भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पर्थ टेस्ट में टीम इंडिया को करारी हार का सामना करना पड़ा. नतीजा ये रहा है कि पहला टेस्ट जीतकर सीरीज में 1-0 से आगे चल रही भारतीय टीम अब 4 मैचों की सीरीज में बराबरी पर खिसक गई है. इस सीरीज का पर्थ टेस्ट काफी विवादों में है, पहले तो विराट कोहली की अति आक्रामकता को लेकर विवाद हुआ, उसके बाद अब टीम इंडिया के सेलेक्शन को लेकर सवाल उठ रहे हैं. सेलेक्शन विवाद के सेंटर में जो खिलाड़ी है उसका नाम रवींद्र जडेजा है.
दरअसल भारत ने दूसरे टेस्ट मैच में चार तेज गेंदबाजों को खिलाया- जसप्रीत बुमराह, ईशांत शर्मा, उमेश यादव और मोहम्मद शमी. दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया ने तीन तेज गेंदबाजों के साथ स्पिनर नेथन लॉयन को भी टीम में जगह दी. लॉयन ही दोनों टीमों के बीच जीत-हार का अंतर रहे. अक्सर तेज गेंदबाजों को मदद करने के लिए मशहूर पर्थ विकेट पर लॉयन 8 विकेट ले उड़े और उसके बाद से विराट कोहली और रवि शास्त्री की मैनेजमेंट और टीम सेलेक्शन पर लगातार सवाल उठ रहे हैं.
पर्थ टेस्ट से पहले बीसीसीआई ने अपने ट्विटर हैंडल पर 13 खिलाड़ियों का स्क्वॉड लिखा. इन 13 में रवींद्र जडेजा का नाम था जबकि पहले टेस्ट में चोटिल हुए स्पिनर रवीचंद्रन अश्विन का नाम नहीं था. हर किसी को लगा था कि टीम में जडेजा अश्विन का स्थान लेंगे लेकिन पिच हालातों का हवाला देकर विराट कोहली मैदान पर चार तेज गेंदबाजों को लेकर उतरे. सच पूछेंगे तो कोहली के फैसले में किसी को भी कुछ गलत नहीं दिखा.
लेकिन उसके बाद टीम इंडिया टेस्ट मैच हारी और कोहली से प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल किया गया कि क्या पिच को समझने में उनसे भूल हुई और टीम को एक रेगुलर स्पिनर की जरूरत थी? इसके जवाब में उन्होंने फिटनेस और फॉर्म को अलग रखते हुए ये कहा कि सेलेक्शन पूरी तरह से पिच की हालात को देखकर किया गया है.
हाल की टीम इंडिया में सेलेक्शन प्रोसेस पूरी तरह से कप्तान और कोच के हाथ में है. कोहली और शास्त्री मिलकर ही टीम इंडिया को चला रहे हैं. ऐसे में रवि शास्त्री ने ये बोलकर सभी को हैरान कर दिया कि जडेजा तो पर्थ टेस्ट से पहले फिट ही नहीं थे. एक तरफ कप्तान कहता है कि हर कोई फिट है तो दूसरी तरफ कोच कहता है कि जडेजा को फिटनेस प्रॉब्लम की वजह से नहीं खिलाया गया.
शास्त्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “ जडेजा भारत से ही चोट लेकर आए थे. जडेजा की रिकवरी में इतना वक्त लगेगा इस बारे में हमने सोचा नहीं था. आप ऐसा कभी नहीं चाहेंगे कि कोई खिलाड़ी 5-10 ओवर फेंकने के बाद हाथ खड़े कर दे और फिर मेलबर्न और सिडनी के लिए हमारे पास खिलाड़ियों की कमी पड़ जाए. तो पर्थ में हमें लगा कि वो मैच के लिए 70-80 प्रतिशत ही फिट थे और हम दूसरे टेस्ट में उनपर रिस्क नहीं ले सकते थे. अगर वो यहां(मेलबर्न) में 80 प्रतिशत फिट होंगे तो खेलेंगे.”
इसके बाद बीसीसीआई ने जडेजा की चोट पर अपना स्टैंड क्लीयर करते हुए स्टेटमैंट जारी की....
वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे सीरीज में लंबे स्पैल डालने के बाद रवींद्र जडेजा ने अपने कंधे में दिक्कतों की शिकायत की थी. 2 नवंबर को मुंबई में उन्हें एक जरूरी इंजेक्शन लगाया गया. इससे जडेजा को आराम पहुंचा और उन्होंने 12 से 15 नवंबर तक सौराष्ट्र के लिए रणजी ट्रॉफी मैच खेला जहां उन्होंने बिना किसी दिक्कत के 64 ओवर गेंदबाजी की. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया सीरीज के लिए उन्हें पूरी तरह से फिट माना गया और टीम में उन्हें चुना गया.रवींद्र जडेजा की चोट पर बीसीसीआई का स्टेटमेंट
बीसीसीआई का ये भी कहना है कि 30 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया में प्रैक्टिस मैच के दौरान भी जडेजा को कंधे में दर्द हुआ जिसके बाद उन्हें फिर से इंजेक्शन दिया गया.
अब ऐसे में टीम इंडिया मैनेजमेंट, सेलेक्शन प्रोसेस और इंजरी मैनेजमेंट प्रोग्राम पर कुछ सवाल उठते हैं.
1.क्या जडेजा ऑस्ट्रेलियाई दौरे के लिए पूरी तरह से फिट नहीं थे?
2. अनफिट जडेजा को पर्थ टेस्ट में 13 खिलाड़ियों की स्क्वॉड में जगह क्यों दी गई?
3. अगर जडेजा अनफिट ही थे तो पर्थ टेस्ट की पहली और दूसरी पारी में उनसे फील्डिंग क्यों करवाई गई? वो 12th खिलाड़ी क्यों थे?
4. अगर उनके कंधे में दिक्कत थी तो क्यों नहीं पहले उनकी चोट ठीक करवाई गई? दौरे पर इंजेक्शन लगा लगाकर खिलाड़ी को खिलाना कहां तक सही है?
5. क्या ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले रवींद्र जडेजा ने अपनी चोट छिपाई?
ये विवाद इसलिए है कि इस वक्त टीम इंडिया को चला रहे दो सबसे मजबूत स्तंभ विराट कोहली और रवि शास्त्री अलग-अलग बात कर रहे हैं. कप्तान को पता ही नहीं कि खिलाड़ी चोटिल है तो वहीं कोच कहते हैं कि हमें ये नहीं पता कि उनकी चोट कब ठीक होगी तो वहीं बीसीसीआई कहती है कि ये खिलाड़ी पूरी तरह फिट है. ऐसे में टीम इंडिया मैनेजमेंट किस कदर कंफ्यूज है इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं.
ये पहली बार नहीं जब कोहली और शास्त्री टीम से जुड़े किसी मुद्दे पर अलग-अलग बयानबाजी कर रहे हों, इससे पहले साउथ अफ्रीका दौरे पर शास्त्री ने कहा था कि टीम को प्रैक्टिस मैचों की कमी का नुकसान हुआ तो वहीं कोहली का कहना था कि टीम पूरी तरह से तैयार थी. कप्तान और कोच की टीम को लेकर अलग-अलग राय और जानकारी टीम को नुकसान पहुंचा सकती है. या फिर दोनों प्रेस कॉन्फ्रेंस में आने से पहले आपस में बात ही कर लें कि ‘जो तुमने बोला है वो ही मैं बोल दूंगा’
खैर आपको जानकर हैरानी होगी कि इस ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जो फिलहाल 19 खिलाड़ियों की टीम इंडिया है उसमें से तीन खिलाड़ी(आर अश्विन, रवींद्र जडेजा और रोहित शर्मा) ऐसे हैं जिनकी फिटनेस पर सवाल है. एक खिलाड़ी(हार्दिक पांड्या) ऐसा है जो सिर्फ एक फर्स्ट क्लास मैच खेलकर आया और अभी-अभी चोट से उबरा है. ओपनिंग के लिए जूझ रही टीम के पास एक बल्लेबाज(मयंक अग्रवाल) है जो बॉक्सिंग-डे टेस्ट से सिर्फ पांच दिन पहले ही ऑस्ट्रेलिया पहुंचा है और एक तेज गेंदबाज(भुवनेश्वर कुमार) ऐसा है जिसने आखिरी टेस्ट मैच जनवरी 2018 में खेला था. अब मेलबर्न में क्या प्लेइंग-XI होगी ये देखना काफी दिलचस्प होगा!
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