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सुशील रियो ओलंपिक में जाएंगे या नहीं, अब भी सस्‍पेंस!

रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने कहा, नहीं भेजी है संभावित सूची

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रियो ओलंपिक में सुशील कुमार को लेकर चल रहे विवाद में रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने गुरुवार को अपना बयान दिया है. फेडरेशन ने इस बात से इनकार किया कि उसने भारतीय ओलंपिक संघ को रियो के लिए संभावितों की कोई लिस्‍ट भेजी है, जिसमें सुशील कुमार का नाम नहीं है. इसलिए दो बार के पदक विजेता सुशील अभी भी दौड़ में है.

फेडरेशन ने कहा कि जो सूची भेजी गई है, वह यूनाइटेड विश्व कुश्ती (United World Wrestling) की तरफ से है. फेडरेशन ने साफ किया कि UWW ओलंपिक क्वालि‍फाइंग टूर्नामेंटों में अपने-अपने भारवर्ग में कोटा हासिल कर चुके खिलाड़ियों की सूची आईओए को भेजता है.

जो तगड़ा हो, उसे भेजा जाए: सुशील कुमार

वहीं सुशील कुमार ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रि‍या दी है. सुशील ने कहा, ‘’पूरी दुनिया में ट्रायल की प्रकिया होती है. नरसिंह और मेरा ट्रायल लिया जाए. हममें से जो भी तगड़ा हो, उसे चुना जाए और वो देश के लिए मेडल लेकर आए.’’

स्नैपशॉट
  • सुशील और नरसिंह, दोनों ही 74 किग्रा वर्ग में रियो ओलंपिक के हैं दावेदार
  • दोनों में से किसी एक को भेजा जाना है रियो ओलंपिक
  • नरसिंह ने पिछले साल विश्व चैम्पियनशिप में हासिल किया था ओलंपिक कोटा
  • खबरें आईं कि आईओए को संभावित सूची भेज दी गई
  • रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने संभावित लिस्‍ट से किया इनकार
  • संभावित सूची यूनाइटेड विश्व कुश्ती (UWW) की है
  • रियो ओलंपिक की रेस में अब भी बने हैं सुशील
  • डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष करेंगे अंतिम फैसला
  • खेल मंत्रालय ने कहा, वह नहीं देगा दखल

WFI के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा,

अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है. WFI अध्यक्ष इस पर फैसला लेंगे कि ट्रायल होंगे या नहीं और कब होंगे? लिहाजा सुशील के जाने या नहीं जाने का सवाल ही नहीं उठता.
सचिव विनोद तोमर, WFI के सहायक

तोमर ने इस बात का कोई जवाब नहीं दिया कि पुरुषों की 74 किलो फ्रीस्टाइल कुश्ती में सुशील या नरसिंह यादव में से कौन भारत का प्रतिनिधित्व करेगा? उन्होंने कहा कि ट्रायल पर फैसला अभी बाकी है.

वहीं खेल मंत्रालय ने कहा कि ओलंपिक में पहलवान सुशील कुमार या नरसिंह यादव को भेजने को लेकर पैदा हुए विवाद में मंत्रालय दखल नहीं देगा. इसे सुलझाना रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया का काम है.

खेल मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने एक कार्यक्रम से कहा,

महासंघ ही इस बारे में फैसला लेगा. हम दखल नहीं दे सकते. वह स्वायत्त इकाई है. यह महासंघ की जिम्मेदारी है.
सर्वानंद सोनोवाल, खेल मंत्री

क्या है पूरा विवाद?

पिछले ओलंपिक (2012) के दौरान नरसिंह यादव भी भारतीय टीम की ओर से भेजे गए थे. अलग-अलग वेट कैटेगरी होने की वजह से सुशील और नरसिंह, दोनों को ही जगह मिली थी. लेकिन इस बार मामला उलझ गया है, क्‍योंकि सुशील और नरसिंह एक ही वैट कैटेगरी (74 किलोग्राम) में हैं. पिछले साल लास वेगास में विश्व चैम्पियनशिप में 74 किलोवर्ग में कांस्य पदक जीतकर भारत के लिए ओलंपिक कोटा स्थान हासिल किया था. उसके बाद से वह ओलंपिक के लिए लगातार दावा कर रहे हैं, जबकि पूर्व विश्व चैम्पियन सुशील कुमार ने ट्रायल की मांग की है.

-इनपुट भाषा से

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