पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ( PCB) के नए अध्यक्ष रमीज राजा (Ramiz Raza) ने न्यूजीलैंड के दौरा रद्द करने के फैसले को एकतरफा बताते हुए न्यूजीलैंड से पूछा कि "आप किस दुनिया में जी रहे हैं ?"
पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने भी कहा कि "न्यूजीलैंड ने पाकिस्तान क्रिकेट की हत्या की है." अब यह सवाल खड़ा होता है कि पाकिस्तान क्रिकेट को मुश्किल में डालने के लिए क्या न्यूजीलैंड जिम्मेदार है या इमरान खान और पाकिस्तान ने खुद इस रास्ते को चुना है ?
क्यों हो रही है पाकिस्तान की आलोचना ?
दरअसल न्यूजीलैंड की टीम तीन वनडे और पांच टी20 मैचों की सीरीज के लिए पाकिस्तान गई थी. यह दौरा 17 सितंबर को रावलपिंडी में पहले वनडे के साथ शुरू होना था.
लेकिन हुआ कुछ यूं कि न्यूजीलैंड सरकार ने अपने खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड को आगाह किया इसके बाद सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान दौरा रद्द करने का फैसला हो गया.
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माईकल वॉगन ने भी कहा है कि दौरा रद्द होना "पाकिस्तान के लिए शर्म की बात है"
न्यूजीलैंड की टीम बीते 18 साल में पहली बार पाकिस्तान में कोई सीरीज खेलने के लिए गई थी. लेकिन आतंक प्रेम में लिप्त पाकिस्तान में किसी अनहोनी के डर से ये दौरा रद्द हो गया. इसके बाद एक बार फिर पाकिस्तान में खिलाड़ियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
इंग्लैंड भी अपना दौरा रद्द कर सकता है
न्यूजीलैंड के बाद अब आशंका जताई जा रही है कि इंग्लैंड भी अक्टूबर में होने वाले अपने पाकिस्तान दौरे को रद्द कर सकता है. अक्टूबर में इंग्लैंड की पुरुष और महिला क्रिकेट टीमों को T20 सीरीज के लिए पाकिस्तान आना है लेकिन इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड भी सुरक्षा को लेकर आश्वस्त नजर नहीं आ रहा. बोर्ड ने तय किया है कि वह अगले 24 से 48 घंटे में जमीनी हालात समझने के बाद ही इस दौरे के साथ आगे बढ़ने पर फैसला लेगा.
इस बीच पाकिस्तानी खिलाड़ी इंग्लैंड को अपने अहसानों की याद दिलाने में जुट गए हैं. पाकिस्तानी बल्लेबाज शाहिद अफरीदी ने ट्वीट कर कहा कि
"इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड को पिछले साल कोरोना के मुश्किल हालातों में जो हमारा सहयोग मिला उसे भूलना नहीं चाहिए."
क्यों पाकिस्तान में खेलने से डर रहे हैं कई देश?
पाकिस्तान में खिलाड़ियों की सुरक्षा पर उठने वाले यह सवाल पहली बार नहीं है. सुरक्षा ही एकमात्र कारण है कि बीते एक दशक से पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का सूखा पसरा है.
पाकिस्तान में 2009 में श्रीलंकाई खिलाड़ियों पर हुए हमले को भुलाया नहीं जा सकता. ऐसा पहली बार था कि किसी देश में खिलाड़ियों की टीम पर आतंकियों ने हमला किया हो. इस हमले में श्रीलंका के सपोर्ट स्टाफ के साथ-साथ कई खिलाड़ी गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे.
अब न्यूजीलैंड की टीम का ऐसे समय में वापस लौटना जब पाकिस्तान अपने यहां अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को फिर से सामान्य करने की तरफ बढ़ रहा था, पाकिस्तान क्रिकेट के लिए एक बड़ा झटका है. इसने सुरक्षा के तमाम सवालों को फिर से जिंदा कर दिया है.
इमरान खान ही दोषी हैं
पाकिस्तान में जो भी हो रहा है उसमें इमरान खान की सबसे ज्यादा भूमिका है. एक पेशेवर क्रिकेटर और देश के प्रधानमंत्री के तौर पर इमरान खान ने जो चुना उससे न तो देश को फायदा है और ना ही क्रिकेट को.
इसमें कोई शक नहीं अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार को पाकिस्तान का पूरा समर्थन हासिल है. पाकिस्तान अपने यहां तालिबानी आतंकियों को संरक्षण देता है और तालिबान के साथ-साथ कई आतंकवादी संगठनों के नेता पाकिस्तान में रहते भी हैं. बतौर प्रधानमंत्री ऐसा माना जाएगा कि पाकिस्तान जो भी कर रहा है वह इमरान खान की मर्जी से हो रहा है.
इमरान खान ने न्यूजीलैंड दौरा रद्द करने के बाद प्रधानमंत्री जसिंडा आर्डन से बात करके उन्हें सुरक्षा का भरोसा तो दे दिया लेकिन ये कैसे झुठला सकते हैं कि खिलाड़ियों को खतरा उन्हीं आतंकियों से है जिनको पाकिस्तान समर्थन देता है. ऐसे में इमरान खान की बातें एकदम विरोधाभासी हैं.
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