भारत के लिए 'मंडे मॉर्निंग' की शुरुआत इससे शानदार नहीं हो सकती थी. टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympic) के 11वें दिन की शुरुआत ऐतिहासिक जीत से हुई जब भारतीय महिला हॉकी टीम (India women's hockey team) ने ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से शिकस्त देकर पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में जगह बनाई. हालांकि दूसरी तरफ कमलप्रीत डिस्कस थ्रो फाइनल में मेडल से चूक गई और 6th पोजीशन पर रहीं.
भारत के लिए अब तक मीराबाई चानू और पीवी सिंधु ने क्रमशः सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीता है जबकि लवलीना बोरगेहेन का कम से कम ब्रॉन्ज जीतना पक्का है. ऐसे में टोक्यो ओलंपिक के 11वें दिन के प्रदर्शन पर नजर डालते हुए भारतीय मेडल टैली की बाकी बचे उम्मीदों का आकलन करते हैं.
भारतीय महिला हॉकी टीम ने कहा 'चक दे इंडिया'
भारतीय महिला हॉकी टीम जब पिच पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उतरी थी तब सारे आंकड़े और तर्क उनके खिलाफ थे. 9वीं रैंक वाली भारतीय टीम के सामने 3 बार की ओलंपिक चैंपियन और वर्ल्ड नंबर 2 टीम ऑस्ट्रेलिया थी. लेकिन बहादुर और मजबूत इरादों वाली भारतीय महिला टीम ने 'गेम पंडितों' के अंदाजे को धता बताकर शानदार 1-0 की जीत हासिल की और पहली बार सेमीफाइनल में जगह बनाई.
ड्रैग फ्लिकर गुरजीत कौर ने उस अवसर को भुनाया जब वह सबसे ज्यादा मायने रखता था. उन्होंने 22 वें मिनट में भारत के एकमात्र पेनल्टी को गोल में तब्दील किया. इसके साथ-साथ भारत का डिफेंस मजबूत रहा और ऑस्ट्रेलिया के हाई प्रेस गेम के बावजूद भारत ने शानदार प्रदर्शन किया.
रानी रामपाल की कप्तानी वाली इस टीम का अगला मुकाबला 4 अगस्त को सेमीफाइनल में अर्जेंटीना के खिलाफ है.
कमलप्रीत कौर मेडल से चूकीं
डिस्कस थ्रोअर कमलप्रीत कौर टोक्यो ओलंपिक के 11 वें दिन बारिश से बाधित फाइनल में 63.70 मीटर के बेस्ट थ्रो के साथ अपने पहले ओलंपिक में छठे पोजीशन पर रहीं. कमलप्रीत ने 6 राउंड के इस इवेंट में 3 फाउल थ्रो किए. अमेरिका की एथलीट Allman Valarie ने 68.98 मीटर थ्रो के साथ गोल्ड मेडल अपने नाम किया.
ओलंपिक में महिलाओं के डिस्कस थ्रो इवेंट में छठा पोजिशन भारत का सर्वश्रेष्ठ स्थान रहा है. 2012 के लंदन ओलंपिक में कृष्णा पूनिया 63.62 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ छठे स्थान पर ही रही थीं.
फवाद मिर्जा : फाइनल में पहुंचे पर पदक से रहे दूर
टोक्यो ओलंपिक में घुड़सवारी के जंपिंग इवेंट में भारतीय घुड़सवार फवाद मिर्जा ने 45.20 के शानदार स्कोर के साथ व्यक्तिगत इवेंट के फाइनल में जगह तो बनाई लेकिन वहां 23वें स्थान पर ही फिनिश कर पाए.
लेकिन फाइल में पहुंचना भी एक खास उपलब्धि थी, क्योंकि 20 वर्षों में फवाद पहले ऐसे घुड़सवार हैं जो ओलंपिक फाइनल में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे थे.
इसके अलावा दुती चंद ने महिलाओं की 200 मीटर रेस में अपना सीजन बेस्ट देते हुए 23.85 सेकंड का समय लिया, लेकिन हिट राउंड में अंतिम स्थान पर फिनिश कर पाईं और सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रहीं.
टोक्यो ओलंपिक का 11 वां दिन भी भारतीय शूटरों के लिए निराशाजनक रहा. 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन में ऐश्वर्या प्रताप सिंह तोमर और संजीव राजपूत फाइनल में क्वालीफाई करने में असफल रहे.
भारत के लिए अगला मेडल कहां से आएगा?
टोक्यो ओलंपिक के 11वें दिन की समाप्ति के बाद भारत के लिए अगले मेडल के रूप में अभी भी काफी उम्मीदें बाकी हैं. खासकर ब्रॉन्ज पक्का करने के बाद लवलीना से उसे गोल्ड में बदलने की उम्मीद रहेगी.
भारतीय हॉकी टीम का प्रदर्शन टोक्यो ओलंपिक में अब तक शानदार रहा है. 3 अगस्त को सुबह 7:00 बजे भारतीय पुरुष हॉकी टीम बेल्जियम के खिलाफ अपना सेमीफाइनल खेलने उतरेगी. भारतीय महिला हॉकी टीम का कमबैक भी शानदार है. अगले मैच में उसे अर्जेंटीना के खिलाफ खेलना है.
3 अगस्त को ही कुश्ती में सोनम मलिक का मुकाबला वुमन 62 किग्रा वर्ग में मंगोलिया की Bolortuya Khurelkhuu से होगा. इसके अलावा 3 अगस्त को जैवलिन थ्रो के क्वालिफिकेशन राउंड में अनु रानी भी भारत का नेतृत्व करेंगी जबकि तजिंदर पाल सिंह तूर मेन्स शॉटपुट के क्वालीफाइंग राउंड में हिस्सा लेंगे.
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