महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर पोस्ट की और लगा कि पुरानी दोस्ती फिर जिंदाबाद हो गई. इस तस्वीर में सचिन अपने 6 दोस्तों के साथ नजर आ रहे हैं. लेकिन उनके दाईं तरफ जो शख्स है, उसके चेहरे की मुस्कुराहट बताने को काफी है कि ये तस्वीर क्यों खास है. विनोद कांबली अपने बचपन के दोस्त के साथ हैं. 22 अक्तूबर को पहले दोस्ती का जो हाथ कांबली ने बढ़ाया, उसे सचिन ने थाम लिया है.
दोस्ती जिंदाबाद!
सचिन ने इंस्टाग्राम पर तस्वीर पोस्ट की और लिखा, "क्रिकेट ने मुझे जो सबसे शानदार चीजें दी हैं उनमें से एक है मेरे दोस्त जो जिंदगी भर के लिए लिए हैं. इन लोगों का साथ हो तो मैदान के बाहर या भीतर कोई उदास पल नहीं होता." तस्वीर में कांबली के अलावा अगरकर भी दिखाई दे रहे हैं.
‘सलामत रहे दोस्ताना’
वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई की किताब ‘डेमोक्रेसी XI’ की रिलीज का मौका था. सचिन मौजूद थे. विनोद कांबली भी वहीं थे. खबर आई कि दोनों के बीच बातचीत हुई. दोनों गले मिले. दूरियां मिट गईं. पहले पहल जिन लोगों को इस बात का यकीन नहीं हुआ, शायद उन्हीं के लिए विनोद कांबली ने एक तस्वीर ट्वीट की. कांबली ने लिखा,
वो ख्वाबों के दिन, वो किताबों के दिन, सवालों की रातें, जवाबों के दिन...
यहीं साथ खेले, हुए हम जवां, सलामत रहे दोस्ताना हमारा
कांबली यहीं नहीं रुके, उन्होंने उसी शाम मास्टर ब्लास्टर के साथ एक सेल्फी भी पोस्ट की. हालांकि गौर से देखने पर ये उसी पिछली तस्वीर का क्रॉप वर्जन नजर आता है.
कांबली ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में ये भी कहा कि सचिन ने इस मौके पर बताया कि उन्हें कांबली के हवाई शॉट खूब पसंद थे. सचिन का ये अंदाज और बात कांबली के दिल को छू गई. और दिल जिन पुरानी यादों से भारी हो रहा था, वो हल्का हो गया.
8 साल पुराना वो टीवी शो
इस टीवी शो का नाम था- सच का सामना. होस्ट थे राजीव खंडेलवाल. सवाल पूछा गया- क्या आप मानते हैं कि खुद को बर्बाद कर देने वाले आपके रवैये से सचिन आपको बचा सकते थे?
सवाल के जवाब में कांबली कुछ पल सोचते हैं और फिर कहते हैं, "मुझे लगता है, हां...सचिन मुझे बचा सकते थे. हम बहुत नजदीक थे. वो मेरी मदद करते तो मेरा करियर लंबा हो सकता था."
ये पहली बार था जब कांबली ने सचिन के बारे में सार्वजनिक मंच पर इतनी बड़ी बात कह दी हो वो भी तब जब दोनों की दोस्ती की मिसालें दी जाती रही हों. कोच रमाकांत अचरेकर के आंखों के दो तारे जिनके नाम स्कूली क्रिकेट में 664 रन की साझेदारी का वर्ल्ड रिकॉर्ड लंबे वक्त तक कायम रहा. 2009 के इस टीवी शो के बाद मान लिया गया कि अब शायद दोनों के बीच की दूरियां कभी नहीं पाटी जा सकेंगी.
2013 में जब सचिन ने अपनी रिटायरमेंट स्पीच में कांबली का नाम नहीं लिया तब भी काफी बातें बनाई गईं. कांबली ने कुछ इंटरव्यूज में इस बात का जिक्र करते हुए दुख भी जताया.
लेकिन अब लगता है कि ये सब पीछे छूट गया है. पहले कांबली की सेल्फी और अब सचिन की इस तस्वीर ने दिखा दिया है कि दोस्ती के रिश्ते में उतार-चढ़ाव भले आते हों लेकिन पुराने यारों का साथ इतनी आसानी से नहीं छूटता.
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