टोक्यो ओलंपिक के 14 वें दिन भारत की झोली में दो और मेडल आ गए. एक तरफ भारतीय पुरुष हॉकी टीम (Inidian Mens's Hockey Team)को मजबूत प्रतिद्वंदी जर्मनी को 5-4 से हराने के बाद ओलंपिक में 41 साल के मेडल के सूखे को खत्म करने की खुशी हुई, वहीं फाइनल में हार के बाद रवि दहिया (Ravi Dahiya) को अपने सिल्वर को गोल्ड में ना बदलने की थोड़ी मायूसी भी.
इस तरह भारत को अब तक टोक्यो ओलंपिक में 5 मेडल मिल चुके हैं. इसमें रवि दहिया और मीराबाई चानू के शानदार दो सिल्वर तथा पीवी सिंधु ,लवलीना और पुरुष हॉकी टीम के तीन ब्रॉन्ज शामिल हैं.
हालांकि टोक्यो में अपने पहले ओलंपिक में शामिल हो रहे रेसलर दीपक पूनिया पोडियम पर पहुंचने से चूक गए. उनके अलावा रेसलिंग में अंशु मलिक और विनेश फोगाट को भी हार का सामना करना पड़ा.
आइए नजर डालते हैं टोक्यो ओलंपिक के 14 वें दिन के भारत के प्रदर्शन पर...
भारतीय पुरुष हॉकी टीम :ओलंपिक मेडल का लंबा इंतजार खत्म हुआ
भारत के लिए हॉकी में ओलंपिक मेडल का 41 साल का इंतजार आखिरकार आज समाप्त हुआ जब भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल के एक रोमांचक मैच में मजबूत जर्मनी की टीम को 5-4 से हरा दिया.
भारत की तरफ से सिमरनजीत सिंह ,रुपिंदर पाल सिंह, हार्दिक सिंह और हरमनप्रीत सिंह ने गोल किया. उलटफेर भरे इस गेम में भारत ने 0-1 और 1-3 से पिछड़ने के बाद 5-4 से शानदार जीत दर्ज की.
हर बार की तरह इस बार भी गोलकीपर श्रीजेश का डिफेंस दीवार की तरह मजबूत रहा और अंतिम क्षणों में उनके लाजवाब बचाव ने भारत के लिए ब्रॉन्ज पक्का कर दिया. भारत के लिए यह मेडल आसान नहीं रहा. अपने दूसरे ग्रुप मैच में ही ऑस्ट्रेलिया के हाथों 1-7 के बड़े अंतर से हारने के बाद भारत ने ब्रॉन्ज मेडल तक का कमबैक किया है.
रवि दहिया: फाइनल में हार के बावजूद यह सिल्वर खास है
टोक्यो ओलंपिक के 14 वें दिन भारत के रवि दहिया का गोल्ड मेडल के लिए सामना रूस के जावुर उगुएव से था और दहिया के शानदार फॉर्म को देखते हुए सबको ऐतिहासिक गोल्ड की उम्मीद थी .लेकिन उन्हें इस मैच में 4-7 से हार का सामना करना पड़ा.
इस हार के बावजूद रवि दहिया का यह ओलंपिक कैंपेन और सिल्वर मेडल कमाल है. खासकर उनके कम उम्र और मानसिक दृढ़ता के कारण भारत को आने वाले ओलंपिक में उनसे बहुत उम्मीद रहेगी.
दीपक पूनिया: अंतिम क्षण में मेडल से चूके
भारत के दीपक पूनिया टोक्यो ओलंपिक में पोडियम तक पहुंचने से चूक गए. ब्रॉन्ज मेडल के मैच में सैन मारिनो के प्रतिद्वंदी ने पूनिया को आखिरी लम्हों में 4-2 से हराते हुए उनके पहले ओलंपिक में मेडल के सपने को तोड़ दिया.
दीपक पूनिया की शुरुआत अच्छी रही थी और शुरुआती 2 मिनट में उन्होंने 2-0 की बढ़त हासिल कर ली थी. सेकेंड हाफ के अंतिम मिनट में बाजी पलटते हुए सैन मारिनो के प्रतिद्वंदी ने दीपक को 2-3 से पीछे कर दिया. भारतीय कोच ने स्कोर को चैलेंज किया लेकिन वो असफल रहे तथा प्रतिद्वंदी को एक और प्वाइंट दिया गया.इस तरह दीपक पूनिया का पहले ओलंपिक में मेडल का सपना 4-2 की हार के साथ सफल नहीं हो पाया.
विनेश फोगट: क्वार्टर फाइनल में हार
भारत की मजबूत पदक दावेदार विनेश फोगट ने टोक्यो ओलंपिक के 14वें दिन रियो ओलंपिक की कांस्य विजेता और छह बार की विश्व पदक विजेता सोफिया मैटसन को हराकर महिलाओं के 53 किग्रा क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया, लेकिन क्वाटरफाइनल में उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
विनेश फोगाट को बेलारुस की वानेसा कलदिनस्काया से 3-9 से हार का सामना करना पड़ा. बाद में वानेसा कलदिनस्काया की सेमीफाइनल में हार के बाद विनेश का ब्रॉन्ज का सपना भी टूट गया.
इसके अलावा-
युवा रेसलर अंशु मलिक रेपेचेज राउंड में रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता रूस की वेलेरिया कोब्लोवा से 1-5 से हारने के बाद 57 किग्रा प्रतियोगिता से बाहर हो गईं.
पुरुषों की 20 किमी रेसवॉक फाइनल में, संदीप कुमार 23 वें स्थान पर भारत के लिए सर्वोच्च स्थान पर रहे, जबकि राहुल रोहिल्ला और केटी इरफान 47 वें और 51 वें स्थान पर रहे.
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