मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) ने 24 जुलाई को टोक्यो ओलंपिक्स में भारत के लिए शानदार आगाज करते हुए पहला पदक दिलाया है. मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में 49 किग्रा वर्ग में दूसरा स्थान हासिल करते हुए सिल्वर मेडल अपने नाम किया. तीसरी वर्ल्ड रैंकिंग वाली मीराबाई ने स्नैच में 87 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 115 किग्रा के साथ कुल 202 किग्रा भार उठाया.
मीराबाई चानू के सिल्वर मेडल जीतने के बाद पूरे देश की तरफ से बधाई की झड़ी लग गई. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री मोदी ने भी ट्वीट के जरिए उन्हें बधाई संदेश दिया.
"यह सचमुच सपने के सच होने जैसा है" - मीराबाई चानू
टोक्यो ओलंपिक्स में सिल्वर मेडल अपने नाम करने के बाद मीराबाई ने कहा कि यह सपने के सच होने जैसा है. साथ ही उन्होंने पूरे देश को उनकी जीत के लिए प्रार्थना करने के लिये धन्यवाद कहा. उन्होंने अपने ट्विटर पोस्ट मे कहा-
"सचमुच ही मेरे लिए यह सपने के सच होने जैसा है. मैं ये मेडल देश को समर्पित करना चाहूंगी और उन भारतीयों को करोड़ों प्रार्थनाओं के लिए धन्यवाद भी कहना चाहूंगी जो मेरे सफर में मेरे साथ रहे. मैं अपने परिवार को धन्यवाद कहना चाहूंगी, खासकर अपनी मां को जिन्होंने मेरे लिए इतना कुछ कुर्बान किया और मुझ पर विश्वास बनाये रखा".मीराबाई चानू
साथ ही उन्होंने अपने ट्वीट में समर्थन के लिए सरकार, खेल मंत्रालय,SAI, IOA वेटलिफ्टिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया, रेलवे, OGQ को भी धन्यवाद कहा.
"मैं विशेष शुक्रिया अपने कोच विजय शर्मा और सपोर्टिंग स्टाफ को कहना चाहूंगी, जिन्होंने लगातार मेहनत की, मुझे मोटिवेट किया और ट्रेन किया "मीराबाई चानू
"मीराबाई चानू बहुत समर्पित है"- कोच विजय शर्मा
मीराबाई के कोच विजय शर्मा ने उनके सिल्वर मेडल जीतने पर खुशी जताते हुए उनके वर्क एथिक्स की भी तारीफ की.
"रियो ओलंपिक की निराशा के बाद हम यहां हैं. कोच की महत्वपूर्ण भूमिका होती है लेकिन अगर प्लेयर में अनुशासन नहीं है तो कोच कुछ नहीं कर सकता. मैं कहूंगा कि इस प्रदर्शन के पीछे मीराबाई चानू की बहुत बड़ी भूमिका है. वह बहुत समर्पित हैं और यही कारण रहा कि वह सिल्वर मेडल जीत पाई. यह और अच्छा हो सकता था लेकिन हम सिल्वर मेडल से बहुत खुश हैं. मीराबाई चानू ने मुझसे कहा कि ओलंपिक में मेडल जीतने का सपना पूरा हो गया"कोच विजय शर्मा
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