क्रिकेट में दर्शकों को जो सबसे ज्यादा आकर्षित करता है वह है दांतों तले उंगलियां दबाने के लिए मजबूर करने वाला सुपर ओवर का रोमांच. कई टाई हुए मुकाबलों में सुपर ओवर की घटना कई बार घट चुकी है. हालांकि इंडियन प्रीमियर लीग के 11 साल के इतिहास में सुपर ओवर की घटना केवल 7 बार ही घटी है लेकिन जब भी ऐसा हुआ है रोमांच अपने चरम पर रहा है.
23 मार्च से आईपीएल का 12 वां एडिशन शुरू हो रहा है, इससे पहले आइये जानते हैं आईपीएल इतिहास के पांच सबसे यादगार सुपर ओवर्स के बारे में:
5. किंग्स-XI पंजाब Vs चेन्नई सुपर किंग्स, 2010
सीमित ओवरों के मुकाबले में जब भारत के सबसे बड़े सितारे अलग-अलग टीमों की तरफ से आपस में भिड़े हैं तब स्टेडियमों में दर्शकों का तांता लगा है. लेकिन जब चेन्नई सुपर किंग्स और किंग्स-XI पंजाब आईपीएल 2010 की शुरुआत में आपस में भिड़े तो महेंद्र सिंह धोनी बांह में चोट के कारण नहीं खेले थे. फिर भी चेपॉक के दर्शकों को पैसा वसूल मैच देखने को मिला था जिसमें टीम इंडिया के सुपरस्टार युवराज सिंह ने निर्णायक भूमिका निभाई थी.
सीएसके ने पंजाब से मिले 136 रनों के मामूली लक्ष्य का पीछा करते हुए माहौल को भारी कर दिया. मेजबान टीम का स्कोर एक समय 12.5 ओवरों में 97/2 था लेकिन इसने अगली 37 गेंदों में 30 रन के भीतर चार विकेट गंवा दिए. आखिरी ओवर में 10 रन चाहिए थे और एल्बी मोर्कल ने इरफान पठान की पहली गेंद पर ही चौका जड़ दिया लेकिन आखिर में जब दो गेंदों पर केवल एक रन चाहिए था तब अश्विन ने एक डॉट बॉल खेली और अगली गेंद पर आउट हो गए.
आईपीएल में डेब्यू करने वाले साउथ अफ्रीकी तेज गेंदबाज थेरोन ने सुपर ओवर में मैथ्यू हेडेन और सुरेश रैना की गिल्लियां बिखेर दीं, लेकिन इससे पहले सुरेश रैना के एक छक्के ने चेन्नई की उम्मीदों को कायम रखा जिससे पंजाब को 10 रनों का लक्ष्य मिला.
पंजाब की तरफ से बल्लेबाजी करने के लिए महेला जयवर्धने उतरे और उनके सामने थे उनके ही वतन के साथी मुथैया मुरलीधरन, जयवर्धने ने उनकी पहली ही गेंद पर लॉन्ग-ऑन के ऊपर से छक्का मारा और अगली ही गेंद पर वैसा ही शॉट मारने के चक्कर में अपना विकेट गंवा बैठे.
अगली चार गेंदों पर चाहिए थे चार रन और सामने थे युवराज सिंह. ओवर की तीसरी गेंद उनके बल्ले से नहीं लगी लेकिन अगली गेंद को उन्होंने रिवर्स-स्वीप करते हुए सीमा रेखा से बाहर पहुंचा दिया और इसके साथ ही किंग्स-XI पंजाब का खेमा जश्न में डूब गया.
4. सनराइजर्स हैदराबाद Vs रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, 2013
आईपीएल के इतिहास में यह एक ऐसा मुकाबला था जिसमें सुपर ओवर के दौरान सबसे ज्यादा रन बने थे.
18वें ओवर की समाप्ति पर सनराइजर्स हैदराबाद रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के 130/8 के स्कोर से 14 रन पीछे थी. हनुमा विहारी, जो कि उस समय तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का हिस्सा नहीं थे, धीरे-धीरे लक्ष्य की तरफ बढ़ रहे थे. लेकिन विराट कोहली, जिन्हें उस समय तक भारतीय टीम की कमान नहीं सौंपी गई थी, की अगुवाई वाली रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने मेजबान टीम को अगले दो ओवरों में कड़ी टक्कर दी, जिसमें मुरली कार्तिक ने 19वें ओवर में केवल 7 रन दिए और विनय कुमार ने किफायती 20वां ओवर डालते हुए केवल 6 रन ही खर्च किये.
हैदराबाद की टीम इन दो ओवरों में रनों से जरूर चूकी लेकिन सुपर ओवर में उन्होंने इसकी भरपाई कर ली. कैमरून व्हाईट ने विनय कुमार को दो छक्के जड़े और सनराइजर्स की टीम ने 20 रन बना डाले.
हैदराबाद के लिए अगली समस्या सिर्फ एक ही थी कि आने वाले बल्लेबाज थे क्रिस गेल. लेकिन एसआरएच के खेमे में एक धाकड़ गेंदबाज भी मौजूद था और वह थे डेल स्टेन.
एक दिलचस्प मुकाबला शुरू हुआ, जिसमें इस दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज ने फुल और फास्ट डिलीवरी के साथ शुरुआत की. गेल ने ओवर की पांचवीं गेंद पर छक्का जड़ते हुए मुकाबले को दिलचस्प तो बनाया, जहां आखिरी गेंद पर सात रन चाहिए थे, लेकिन स्टेन ने इस जीत को हैदराबाद की झोली में डाल दिया.
3. मुंबई इंडियन्स Vs गुजरात लायंस, 2017
पिछले दो आईपीएल सीजन में यह एकलौता सुपर ओवर रहा है और साथ ही यह जसप्रीत बुमरह के डेथ ओवर स्पेशलिस्ट होने पर मोहर भी लगाता है.
गुजरात लायंस के 153/9 के स्कोर का पीछे करते हुए मुंबई इंडियन्स ने मुकाबले को सुपर ओवर की दहलीज पर लाकर खड़ा कर दिया. इससे पहले दो ओवरों में पांच विकेट शेष रहते 15 रनों की दरकार थी और पांड्या ब्रदर्स मुंबई को जीत की तरफ लेकर जा रहे थे लेकिन यहीं पर बेसिल थम्पी ने 19 वें ओवर में दो विकेट झटक लिए और इरफान पठान ने मिचेल मैक्लेघन को रन आउट कर दिया. इसके साथ ही अब रोहित शर्मा की टीम को आखिरी ओवर में 11 रन चाहिए थे और हाथ में थे केवल दो विकेट.
19 वें ओवर के तमाशे के बीच क्रीज पर बने रहे क्रुणाल को पठान ने एक शॉर्ट पिच गेंद फेंकी जिस पर उन्होंने छक्का जड़ते हुए समीकरण को फिर से मुंबई के पक्ष में ला खड़ा किया. लेकिन रविन्द्र जडेजा द्वारा किये गए रन आउट ने मुकाबले को लम्बा खींच दिया, जिसमें सबसे पहले उन्होंने नॉन-स्ट्राइकर छोर पर बुमराह को आउट किया और दूसरा, मुकाबला जीतने के लिए आखिरी गेंद पर सिंगल निकालने के प्रयास में क्रुणाल को रन आउट किया.
मुम्बई का सुपर ओवर पांच गेंदों में ही समाप्त हो गया था लेकिन जोस बटलर और पोलार्ड के आउट होने से पहले पोलार्ड ने एक चौका और एक छक्का जड़कर 11 रन बोर्ड पर टांग दिए थे.
बुमराह ने शुरुआत अच्छी नहीं की और ओवर की शुरुआत में ही एक वाइड और एक नो बॉल फेंक दी. हालांकि ये दो अतिरिक्त रन गुजरात के पूरे स्कोर का एक तिहाई हिस्सा साबित होते लेकिन एरॉन फिंच और ब्रेंडन मैक्कलम की क्रीज पर मौजूदगी से बेफिक्र बुमराह ने अगली दो गेंदें यॉर्कर, अगली दो स्लोवर, अगली फिर यॉर्कर और फिर एक लो फुल-टॉस फेंकते हुए लायंस के पंजों से टीम को बचा लिया.
और इस तरह 11 रन बनाने के बावजूद मुंबई इंडियन्स ने यह मुकाबला पांच रनों से जीत लिया.
2. राजस्थान रॉयल्स Vs कोलकाता नाइट राइडर्स, 2009
आईपीएल के पहले सुपर ओवर में ड्रामा, हिटिंग और गलतियां सब कुछ था. इस ओवर में पर्याप्त ड्रामा हुआ था और एक स्टार का जन्म भी हुआ था हालांकि यह सितारा बाद में नहीं चमका.
केपटाउन में राजस्थान रॉयल्स के 150/6 के स्कोर का पीछा करते हुए सौरव गांगुली, जिनसे इस सीजन की शुरुआत में कप्तानी छीन ली गई थी, के शानदार प्रयास ने कोलकाता नाइट राइडर्स को मैच में बनाए रखा. गांगुली आईपीएल में अपनी पहली मैच विनिंग पारी (30 गेंदों पर 46 रन) खेलते हुए दिखाई दिए लेकिन जब आखिरी ओवर में सात रन चाहिए थे तब 18 वर्षीय कामरान खान, जो किसी बड़े मुकाबले में अपना सिर्फ दूसरा मैच खेल रहे थे, ने इस पूर्व भारतीय कप्तान को चलता कर दिया और मैच में अपनी पकड़ मजबूत की. इसके बाद आखिरी गेंद पर जीत के लिए दूसरा रन भागने के प्रयास में ईशांत शर्मा रन आउट हो गए.
क्रिस गेल ने सुपर ओवर में तीन चौके जड़ते हुए 15 रन बनाए. यह स्कोर जीतने के लिए पर्याप्त लग रहा था इसलिए गेंद श्रीलंका के मिस्ट्री मैन अजंता मेंडिस को सौंपी गई.
लेकिन यूसुफ पठान के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था.
6. 2. 6. 4.
चार गेंद. 18 रन. गेम ओवर.
जबरदस्त ताकत के साथ उस समय के सबसे शानदार गेंदबाज को ध्वस्त करते हुए पठान ने अपनी टीम को देर से ही सही लेकिन टूर्नामेंट में धमाकेदार शुरुआत दी. नाइट राइडर्स साउथ अफ्रीका के अपने दौरे को जरूर याद करती होगी.
1. राजस्थान रॉयल्स Vs कोलकाता नाइट राइडर्स, 2014
यह एक ऐसा मुकाबला था जो दो बार टाई हुआ और यह एक ऐसा महामुकाबला भी था जिसे बार-बार याद किया जाना चाहिए. यह पॉइंट नंबर दो में दी गई टीमों के बीच ही संपन्न हुआ एक मुकाबला था और यह मैच भी विदेशी धरती पर हुआ था, हालांकि इस बार यह भारत से काफी करीब था.
कोलकाता नाइट राइडर्स ने राजस्थान रॉयल्स के 152 रनों के स्कोर की बराबरी की थी. फिर, राजस्थान रॉयल्स ने कोलकाता नाइट राइडर्स द्वारा सुपर ओवर में बनाए गए 11 रनों के स्कोर की बराबरी की थी. लेकिन 2009 की ही तरह रॉयल्स ही पांच साल बाद विजेता बने और इसका श्रेय स्टीव स्मिथ की मानसिक चतुराई को जाता है.
पहले 20-20 ओवरों में क्या हुआ, इसके नाटकीय भाग को छोड़कर, सब कुछ भूल जाइये.
सुपर ओवर में मनीष पाण्डेय ने कोलकाता का मान बचाए रखा जिन्होंने जेम्स फॉकनर की गेंद पर छक्का जड़ा और 11 रन बोर्ड पर जड़ दिए. अब रॉयल्स की तरफ से जिम्मेदारी स्मिथ और वॉटसन की ऑस्ट्रेलियाई जोड़ी को सौंपी गई और उनके सामने सुनील नरेन जैसे गेंदबाज, जिनकी गेंदों पर बल्लेबाजों को चौके मारने के लिए संघर्ष करना पड़ता है, की चुनौती थी.
इसलिए इन दोनों खिलाड़ियों ने चौके ना मारने का फैसला किया.
उन्होंने पहली पांच गेंदों पर 9 रन बनाए जिसमें वॉटसन का एक चौका शामिल था. जिसका मतलब था आखिरी गेंद पर तीन रन चाहिए थे.
लेकिन उनके लिए दो रन भी विनिंग रन थे.
क्योंकि आईपीएल के सुपर ओवर के नियम यह कहते हैं कि यदि सुपर ओवर टाई होता है तो सुपर ओवर में ज्यादा बाउंड्री लगाने वाली टीम विजेता मानी जाएगी और अगर यहां भी मुकाबला बराबरी पर रहता है तो पूरे मैच के दौरान लगायी गई बाउंड्रीज से मैच का परिणाम तय किया जायेगा.
राजस्थान रॉयल्स और कोलकाता नाइट राइडर्स दोनों ने सुपर ओवर में एक-एक बाउंड्री जड़ी थी लेकिन 20 ओवरों की अपनी पारी में रॉयल्स ने 18 व कोलकाता ने 14 बाउंड्री जड़ी थीं.
चूंकि फील्ड किसी बड़े हिट को ध्यान में रखते हुए सजाई गई थी इसलिए इस नियम को ध्यान में रखते हुए स्मिथ ने आखिरी गेंद को गैप में धकेला और दो रन भागते हुए मैच को रॉयल्स की झोली में डाल दिया.
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