इसे कहते हैं बल्लेबाजी. क्या क्लास, क्या शॉट, क्या टाइमिंग, एक दम पर्फेक्ट इनिंग. ऐसे शॉट्स जिनपर फैंस तो क्या मैदान पर मार खाता गेंदबाज भी ताली बजा दे.
दिल्ली डेयरडेविल्स के युवा बल्लेबाज, राहुल द्रविड़ के शागिर्द और भारत के महेला जयवर्धने कहे जाने वाले संजू सैमसन ने मंगलवार को पुणे के खिलाफ कमाल कर दिया. सिर्फ 62 गेंदों पर सैमसन ने शतक ठोक दिया. 63 गेंदों में अपनी 102 रनों की पारी में सैमसन ने 8 चौके और 5 लंबे छक्के लगााए.
सैमसन क्रीज पर जब बल्लेबाजी करने आए थे तो दिल्ली सिर्फ 2 रन पर अपना पहला विकेट गंवा चुकी थी. पहला मुकाबला गंवा चुकी दिल्ली की शुरुआत बेहद खराब थी और उन्हें जरूरत थी एक ऐसी पारी की जो स्कोर को न सिर्फ आगे बढ़ाए बल्कि तेजी से आगे बढ़ाए.
सैमसन अपनी पारी की पहली ही गेंद से बहुत कॉन्फिडेंट नजर आए. उन्होंने क्रीज पर आते ही पुणे के दीपकर चाहर की लगातार दों गेंदों पर दो करारे चौके लगाए और बता दिया कि आज मैं बहुत मारूंगा!
अगले ओवर में डिंडा को भी सैमसन ने लगातार 2 चौके मारे और उसके बाद वो रुके नहीं. लगभग हरएक गेंदबाज को सैमसन ने अपने बल्ले का जौहर दिखाया. सबसे बड़ी बात कि इस पारी में ऊंट-पटांग शॉट नहीं बल्कि सभी शॉट्स क्लासिक और टाइमिंग से भरपूर थे.
सैमसन ने 41 गेंदों में अपन अर्धशतक पूरा किया.
एक बार जो उन्होंने हाफ सेंचुरी पूरी की तो उसके बाद गेंद उन्हें फुटबॉल नजर आने लगी. सैमसन ने 50 रन पूरे करने के बाद एक भी ओवर ऐसा नहीं जाने दिया जिसमें बाउंड्री न लगाई हो. इस बीत अशोक डिंडा के एक ओवर में सैमसन ने 19 रन जोड़े.
आखिर में उन्होंने जैम्पा की एक गेंद पर सीधा छक्का जड़ते हुए आईपीएल इतिहास में अपना और इस सीजन का पहला शतक पूरा किया. हालांकि अगली ही गेंद पर वो बोल्ड हो गए लेकिन वो सैमसन ही थे जिनकी बदौलत दिल्ली डेयरडेविल्स ने पुणे के सामने 206 रनों का विशाल लक्ष्य रखा.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)