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Electric Scooter: 30 एक्सपर्ट टिप्स जिन्हें फॉलो करेंगे तो नहीं जलेगा आपका EV

Electric Scooters में आग लगने की कई घटनाएं सामने आ रही हैं, इसलिए हम पाठकों की सुरक्षा के लिए लाए हैं यह नॉलेज पीस

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देश में इलेक्ट्रिक स्कूटरों (Electric Scooters) में आग लगने की कई घटनाएं सामने आ रही हैं. पहले पुणे में एक इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग की खबरों ने सुर्खियां बटोरी फिर तमिलनाडु के वेल्लूर में भी एक इलेक्ट्रिक स्कूटर में ब्लास्ट से बाप-बेटी ने जान गंवा दी थी. हैदराबाद के निजामाबाद में, वारंगल में और नासिक से भी ऐसी घटनाएं सुनने मिलीं.

सोशल मीडिया पर रोज हम ऐसे कुछ वीडियो देखते हैं, जिनमें हमें इलेक्ट्रिक स्कूटर्स जलते दिखते हैं. ऐसे में भविष्य का व्हीकल कहे जाने वाले इन इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं. जिन लाखों लोगों ने इलेक्ट्रिक स्कूटरों (Electric Scooters) केा खरीद लिया उनकी चिंताओं का समाधान करने हमने एक्सपर्ट से बात करके पता लगाया कि आखिर इन व्हीकल्स में ब्लास्ट या आग लगने की घटनाएं क्यों हो रही हैं. किन सावधानियों को बरता जाए तो आग से बचकर आराम से इलेक्ट्रिक स्कूटरों की सुरक्षित सवारी का आनंद उठाया जा सकता है.

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मनीष हरोदिया Electric Vehicle और मोबिलिटी सॉल्यूशन (Mobility Solutions) की फील्ड में काफी समय से हैं और इलेक्ट्रिक वाहनों के एक्सपर्ट माने जाते हैं. इलेक्ट्रिक वाहनों की कार्यप्रणाली को इन्होंने अच्छे से समझा है तो हमने उनसे इलेक्ट्रिक स्कूटरों की सुरक्षित सवारी के टिप्स पूछे. उन्होंने हमें वे 30 प्वॉइंट समझाए जिन पर अमल करके इलेक्ट्रिक स्कूटरों (Electric Scooters) में आग लगने की घटनाओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है.

क्या-क्या सावधानी बरतें?

  1. इलेक्ट्रिक स्कूटरों को खरीदने से पहले उसके सॉकेट आउटलेट को अच्छे से चेक कर लें, सॉकेट जमीन से कम से कम 800 मिलीमीटर ऊपर होना ही चाहिए, तभी वाहन पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा.

  2. इलेक्ट्रिक स्कूटरों में जो लीथियम आयन बैटरी लगी है, उसे देखते हुए वाहन केा उपयोग के समय के अतिरिक्त रूम टेम्परेचर में ही रखने की सलाह दी जाती है, अर्थात वाहन को चलाने के बाद घर लाकर किसी खाली पड़े हवादार रूम जिसका उपयोग न हो रहा हो में या वैंटिलेशन वाले गैराज में ही खड़ा करें.

  3. स्कूटर को पार्किंग में या बाहर कहींं कभी सीधे धूप के संपर्क में रखकर नहीं जाएं. उसे घर लाकर या बाहर जहां खड़ा करते हैं वह स्थान आग या फिर हीट पैदा करने वाले स्थानों, ऐसी के वेंट, रसाईघर से दूर हो.

  4. स्कूटर को चलाकर लाने के तुरंत बाद उसे कभी चार्ज न करें, उस समय बैटरी के अंदर लिथियम-आयन सेल बहुत गर्म रहते हैं. उसे उपयोग के कम से कम 45 मिनट बाद ही चार्ज करना चाहिए, उससे पहले नहीं. तब तक बैटरी ठंडी हो जाती है.

  5. इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में आग लगने की एक बड़ी वजह शॉर्ट सर्किट भी है. जब भी आपकी गाड़ी में स्पार्क हो तो उसे नेगलेक्ट न करें.

  6. इसके कोई तार खुले दिखें तो उन्हें तत्काल कवर करें, क्योंकि हरेक तार में करंट उतरता है, उन्हें खुला छोड़ना आग लगने की वजह बनती है.

  7. सर्विसिंग हमेशा गाड़ी की एजेंसी पर ही करानी चाहिए. अनट्रेंड मैकेनिक को नहीं दिखानी चाहिए, क्योंकि वे सुरक्षा उपायों की अनदेखी करते हैं और तार खुले छोड़ देते हैं, जिससे स्पार्क होने पर गाड़ी में आग लग जाती है.

  8. बैटरी के फुल चार्ज होने पर ही इलेक्ट्रिक व्हीकल से लंबी दूरी तय करने की सोचें. कम चार्ज बैटरी के बावजूद लगातार गाड़ी चलाकर बैटरी पर ओवरलोड न डालें. इससे बैटरी के सेपरेटर प्रभावित होते हैं और बैटरी कंपोनेंट्स एनोड और कैथोड में गड़बड़ी से ब्लास्ट हो जाता है.

  9. अगर इलेक्ट्रिक स्कूटर को धो रहे हों तो धाेने से पहले उसमें से बैटरी जरूर निकाल लें.

  10. किसी गीले स्कूटर में बैटरी को वापस अटैच न करें, उसके ड्राइ होने पर ही बैटरी को लगाएं.

  11. बैटरी को कभी गीले कपड़े या सॉल्वेंट या क्लीनर से साफ करने की गलती न करें.

  12. कनेक्टर के डिफॉल्ट कनेक्शन को कभी न छेड़ें. उसे व्हीकल से जोड़ने किसी कॉर्ड एक्सटेंशन या एडॉप्टर का उपयोग कभी न करें.

  13. बैटरी बहुत ज्यादा गर्म हो रही हो, फूल रही हो, उसका चेंज हो रहा हो तो इससे खतरे का संकेत समझें. उसका इस्तेमाल तत्काल बंद कर उसे बदलवाएं.

  14. स्कूटर में केवल मैन्युफैक्चिरिंग में साथ आई बैटरी ही उपयोग करें. उसके अलावा किसी अन्य सस्ती व लोकल बैटरी का इस्तेमाल करने से स्कूटर में आग लग सकती है.

  15. ऐसा ही नियम अपने स्कूटर के साथ आए चार्जर और चार्जिंग केबल के लिए रखें, उनके अलावा किसी और चार्जर और चार्जिंग केबल का इस्तेमाल न करें.

  16. जब वाहन लंंबे समय तक उपयोग में ना लाया जाना हो, तो उसकी डिटेचेबल बैटरी केा निकालकर किसी सूखे, सही तापमान वाले और पर्याप्त वेंटिलेशन वाले स्थान पर रख दें.

  17. जब बैटरी पूरी तरह चार्ज हो जाए तो उसे उसके चार्जर से हटा दें.

  18. इलेक्ट्रिक गाड़ियां तो वैसे पेट्रोल-डीजल से चलने वाली गाड़ियों की तुलना में अधिक सुरक्षित मानी जाती हैं, पर उनके रख-रखाव को समझना जरूरी है, सही वक्त पर गाड़ी सर्विसिंग के लिए दी जाए तो आग लगने जैसे हादसों की कभी नौबत ही नहीं आएगी.

  19. सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए जो नियम लागू किए हैं उन्हें और इन वाहनों के साथ जो सुरक्षा मैनुअल आया है, सबसे पहले उसे बहुत अच्छे से पढ़ें और उनके अनुसार ही अपने स्कूटर का रखरखाव करें.

  20. इन टिप्स से काफी सुरक्षित रहा जा सकता है, पर इनके अलावा भी कुछ अप्रत्याशित स्थितियां हो सकती हैं जो आपके इलेक्ट्रिक व्हीकल में आग को ट्रिगर करती हैं. अगर आप सारी सावधानियां बरतते हैं, फिर भी आग लगती है तो यह आपकी गलती नहीं है. कुछ बैटरियां गलत तरह से बनाए जाने की वजह के कारण भी फटती हैं. अगर निर्माता कंपनी ने इन्हें सॉफ्टवेयर के साथ सही से सिंक नहीं किया तो भी उनकी वर्किंग गड़बड़ा सकती है, ऐसे में घटना होने पर आप कंपनी पर क्लेम कर सकते हैं.

Electric Scooters में आग लगने की कई घटनाएं सामने आ रही हैं, इसलिए हम पाठकों की सुरक्षा के लिए लाए हैं यह नॉलेज पीस
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चार्जिंग की सावधानियां

21. बैटरी को चार्ज करते समय ध्यान रखें कि वाहन सूरज की रोशनी के सीधे संपर्क में या किसी बेहद गर्म जगह में या अग्नि स्रोत के पास न रखा हो.

22.बैटरी को जहां हम चार्ज करें उस जगह का पर्याप्त हवादार होना बहुत जरूरी है. यह तो बहुत ही ध्यान रखना है कि चार्ज करने वाली जगह के पास पानी न फैला हो.

23.जब बैटरी चार्ज हो रही हो तो उस समय चार्जर को बैटरी के ऊपर न रखें.

24.बैटरी को पांच घंटे से अधिक चार्ज न करें, यानी रातभर या दिनभर बैटरी को चार्ज के लिए न लगाएं. लगातार चार्जिंग और ओवरचार्ज की वजह से सेपरेटर टूट जाते हैं और ब्लास्ट हो सकता है.

25.अगर बैटरी एकदम से डिस्चार्ज हो गई हो या उसे नुकसान हुआ है तो उसे चार्ज न करें. डैमेज सेल में ओवरहीट जनरेट हो सकती है. इससे एक सेल में पैदा हुई हीट दूसरे में पहुंच जाती है और चेन रिएक्शन शुरू हो जाता है, जिससे आग लग सकती है.

26.पोर्टेबल बैटरी है तो कभी ऐसा न करें कि इसे चार्ज पर लगा दें और सो जाएं.

27. बैटरी को कभी डीप डिस्चार्ज की या ओवर चार्ज की स्थिति में न जाने दें. इससे बैटरी के भीतर इलेक्ट्रिकल मिसबैलेंस पैदा होता और वह आग या ब्लास्ट का कारण बनता है.

28. कभी भी वोल्टेज प्लक्च्युएशन के दौरान या हाई-लो वोल्टेज में बैटरी चार्ज न करें, इससे सेल के सेपरेटर का कोर टेंपरेचर बिगड़ता है और वह पिघल सकता है. इससे बैटरी आयन का मूवमेंट बंद हो सकता है और वह फट सकती है.

29.यदि आपके स्कूटर में डिटेचेबल यानी अलग करने वाली बैटरी है, तो उसे स्कूटर निकालकर अलग से चार्ज करना ही सबसे अच्छा रहेगा, इससे चार्जिंग एरर से हुए विस्फोट में आपका स्कूटर बचने के काफी चांस रहेंगे.

30.सबसे महत्वपूर्ण बात कि आपको समझना होगा कि आप एक लिथियम आयन बैटरी वाला वाहन चला रहे हैं, तो आपको लिथियम-आयन बैटरी की कार्यप्रणाली को भी समझना होगा, इसके टेंपरेचर मेंटेनेंस, बैटरी सिस्टम, वेंटिलेशन, चार्जिंग आदि की चंद जरूरतों को समझकर आप इस वाहन के अच्छे दोस्त बन सकते हैं. यह एक स्मार्ट व्हीकल है तो आप इसे अनभिज्ञ होकर नहीं चला सकते. इसे चलाने के लिए आपको भी स्मार्ट बनना होगा.

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