनहीनता नहीं है, सिर्फ एक गलतफहमी है.”
-गीता फोगाट ने क्विंट से कहा  

2010 कॉमनवेल्थ गेम्स के स्वर्ण पदक विजेता गीता ने कहा कि वह फेडरेशन के संपर्क में रही हैं और उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि मामले का जल्द ही समाधान निकल आएगा. उन्होंने कहा, "मैंने आज (17 मई) डब्ल्यूएफआई सचिव विनोद तोमर से बात की है और उन्हें अपनी स्थिति समझाई है. मैंने उन्हें सभी दस्तावेज और यहां तक कि शनिवार को लखनऊ जाने के मेरे रद्द हवाई टिकट भी भेजे हैं. उन्होंने कहा है कि वे इस मामले को देखेंगे "

गीता ने कहा कि उनकी बहन रितु और संगीता 10 मई की समय सीमा पर लखनऊ में ट्रेनिंग कैंप में नहीं पहुंची थीं क्योंकि वे ट्रेनिंग के लिए रूस की यात्रा पर हैं और अपने वीजा का इंतजार कर रही हैं.

फेडरेशन की प्रतिक्रिया

डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह ने कहा है कि वह पहलवानों की ओर से किए गए किसी भी अपील पर विचार करेंगे. "उन्हें पहले हमारे पास आने दें और उनके गैरहाजिर रहने का कारण बताने दें. अभी के लिए वे नैशनल कैंप से बाहर हैं."

क्विंट की ओर से संपर्क किए जाने पर, विनोद तोमर ने पुष्टि की, कि गीता के दस्तावेज बुधवार (16 मई) को अधिकारियों तक पहुंचे थे, लेकिन गीता ने पहलवानों पर डब्लूएफआई के प्रतिबंध के बारे में सूचित होने के बाद ही मंगलवार (14 मई) को उन्हें ईमेल किया था.

“ऐसा नहीं है कि इन पहलवानों के साथ हमारी कोई दुश्मनी है. हम सिर्फ अनुशासन बनाए रखना चाहते हैं. उनसे कम से कम ये उम्मीद की जाती है कि वे हमें अपने देरी से आने के बारे में सूचित करें. इतने सारे लोग ट्रेनिंग के लिए मौजूद नहीं रहने से कैंप में मौजूद दूसरे पहलवान भी परेशान हैं क्योंकि उनमें से कई के साथ प्रैक्टिस करने वाले साथी नहीं हैं. और हमने इसके लिए अलग से व्यवस्था नहीं की, क्योंकि हम नहीं जानते थे कि वे गैरहाजिर रहेंगे.”
विनोद तोमर, सचिव, भारतीय कुश्ती संघ  
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हालांकि 15 पहलवान अकेले नहीं हैं जो 10 तारीख को कैंप पर नहीं पहुंचे. तोमर ने क्विंट से कहा कि कुछ और पहलवान भी देर से पहुंचेंगे. लेकिन उन सभी ने फेडरेशन से पूर्व अनुमति ली थी.

तोमर ने यह भी कहा कि सभी अपील अब समिति को सौंपी जाएंगी, जो सोमवार को बैठक कर डब्लूएफआई के अगले कदम पर फैसला करेगी.

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