दिल्ली हाईकोर्ट ने 31 मई को नए आईटी नियमों के कथित गैर-अनुपालन के लिए ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया. कोर्ट ने कहा कि अगर नियमों पर रोक नहीं लगाई गई है तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को उनका पालन करना ही होगा.
जस्टिस रेखा पल्ली की सिंगल जज बेंच ने कहा कि आईटी नियम 2021 के तहत, ट्विटर एक ‘सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया इंटरमीडियरी’ (SSMI) है और इसलिए आदेश में सभी जरूरी प्रावधानों का भी पालन करना होगा.
हाईकोर्ट के वकील अमित आचार्य ने याचिका दाखिल करते हुए आरोप लगाया था कि ट्विटर इंडिया और ट्विटर नए कानून के नियम 4 (C) का पालन करने में विफल रहे हैं, जिसमें कहा गया है कि प्रत्येक SSMI को ‘शिकायत अधिकारी’ की नियुक्ति सुनिश्चित करनी होगी.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने बताया कि उन्हें ट्विटर के नियमों का पालन करने की जानकारी तब हुई, जब उन्होंने कुछ ट्वीट्स के खिलाफ शिकायत दर्ज करानी चाही. अपनी याचिका में आचार्य ने कहा कि नए आईटी नियम 25 फरवरी से लागू हुए थे, और केंद्र ने इनका पालन करने के लिए सभी सोशल मीडिया कंपनियों को तीन महीने का समय दिया था, जो 25 मई को खत्म हो चुका है, लेकिन इसके बावजूद ट्विटर ने अभी तक कोई शिकायत अधिकारी नियुक्त नहीं किया गया है.
ट्विटर की तरफ से पेश हुए सीनियर एडवोकेट साजन पूवय्या ने कोर्ट को बताया कि कंपनी 28 मई को ही शिकायत अधिकारी की नियुक्ति कर चुकी है.
केंद्र सरकार ने इस दावे का विरोध किया. इसके बाद, कोर्ट ने ट्विटर को जवाब दाखिल करने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया और मामले की अगली सुनवाई के लिए 6 जुलाई की तारीख सुनिश्चित की है.
ट्विटर ने कहा है कि वो भारत में लागू कानूनों का पालन करने का प्रयास करता है. ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा, “हम पारदर्शिता के सिद्धांतों, हर आवाज को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता और भारतीय कानून के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और गोपनीयता की रक्षा का कड़ाई से पालन करते रहेंगे.”
26 मई से लागू हुए नए नियम
सरकार फरवरी में सोशल मीडिया कंपनियों और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए नए नियम लेकर आई थी. सभी को नियम फॉलो करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया था.
25 फरवरी को लाए गए इन नियमों के तहत, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और WhatsApp जैसे सोशल प्लेटफॉर्म्स पर कई तरह के प्रतिबंघ लगाए गए हैं. नए नियमों के तहत, कंपनी को भारत में रेसिडेंट ग्रीवेंस ऑफिसर, चीफ कंप्लाइंस ऑफिसर और नोडल कॉन्टैक्ट पर्सन नियुक्त करना होगा. ओटीटी और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपनी पूरी जानकारी सार्वजनिक करनी होगी.
इसके अलावा, कंपनियों को एक शिकायत अधिकारी रखना होगा, जो 24 घंटे के अंदर शिकायत को सुनेगा और 14 दिन के अंदर उसका समाधान करेगा.
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