टोक्यो ओलंपिक्स (Tokyo Olympics) में भारतीय युवा गोल्फर (Golfer) अदिति अशोक (Aditi Ashok) मेडल की रेस से बाहर हो गई हैं. वे चौथे स्थान पर रहीं. नेल्ली कोर्दा ने इस स्पर्धा में गोल्फ हासिल किया है.
बता दें पूरे मुकाबले के दौरान अदिति ने कड़ी टक्कर दी और चौथे राउंड में भी वे कभी नंबर दो, कभी नंबर तीन पर आती रहीं. लेकिन आखिर में अदिति पिछड़ गईं. उन्होंने -15 स्कोर किया. वहीं इनामी और लायडिया ने -16 स्कोर कर टाई किया. अब दोनों सिल्वर और ब्रॉन्ज के लिए प्लेऑफ में जाएंगी.
जबकि नेल्ली कोर्दा ने -17 स्कोर कर गोल्ड मेडल पर कब्जा किया है.
अदिति ने किया था शानदार आगाज
अदिति अशोक के लिए यह पहला ओलंपिक नहीं है, इन्होंने 2016 रियो ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया था. रियो में जब अदिति अशोक ने गोल्फ कोर्स पर कदम रखा तब इतिहास बनाया था, वो महज 18 साल की उम्र में ओलंपिक गोल्फ मैदान में उतरने वाली पुरुष और महिला दोनों वर्गों में सबसे कम उम्र की गोल्फर बनी थीं. वहीं इसके साथ ही ओलंपिक में हिस्सा लेने वाली पहली भारतीय महिला गोल्फर भी बन गई थीं.
अदिति के करियर से जुड़ी खास उपलब्धियां
13 वर्ष की उम्र में (2011) बेंगलुरु इंडियन ओपन प्रो चैंपियनशिप में भारत की सबसे बड़ी गोल्फर सिम्मी मेहरा को हराकर अदिति ने तहलका मचा दिया था.
अदिति एशियन यूथ गेम्स 2013 में भाग लेने वाली एकमात्र भारतीय गोल्फर हैं.
यूथ ओलंपिक गेम्स 2014 और एशियन गेम्स 2014 में भी हिस्सा लिया है.
2016 में अपने प्रभावशाली सीजन के बाद लेडीज यूरोपियन टूर 'रूकी ऑफ द ईयर' पुरस्कार की विजेता बनीं.
रियो ओलंपिक में गोल्फ में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली भारतीय महिला बनने के बाद इंडियन ओपन और कतर लेडीज ओपन में दो खिताब जीतने का कमाल भी किया है.
2017 में वो भारत की पहली महिला पेशेवर गोल्फ एसोसिएशन (LPGA) खिलाड़ी बनीं.
यूरोपियन टूर का लल्ला आइचा टूर स्कूल का खिताब जीतने वाली सबसे कम उम्र (17 वर्ष) की और पहली भारतीय महिला गोल्फर.
प्रतिभा और शानदार खेल के कारण, उन्हें अगस्त 2020 में अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया.
पढ़ें ये भी: अदिति अशोक 'अद्वितीय': 5 की उम्र से गोल्फर टोक्यो में गोल्ड से बस एक कदम दूर
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)